Jugsalai Garbage : Garbage Problem पर नगर परिषद की सख्त कार्रवाई
जुगसलाई में गाराबासा नाले की समस्या को लेकर नगर परिषद ने स्थानीय लोगों को चेतावनी दी। जानें कचरा फेंकने की वजह से नाले में जाम और पर्यावरण को हो रहे नुकसान की पूरी कहानी।
जुगसलाई: गाराबासा नाले की समस्या एक बार फिर नगर परिषद के रडार पर है। जन शिकायतों के आलोक में जुगसलाई नगर परिषद की टीम ने गाराबासा नाला क्षेत्र का निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों से इस मुद्दे पर विस्तार से पूछताछ की। निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ लोग कूड़े और प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक को घर-घर से कचरा संग्रहण करने वाले वाहनों में न देकर सीधे नाले में फेंक रहे हैं।
नाले में कचरा फेंकने से जाम और पर्यावरणीय खतरा
जांच के दौरान नगर परिषद की टीम ने पाया कि नाले में कचरा फेंकने की वजह से जल निकासी बाधित हो रही है। प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक, जो नाले में जमाव का मुख्य कारण है, पर्यावरण के लिए भी बेहद खतरनाक है। नाले में लगाए गए जाल को भी कुछ लोगों ने नुकसान पहुंचाया और उसे काट दिया, जिससे समस्या और बढ़ गई है।
कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही पर सख्त हिदायत
मौके पर पहुंचे नगर परिषद अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे गीला, सूखा, सेनेटरी, घरेलू खतरनाक और ई-वेस्ट जैसे कचरे को अलग-अलग रखें। कचरे को नगर परिषद द्वारा अधिकृत कचरा संग्रहण वाहन में ही दें और इसे सड़कों, नालों या खाली जगहों पर न फेंकें।
नगर परिषद ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग दंडनीय अपराध है। साथ ही, यह चेतावनी दी गई कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत दोषियों पर आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गाराबासा नाले की समस्या का इतिहास
गाराबासा नाले की समस्या कोई नई नहीं है। इस क्षेत्र में लंबे समय से कचरा प्रबंधन की अनदेखी की जा रही थी। 2016 में लागू हुए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के बाद भी नाले में कचरा फेंकने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही थीं।
पहले भी कई बार नाले की सफाई और इसे जाम से बचाने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन स्थानीय निवासियों की लापरवाही और जागरूकता की कमी के कारण समस्या जस की तस बनी रही।
पर्यावरणीय दृष्टि से खतरनाक है यह लापरवाही
विशेषज्ञों का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक और अन्य कचरे को नालों में फेंकने से जल प्रदूषण बढ़ता है, जिससे आसपास के इलाकों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, प्लास्टिक के कारण जल निकासी बाधित होती है, जिससे जलभराव की समस्या और अधिक विकराल हो जाती है।
नगर परिषद की सख्त निगरानी और भविष्य की योजनाएं
जुगसलाई नगर परिषद ने गाराबासा नाले की सफाई शुरू कर दी है और इसके लिए विशेष टीम तैनात की गई है। यह टीम नियमित रूप से नाले की निगरानी करेगी ताकि कचरा फेंकने की घटनाओं को रोका जा सके।
नगर परिषद ने यह भी घोषणा की है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें आर्थिक दंड के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी शामिल है। इसके अलावा, जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को कचरा प्रबंधन के सही तरीके सिखाए जाएंगे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
कुछ स्थानीय निवासियों ने नगर परिषद की इस पहल की सराहना की, जबकि कुछ ने इसे अनावश्यक सख्ती बताया। एक निवासी ने कहा, "हमारे पास कचरा फेंकने के लिए उचित साधन नहीं हैं, इसलिए मजबूरी में नाले में कचरा डालना पड़ता है।"
वहीं, नगर परिषद अधिकारियों का कहना है कि यदि लोग जिम्मेदारी से कचरा प्रबंधन करें, तो यह समस्या खत्म हो सकती है।
गाराबासा नाले की समस्या केवल कचरे की समस्या नहीं है; यह लोगों की मानसिकता और जागरूकता की भी परीक्षा है। नगर परिषद के इस कदम से उम्मीद है कि नाले की स्थिति में सुधार होगा और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकेगा।
What's Your Reaction?