Jadugora रहस्य: ईंट भट्ठा से जुड़ा मामला या कुछ और? महिला श्रमिक की रहस्यमयी मौत से गांव में फैली बेचैनी
जादूगोड़ा में महिला श्रमिक सविता सरदार की रहस्यमयी मौत से फैली सनसनी, पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी और शुरू की जांच। जानिए क्या है इस मामले की परत-दर-परत सच्चाई।

जादूगोड़ा: पूर्वी सिंहभूम जिले के जादूगोड़ा थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां कोवाली थाना क्षेत्र के चाकड़ी गांव की रहने वाली सविता सरदार (उम्र 30 वर्ष) की मौत ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। वह मुर्गाघुटु गांव में स्थित एक ईंट भट्ठा में काम करती थी और उसी के पास उनका शव संदिग्ध हालात में पाया गया।
पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए गंभीरता से जुट गई है, लेकिन अभी तक सटीक वजहों का खुलासा नहीं हो पाया है। फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो इस रहस्य पर से पर्दा उठा सकती है।
घटनास्थल का मुआयना और पुलिस की सटीक जांच
रविवार सुबह, जादूगोड़ा थाना के एएसआई आनंद मरांडी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर बैरिकेटिंग करवाई और सबूतों की तलाश शुरू की। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मृतका के भाई के बयान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मामले में यौन उत्पीड़न और साजिश की आशंका को भी खंगाला जा रहा है।
ईंट भट्ठा मालिक की सफाई और सहयोग का दावा
मृतका जिस भट्ठा पर काम करती थी, वह ललन सिंह के स्वामित्व में है। ललन सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि घटना के दिन सविता काम पर नहीं आई थी और वह अक्सर अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित रहती थी। उन्होंने कहा, “बीते 30 सालों में यहां ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। घटना कैसे हुई, इसकी जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन मैं प्रशासन को पूरा सहयोग करूंगा।”
उनका यह बयान कई सवाल भी खड़े करता है कि अगर सब कुछ सामान्य था, तो इस तरह की घटना कैसे और क्यों हुई?
पीड़ित परिवार की मांग – मिले न्याय
सविता के परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी मेहनती और शांत स्वभाव की थी। वे चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच हो, ताकि सच्चाई सामने आ सके। परिवार ने स्पष्ट कहा है कि वे न्याय के बिना चुप नहीं बैठेंगे।
पोटका विधायक संजीव सरदार से भी परिजन मिल चुके हैं और उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। विधायक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी और थाना प्रभारी से संपर्क कर अविलंब कार्रवाई का आग्रह किया है।
पिछले मामलों से तुलना और बढ़ती चिंताएं
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड के ग्रामीण इलाकों में काम करने वाली महिलाओं के साथ संदिग्ध घटनाएं सामने आई हैं। अक्सर श्रमिकों को उचित सुरक्षा और सुविधा से दूर रखा जाता है। यह घटना हमें इस सच्चाई की याद दिलाती है कि ग्रामीण मजदूर महिलाएं अब भी कई बार अदृश्य संकटों का सामना कर रही हैं।
सवाल जिनके जवाब बाकी हैं
सविता सरदार की मृत्यु एक साधारण घटना नहीं, बल्कि एक सिस्टम की खामियों का आईना है। क्या यह मामला केवल लापरवाही का है या किसी गहरे राज़ को छुपा रहा है? क्या महिला श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?
फिलहाल पुलिस की जांच जारी है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कई सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है। लेकिन तब तक, यह मामला झारखंड के प्रशासन और समाज दोनों के लिए सोचने का एक गंभीर मौका जरूर है।
What's Your Reaction?






