ITMS: रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और कुशलता का नया आयाम
इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS) से रेलवे ट्रैक की निगरानी में नया युग शुरू। जानें इसकी तकनीकी विशेषताएं और कैसे यह सुनिश्चित करता है सुरक्षित रेल संचालन।
05 दिसम्बर, 2024: रेलवे के क्षेत्र में समय के साथ तकनीक ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS) का है, जो अब ट्रैक रिकॉर्डिंग कार (टीआरसी) पर स्थापित एक अत्याधुनिक प्रणाली के रूप में कार्य कर रहा है। इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य ट्रैक की निगरानी और माप को प्रभावी ढंग से करना है।
क्या है ITMS?
ITMS एक स्मार्ट तकनीकी प्रणाली है जो 20-200 किमी प्रति घंटे की गति सीमा में ट्रैक के मापदंडों को रिकॉर्ड करने और निगरानी करने की क्षमता रखती है। यह सिस्टम कई उन्नत तकनीकों जैसे कॉन्टैक्टलेस लेजर सेंसर, हाई स्पीड कैमरे, IMU (इनर्शियल मेजरमेंट यूनिट), एनकोडर, एक्सेलेरोमीटर, GPS, आदि से लैस होता है। इन तकनीकों का उपयोग डेटा एकत्रित करने, विश्लेषण करने, और संसाधित करने के लिए एक एकीकृत सॉफ़्टवेयर द्वारा किया जाता है।
ITMS का महत्व और उपयोगिता
रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए ITMS सिस्टम अत्यंत प्रभावी है। यह पी-वे अधिकारियों को तत्काल अलर्ट प्रदान करता है, जिससे उन्हें खराब स्थानों पर जल्दी ध्यान देने की सुविधा मिलती है। यह सिस्टम एसएमएस और ईमेल के माध्यम से वास्तविक समय में अलर्ट भेजता है, जिससे ट्रैक की स्थिति पर तुरंत ध्यान दिया जा सकता है।
मुख्य उप-प्रणालियाँ
- ट्रैक ज्यामिति मापने की प्रणाली - जड़त्वीय सिद्धांत का उपयोग कर लेजर सेंसर और उच्च गति वाले कैमरों से ट्रैक की मापदंडों की निगरानी।
- रेल प्रोफ़ाइल और घिसाव माप प्रणाली - रेल की स्थिति और घिसाव को लेजर सेंसर और कैमरों से मॉनिटर करने की प्रणाली।
- ट्रैक घटक स्थिति की निगरानी - वीडियो निरीक्षण के माध्यम से ट्रैक के घटकों (जैसे रेल, स्लीपर, फास्टनिंग्स) की निगरानी।
- त्वरण माप - कोच के अंदर सवारी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक्सेलेरोमीटर से माप।
- रियर विंडो वीडियो रिकॉर्डिंग - ट्रैक और आसपास के वातावरण की स्थिति की वीडियो निगरानी।
- उल्लंघन की माप प्रणाली - LIDAR तकनीक से एमएमडी/एसओडी लिफाफे के उल्लंघनों की निगरानी।
ऑपरेशन और रखरखाव
इस प्रणाली का संचालन और रखरखाव सात साल की अवधि के लिए आपूर्तिकर्ता फर्म के पास होता है। 2022-23 और 2023-24 के दौरान आईआर (भारतीय रेलवे) ने तीन ITMS सिस्टम को स्थापित किया। इन सिस्टम्स का उद्देश्य वैधानिक ट्रैक रिकॉर्डिंग को सुनिश्चित करना है, जिससे रेलवे की सुरक्षा और संचालन को प्राथमिकता दी जा सके।
इतिहास की झलक
भारतीय रेलवे ने समय के साथ अपनी तकनीकी क्षमता को बढ़ाया है। ITMS जैसे उन्नत तकनीकों के शामिल होने से रेलवे का संचालन और भी सुरक्षित, कुशल और प्रभावी हो गया है। जब ट्रैक निगरानी की बात आई, तो ITMS ने उस चुनौती को चुनौती दी है, जिससे रेलवे की विश्वसनीयता और यात्री सुरक्षा में सुधार हो रहा है।
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