Bengaluru Murder: लाउडस्पीकर पर बात करने से पत्नी की जान गई, पति ने रची खौफनाक साजिश!
बेंगलुरु के महागणपतिनगर में एक पति ने मामूली बहस के बाद पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। जानिए कैसे लाउडस्पीकर पर बातचीत की छोटी सी बात एक दिल दहला देने वाली वारदात में बदल गई।

कभी-कभी एक मामूली झगड़ा भी ऐसा रूप ले सकता है, जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है बेंगलुरु से, जहां एक पति ने लाउडस्पीकर पर बात करने को लेकर हुई बहस में अपनी पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी।
यह दर्दनाक घटना बेंगलुरु के महागणपतिनगर में 24 अप्रैल की शाम 6 बजे के करीब घटी, जब एक घरेलू तकरार ने खौफनाक मोड़ ले लिया।
क्या था पूरा मामला?
आरोपी की पहचान 43 वर्षीय लोकेश कुमार गहलोत के रूप में हुई है, जो मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है और बेंगलुरु में एक फोटो स्टूडियो चलाता है। पीड़िता नमिता साहू, जिसकी उम्र भी 43 साल थी, उसकी पत्नी थी।
बताया जा रहा है कि उस दिन नमिता ने अपने पति से एक सामान्य सी बात कही — "कृपया फोन को लाउडस्पीकर पर डाल दो", ताकि वो एक रिश्तेदार की बात सुन सके। लेकिन लोकेश इस बात पर इतना भड़क गया कि दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई।
बहस इतनी बढ़ गई कि गुस्से में लोकेश ने नमिता पर हमला कर दिया, और गला दबाकर उसकी जान ले ली।
वारदात के बाद की सच्चाई
हत्या के बाद आरोपी लोकेश मौके से फरार हो गया। जब घर के मालिक भूपेंद्र को कुछ संदिग्ध लगा, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची बसवेश्वर नगर पुलिस ने जांच शुरू की और जल्द ही लोकेश को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में यह बात सामने आई कि लोकेश लंबे समय से नमिता पर दहेज के लिए दबाव बना रहा था। वह चाहता था कि नमिता अपने मायके से पैसे लेकर आए ताकि वह अपने फोटो स्टूडियो को बड़ा कर सके और जमीन खरीद सके।
पांच साल की शादी, तीन साल की बेटी
इस दंपति की शादी पांच साल पहले एक मैट्रिमोनियल सर्विस के जरिए हुई थी। शुरुआत में सबकुछ सामान्य था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से पैसों को लेकर झगड़े शुरू हो गए थे।
जानकारी के मुताबिक, बीते 15 दिनों से दोनों के बीच पैसों को लेकर तनाव चरम पर था। और 24 अप्रैल की शाम, ये तनाव एक जानलेवा हिंसा में बदल गया।
सबसे दर्दनाक बात यह है कि इस दंपति की एक तीन साल की मासूम बेटी भी है, जो अब इस भीषण त्रासदी के बाद मां के प्यार से वंचित हो गई है और पिता के अपराध का बोझ भी ढोएगी।
भारत में घरेलू हिंसा के पीछे बढ़ती दहेज संस्कृति
यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि भारतीय समाज में दहेज के नाम पर हो रही घरेलू हिंसा की भयंकर तस्वीर है।
हर साल भारत में हजारों महिलाएं दहेज के लिए प्रताड़ित की जाती हैं। कई मामलों में ये प्रताड़ना मौत पर जाकर खत्म होती है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, दहेज से जुड़ी हिंसा के मामले अब भी बड़ी संख्या में सामने आते हैं, बावजूद इसके कि दहेज प्रथा पर रोक लगाने वाले कानून सालों से मौजूद हैं।
क्या कहती है पुलिस और अगला कदम?
पुलिस अब हत्या, दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा की धाराओं के तहत केस दर्ज कर चुकी है और आगे की जांच में जुटी है।
लोकेश को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, जबकि बच्ची की कस्टडी को लेकर सामाजिक विभाग से भी संपर्क किया जा रहा है।
सबक – छोटी बातों को नजरअंदाज न करें
यह घटना हमें यह सिखाती है कि घरेलू जीवन में संवाद का टूटना और छोटी बातों को तूल देना कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकता है।
मीडिया, समाज और कानून – सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।
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