Jamshedpur सन्नाटा: बारीडीह की 11वीं की छात्रा की रहस्यमयी मौत, घर लौटी मां के सामने खुला दर्दनाक सच
जमशेदपुर के सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में 11वीं की छात्रा नलिनी बिरुआ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, परिजन और पुलिस दोनों रह गए हैरान। जानिए क्या है पूरा मामला।

झारखंड के जमशेदपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने शहर को स्तब्ध कर दिया है। सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के बारीडीह बस्ती में रहने वाली 19 वर्षीय नलिनी बिरुआ, जो एग्रीको स्थित सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की 11वीं कक्षा की छात्रा थी, शनिवार शाम अपने ही घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई।
जिस वक्त यह घटना हुई, उस समय घर में नलिनी अकेली थी। उसकी मां काम पर गई हुई थी और छोटा भाई दोस्तों के साथ बाहर खेल रहा था। जैसे ही मां काम से लौटी और नलिनी के कमरे का दरवाजा भीतर से बंद पाया, उसकी बेचैनी बढ़ गई।
खिड़की से झांका तो सन्न रह गई मां
काफी आवाज लगाने के बाद भी जब नलिनी ने कोई जवाब नहीं दिया, तो परिजनों ने खिड़की से झांक कर देखा। वहां का नज़ारा किसी भी मां के लिए असहनीय था। नलिनी कमरे में साड़ी के सहारे लटकती नजर आई। इसके बाद दरवाजा तोड़कर उसे नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
कैसे बीते थे नलिनी के दिन?
परिवार के अनुसार, नलिनी चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थी। कुछ वर्ष पूर्व ही उसके पिता का निधन हो गया था। उसके बाद से घर की जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई थी। नलिनी एक मेहनती और शांत स्वभाव की छात्रा थी। वह हर शाम ट्यूशन जाती थी और उसी दिन भी वह ट्यूशन से लौटने के बाद सीधे अपने कमरे में चली गई थी।
भाई लखन बिरुआ के मुताबिक, घर में किसी भी तरह का तनाव या झगड़ा नहीं था, न ही नलिनी किसी बात को लेकर परेशान दिख रही थी।
पुलिस की शुरुआती जांच में क्या सामने आया?
घटना की सूचना मिलते ही सिदगोड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के मुताबिक, प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए जांच जारी है।
पुलिस अब स्कूल, ट्यूशन और परिवार के अन्य सदस्यों से बातचीत कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि नलिनी किन हालातों से गुजर रही थी। मोबाइल फोन और निजी डायरी को भी जांच में शामिल किया गया है।
समाज के लिए एक आईना
नलिनी की रहस्यमयी मौत कई सवाल छोड़ गई है। आज के दौर में युवा मानसिक तनाव, पढ़ाई का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियों और भविष्य को लेकर चिंताओं से घिरे रहते हैं। नलिनी जैसे केस यह सोचने को मजबूर करते हैं कि क्या हम अपनों की खामोशियों को समझ पा रहे हैं?
क्या हमारे आसपास के लोग, खासकर किशोरवय बच्चे, अपने भावनात्मक संघर्षों के बीच अकेले तो नहीं छूट रहे हैं?
नलिनी बिरुआ की दुखद मौत केवल एक घर का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का नुकसान है। यह घटना हमें आत्मचिंतन का अवसर देती है कि घर, स्कूल और समाज मिलकर कैसे युवाओं के लिए एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण बना सकते हैं।
फिलहाल, पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और परिजन उम्मीद कर रहे हैं कि नलिनी की मौत का सच जल्द सामने आएगा।
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