Jamshedpur EDucation Innovation : Education and Innovation पर डेलोइट और एक्सएलआरआइ का बड़ा समझौता!
डेलोइट इंडिया और एक्सएलआरआइ के बीच एमओयू से शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई पाटने का बड़ा कदम। जानिए, इस समझौते से छात्रों और वर्कप्लेस को कैसे मिलेगा फायदा।
जमशेदपुर : डेलोइट इंडिया और एक्सएलआरआइ के बीच एक ऐतिहासिक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिसका उद्देश्य शिक्षा और वर्कप्लेस में इनोवेशन को बढ़ावा देना है। यह एमओयू भविष्य के बिजनेस लीडर्स को तैयार करने और शिक्षा तथा उद्योग के बीच की खाई को पाटने में मील का पत्थर साबित होगा। डेलोइट की ओर से साउथ एशिया में कंसल्टिंग के प्रेसिडेंट सतीश गोपालैया और एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर एस. जार्ज ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
समझौते का उद्देश्य और संभावनाएं
यह समझौता बदलते व्यापारिक परिदृश्य में इनोवेशन को धरातल पर उतारने और सीखने के नए अवसरों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। डेलोइट इंडिया और एक्सएलआरआइ का यह संयुक्त कदम एआई, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, और चैटजीपीटी जैसे उभरते तकनीकी युग में छात्रों को बेहतर तरीके से तैयार करने में मदद करेगा।
सतीश गोपालैया ने एमओयू के महत्व पर बात करते हुए कहा, "यह साझेदारी शिक्षा और इंडस्ट्री के बीच की दूरी को कम करने के साथ-साथ वर्कप्लेस पर इनोवेशन को बढ़ावा देने का एक बड़ा प्रयास है।"
डिजिटल युग में अपग्रेडेशन की जरूरत
डेलोइट साउथ एशिया के प्रेसिडेंट सतीश गोपालैया ने हाल ही में एक्सएलआरआइ के जनरल मैनेजमेंट प्रोग्राम (जीएमपी) के विद्यार्थियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे एआई और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के इस युग में नई चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को लगातार अपग्रेड करना जरूरी है।
उन्होंने कहा, "भविष्य के लिए तैयार रहना है, तो हमें अपनी तकनीकी और व्यावसायिक क्षमताओं को बढ़ाना होगा।" सत्र में विद्यार्थियों ने उनसे विभिन्न सवाल पूछे, जिनका उन्होंने बेहद रोचक और प्रेरणादायक तरीके से जवाब दिया।
आपकी पृष्ठभूमि आपकी सफलता की परिभाषा नहीं करती
सतीश गोपालैया ने अपने करियर की शुरुआत भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में एक डिप्टी इंजीनियर के रूप में की थी। आज वह साउथ एशिया की सबसे बड़ी कंसल्टेंसी कंपनी, डेलोइट, के नेतृत्व में हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय आत्मविश्वास और आजीवन सीखने की प्रवृत्ति को दिया।
उन्होंने कहा, "आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि आपकी क्षमता को परिभाषित नहीं करती, बल्कि आपका आत्मविश्वास और खुद को लगातार बेहतर बनाने की सोच आपको सफल बनाती है।"
डेलोइट की परिवर्तनकारी यात्रा और इनोवेशन
सतीश ने भारत में डेलोइट की परिवर्तनकारी यात्रा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे कंपनी ने अत्याधुनिक तकनीक, जनरेटिव एआई, ग्रीन कोडिंग, और समावेशी प्रौद्योगिकी विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश करके व्यापार की दुनिया में नया आयाम जोड़ा।
उन्होंने कहा, "डिजिटल युग में तकनीकी नवाचार व्यवसाय के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। डेलोइट का उद्देश्य छात्रों और वर्कप्लेस के लिए ऐसे समाधान तैयार करना है, जो न केवल प्रभावी बल्कि समावेशी भी हों।"
एमओयू के दूरगामी परिणाम
यह समझौता भारत में शिक्षा और इंडस्ट्री को जोड़ने का एक अनूठा प्रयास है। इसका उद्देश्य छात्रों को वर्कप्लेस की वास्तविक चुनौतियों के लिए तैयार करना और उद्योग में नई सोच और इनोवेशन को प्रोत्साहन देना है।
समाज और शिक्षा को एक नई दिशा
एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर एस. जार्ज ने कहा, "यह एमओयू हमारी शिक्षा प्रणाली को नए आयाम देने में मदद करेगा। हम चाहते हैं कि हमारे छात्र न केवल व्यवसाय में बल्कि समाज में भी सकारात्मक योगदान दें।"
इस समझौते से न केवल छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिलेगा, बल्कि वे व्यापार और प्रौद्योगिकी के उभरते परिदृश्य को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।
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