Chakulia Inauguration: जेएलकेएम पार्टी का मुख्य कार्यालय खुला, जयराम महतो ने दिया बड़ा बयान!
चाकुलिया में जेएलकेएम पार्टी के मुख्य कार्यालय का उद्घाटन हुआ। जयराम महतो ने झारखंड सरकार पर बोला हमला, स्थानीय नीति और रोजगार पर उठाए गंभीर सवाल!

चाकुलिया: झारखंड की राजनीति में नया मोड़, जब जेएलकेएम पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष व डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो ने कुचियाशोली पंचायत में पार्टी के मुख्य कार्यालय का भव्य उद्घाटन किया। इस मौके पर भगवान बिरसा मुंडा, शहीद भगत सिंह और शहीद निर्मल महतो की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। लेकिन असली चर्चा में रहा जयराम महतो का सरकार पर तीखा प्रहार और झारखंड के भविष्य को लेकर बड़ा बयान!
झारखंड के लोग क्यों बन रहे मजदूर? जयराम महतो का बड़ा सवाल!
अपने संबोधन में जयराम महतो ने कहा:
"झारखंड हजारों वीरों की कुर्बानियों के बाद बना, लेकिन सरकारों की गलत नीतियों के कारण यहां के लोग आज भी संघर्ष कर रहे हैं। अगर स्थानीय नीति नहीं बनी, तो झारखंड में 'झारखंडियत' नाम का शब्द भी नहीं बचेगा!"
उन्होंने झारखंड की सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार महिलाओं को मंइया सम्मान के रूप में 2500 रुपए दे रही है, लेकिन सहिया, जल सहिया और सेविकाओं को उनके मेहनताने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
महतो ने मांग की कि अगर सरकार महिलाओं को 2500 रुपए दे रही है, तो सहिया, सेविकाओं को कम से कम 5000 रुपए वेतन मिलना चाहिए।
इतिहास: झारखंड राज्य बनने का संघर्ष
झारखंड आज जिस मुकाम पर खड़ा है, वहां तक पहुंचने में दशकों तक संघर्ष चला।
- 1900 के दशक से ही अलग राज्य की मांग शुरू हुई थी, लेकिन केंद्र सरकारों ने इसे अनदेखा किया।
- बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, और शहीद निर्मल महतो जैसे वीरों ने इस आंदोलन को धार दी।
- 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य बना, लेकिन आज भी मूल निवासियों के अधिकारों को लेकर संघर्ष जारी है।
"मैं विधायक नहीं, गांव का बेटा हूं!" – जयराम महतो
महतो ने जनता को आश्वासन दिया कि वे सिर्फ विधायक नहीं, बल्कि गांव के बेटे के रूप में उनकी समस्याओं को विधानसभा में उठाते रहेंगे।
उन्होंने झारखंड के लोगों से एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि जब तक झारखंड में वास्तविक बदलाव नहीं आता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
उद्घाटन समारोह में उमड़ा जनसैलाब!
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से शंखदीप महतो, सुफल महतो, अनिर्बान सिंह रॉय, कलन महतो, बासुदेव महतो, असित महतो, विश्वजीत महतो, कमल महतो, अशोक महतो, ज्योतिर्मय महतो, अमित महतो, सचिन महतो, शुभदीप महतो, जयराम महतो, परिमल महतो, कार्तिक महतो, मुकेश महतो, मिंटू महतो, राजू महतो, विक्की महतो, दुर्गापद घोष, विशंभर बारीक, पलाश बारीक और कृष्णा कुमार भोल समेत सैकड़ों पुरुष व महिलाएं मौजूद थीं।
क्या झारखंड की राजनीति में आएगा बदलाव?
जयराम महतो की इन बेबाक बातों से झारखंड की राजनीति में नई हलचल शुरू हो गई है। क्या सरकार उनकी मांगों को मानेगी? क्या झारखंड के लोग अपने हक के लिए और संगठित होंगे?
What's Your Reaction?






