Earthquake in Kolkata: सुबह-सुबह भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग!
कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। जानें भूकंप की तीव्रता, केंद्र और इससे जुड़ी ताजा अपडेट।
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Earthquake in Kolkata: सुबह-सुबह भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग!
कोलकाता: मंगलवार की सुबह कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर 5.1 तीव्रता के इस भूकंप से धरती हिल उठी, जिससे घबराए हुए लोग घरों से बाहर निकल आए। हालाँकि, किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में 91 किलोमीटर गहराई में था। इस भूकंप की पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने की है।
सुबह-सुबह झटकों से लोगों में मची अफरा-तफरी
सुबह-सुबह जब लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे, तभी अचानक भूकंप के झटके महसूस किए गए। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि झटके कुछ सेकंड तक रहे, लेकिन काफी तेज थे।
कोलकाता के अलावा – हावड़ा, हुगली, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में भी झटके महसूस किए गए।
एक स्थानीय निवासी राहुल सेनगुप्ता ने बताया,
"मैं चाय पी रहा था, तभी अचानक दीवार और खिड़कियों में कंपन महसूस हुआ। हमने तुरंत घर से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर पनाह ली।"
हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कोई नुकसान या हताहत की खबर नहीं आई है।
क्या पश्चिम बंगाल भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है?
पश्चिम बंगाल सिस्मिक ज़ोन III और IV में आता है, जिसका मतलब है कि यहां मध्यम से तेज़ भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। हालांकि, कोलकाता और इसके आसपास बड़े भूकंप कम ही आते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार:
- बंगाल की खाड़ी में लगातार टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल होती रहती है।
- इस हलचल की वजह से बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में कभी-कभी भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
कोलकाता नगर निगम (KMC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
"हालांकि भूकंप ज्यादा तेज नहीं था, लेकिन हमें सावधानी बरतनी चाहिए। लोगों को ऊँची इमारतों से बाहर आकर खुले स्थानों में जाना चाहिए और सरकारी निर्देशों का पालन करना चाहिए।"
गाजियाबाद, दिल्ली और अन्य जगहों पर भी महसूस हुए भूकंप
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
रविवार (गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश)
- दोपहर 3:24 बजे, 2.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
- भूकंप की गहराई 10 किमी थी।
दिल्ली (कुछ दिन पहले)
- 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था।
- भूकंप का केंद्र धौला कुआं, दिल्ली था।
- इसकी गहराई 5 किमी थी, जिससे पूरा NCR हिल गया था।
पिछले 24 घंटों में इन जगहों पर भी आए भूकंप
भूकंप केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में लगातार दर्ज किए जा रहे हैं।
केमैन आइलैंड्स और होंडुरास (बीते 24 घंटे में 2 बार भूकंप)
1: सोमवार दोपहर (5.4 तीव्रता)
- 239 किमी दक्षिण-पश्चिम ग्रैंड केमैन से
- 10 किमी गहराई पर दर्ज हुआ।
- फिलहाल सुनामी की कोई चेतावनी नहीं जारी की गई।
2: रविवार शाम (4.9 तीव्रता)
- 242 किमी दूर ग्रैंड केमैन से
- 10 किमी गहराई पर दर्ज हुआ।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे और हैज़र्ड मैनेजमेंट केमैन आइलैंड्स लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
भूकंप से बचाव के लिए क्या करें?
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां जरूरी हैं:
भूकंप के दौरान:
- खुले स्थान पर चले जाएं।
- दीवारों, खिड़कियों और भारी फर्नीचर से दूर रहें।
- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से बाहर निकलें।
- टेबल या किसी मजबूत चीज के नीचे बैठें और सिर को ढक लें।
भूकंप के बाद:
- घर में गैस लीक या बिजली के तार टूटने की जांच करें।
- आफ्टरशॉक्स (झटकों के बाद आने वाली हलचल) से बचने के लिए अलर्ट रहें।
- स्थानीय प्रशासन की सलाह का पालन करें।
क्या भारत में भूकंप बढ़ रहे हैं?
हाल के वर्षों में भारत में भूकंप की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। खासकर, हिमालयी क्षेत्र, उत्तर भारत, पूर्वोत्तर और तटीय इलाके अधिक संवेदनशील माने जाते हैं।
क्या वजह हो सकती है?
- टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल
- जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग
- भूगर्भीय संरचना में बदलाव
विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप को रोका नहीं जा सकता, लेकिन सतर्कता और सही बचाव उपायों से जान-माल की क्षति को कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष: क्या हमें सतर्क रहने की जरूरत है?
कोलकाता में आए 5.1 तीव्रता के भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया, लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई।
हालांकि, यह चेतावनी है कि हमें भूकंप के प्रति जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है।
आपको क्या लगता है, क्या भूकंप की घटनाएं बढ़ रही हैं? कमेंट में अपनी राय दें!
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