Jamshedpur Tragedy: घर में अकेली थी 16 साल की मिष्ठी, जब दरवाजा खुला तो दिखा खौफनाक मंजर!
जमशेदपुर के कदमा में 16 साल की छात्रा मिष्ठी दास ने आत्महत्या कर ली। जानिए वह आखिरी पल जब परिवार लौटा और उसे फंदे से लटका पाया। पुलिस कर रही है जांच!

झारखंड के जमशेदपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 16 वर्षीय मिष्ठी दास, जो मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी कर रही थी, ने सोमवार रात अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब परिवार के सदस्य घर लौटे, तो जो उन्होंने देखा, वह उनकी जिंदगी का सबसे खौफनाक दृश्य बन गया।
यह घटना कदमा थाना क्षेत्र के श्यामनगर की है, जहां मिष्ठी अपनी मां के साथ रहती थी। उसकी मां घर चलाने के लिए काम पर जाती थी और परिवार के अन्य सदस्य अपने-अपने काम में व्यस्त रहते थे। सोमवार की शाम जब मिष्ठी घर में अकेली थी, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि वह ऐसा कदम उठा लेगी।
घर लौटते ही बदली जिंदगी, सब कुछ हो गया खत्म!
मिष्ठी के मामा राम पोद्दार के मुताबिक, जब रात में परिवार के लोग घर लौटे, तो दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने कई बार मिष्ठी को आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। जब दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर का नजारा देखकर सबकी चीखें निकल गईं। मिष्ठी पंखे से लटकी हुई थी।
तुरंत उसे एमजीएम अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस खबर से पूरे परिवार में मातम छा गया। हर कोई सदमे में था कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने एक 16 साल की लड़की को इस दर्दनाक कदम के लिए मजबूर कर दिया?
बिखरा हुआ परिवार और अधूरी कहानियां!
मिष्ठी की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। उसकी मां की शादी के कुछ साल बाद उसके पिता दीपू दास ने उन्हें छोड़ दिया था। तभी से उसकी मां अपने मायके में रह रही थीं। मिष्ठी का जन्म भी उसके मामा के घर पर हुआ था।
उसकी पढ़ाई सोनारी भारत सेवाश्रम स्कूल में हो रही थी, जहां से वह इस साल मैट्रिक परीक्षा दे रही थी। लेकिन क्या परीक्षा का तनाव इस आत्महत्या का कारण था, या फिर कुछ और?
उस शाम घर में अकेली थी मिष्ठी, कोई नहीं था आसपास!
सोमवार की शाम जब यह घटना हुई, तब मिष्ठी की मां काम पर गई हुई थी। परिवार के अन्य सदस्य उसके दादा की देखभाल के लिए बाहर गए थे और कुछ लोग राशन कार्ड के KYC अपडेट के लिए प्रज्ञा केंद्र गए थे।
मिष्ठी घर में बिल्कुल अकेली थी। किसी को नहीं पता कि उसने अकेले में क्या महसूस किया और क्या सोचा।
पुलिस की जांच जारी, कई सवालों के जवाब अभी बाकी!
पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। फिलहाल परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है कि क्या मिष्ठी किसी तनाव में थी, या फिर उसके साथ कोई ऐसी घटना घटी थी जिससे उसने यह कदम उठाया।
मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा, जिसके बाद स्थिति कुछ साफ हो सकती है।
आखिर क्यों बढ़ रहे हैं छात्र-छात्राओं में आत्महत्या के मामले?
देशभर में बच्चों में बढ़ता मानसिक तनाव अब एक गंभीर समस्या बन चुका है। खासकर परीक्षा का दबाव, पारिवारिक तनाव और अकेलापन कई बार बच्चों को गलत कदम उठाने पर मजबूर कर देता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ ज्यादा वक्त बिताने की जरूरत है। उन्हें सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी सपोर्ट देना चाहिए।
समाज को क्या सीख लेनी चाहिए?
- बच्चों के साथ बातचीत करें, उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें।
- परीक्षा का तनाव न बनाएं, उन्हें भरोसा दिलाएं कि नंबर ही सबकुछ नहीं होते।
- अकेलेपन से बचाने के लिए परिवार के साथ ज्यादा समय बिताएं।
- मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग कराएं।
क्या था मिष्ठी के मन में? अब कोई नहीं जान पाएगा!
मिष्ठी के जाने के बाद अब उसके मन में क्या चल रहा था, यह कोई नहीं जान पाएगा। लेकिन यह घटना हमें जरूर सिखाती है कि हमारे आसपास कोई हंसता हुआ इंसान भी भीतर से कितना टूट चुका हो सकता है।
यदि आपके आसपास कोई तनाव में दिखे, तो उससे बात करें, उसकी परेशानियों को समझें। हो सकता है आपका एक फोन कॉल या एक बातचीत किसी की जान बचा सकती है!
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