Jamshedpur Truck Accident: टाटा मोटर्स कैंटीन गेट के पास पलटा 709 वाहन, बाल-बाल बचे लोग!
जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र में टाटा मोटर्स कैंटीन गेट के पास एक 709 ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जानिए कैसे हुआ हादसा और क्या रही वजह।

जमशेदपुर/टेल्को: शहर के औद्योगिक हृदय टाटा मोटर्स के कैंटीन गेट के पास गुरुवार शाम को अचानक एक 709 ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
घटना के समय ट्रक में सामान लोड था, जिसे टाटा मोटर्स परिसर के भीतर ले जाया जा रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मोड़ पर तेज रफ्तार और ट्रक का भारी लोड संयोजन बन गया हादसे की वजह। सौभाग्य से, इस भयंकर लगती दुर्घटना में कोई बड़ा जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
कैसे हुआ हादसा?
टेल्को थाना क्षेत्र के अंतर्गत टाटा मोटर्स कैंटीन गेट के पास एक घुमावदार मोड़ है, जिसे स्थानीय ड्राइवर अक्सर “खतरनाक मोड़” कहकर पुकारते हैं।
इसी जगह पर गुरुवार शाम लगभग 5 बजे के आसपास 709 मॉडल का ट्रक तेज मोड़ लेते हुए संतुलन खो बैठा और पलट गया।
ड्राइवर को हल्की चोटें आई हैं, जिन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।
स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली कि ट्रक के आसपास कोई राहगीर उस समय मौजूद नहीं था, वरना मामला और गंभीर हो सकता था।
टाटा मोटर्स की सिक्योरिटी टीम का त्वरित एक्शन
जैसे ही दुर्घटना की सूचना फैली, टाटा मोटर्स की सिक्योरिटी टीम मौके पर पहुंच गई और तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया।
सुरक्षा कर्मियों ने ट्रैफिक को कुछ समय के लिए डायवर्ट किया और घायल चालक को सुरक्षित रूप से अस्पताल पहुंचाया।
हालांकि कुछ समय के लिए वहां का यातायात अवरुद्ध हो गया, पर सिक्योरिटी टीम की सूझबूझ से स्थिति को जल्द काबू में कर लिया गया।
ट्रक को हटाने की प्रक्रिया जारी है और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि ड्राइवर की गलती थी या ब्रेक सिस्टम में कोई तकनीकी खराबी थी।
इतिहास दोहराता है? टेल्को क्षेत्र में पहले भी हो चुके हैं हादसे
यह कोई पहला मामला नहीं है जब टेल्को क्षेत्र में ट्रक या भारी वाहन पलटा हो।
टाटा मोटर्स जैसे भारी औद्योगिक क्षेत्र के आस-पास अक्सर भारी वाहनों की आवाजाही रहती है, और इस तरह के हादसे लगातार सुरक्षा सवाल खड़े करते हैं।
साल 2022 में भी एक लोडेड ट्रेलर इसी क्षेत्र में पलट गया था, जिसमें दो लोग घायल हुए थे।
सड़क की स्थिति, संकीर्ण मोड़ और ड्राइवर की लापरवाही मिलकर इस क्षेत्र को अकसर हादसों की तरफ धकेलते हैं।
सवाल उठता है – क्या भारी ट्रकों के लिए विशेष लेन की जरूरत है?
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर क्या और सख्ती जरूरी है?
क्या भारी वाहनों के लिए एक विशेष लेन नहीं बनाई जानी चाहिए, ताकि पैदल चलने वाले और छोटे वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके?
फिलहाल जांच जारी है, रिपोर्ट का इंतजार
टेल्को थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रक को हटवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और अब पूरे मामले की तकनीकी और मानवीय दोनों एंगल से जांच की जा रही है।
ड्राइवर का मेडिकल परीक्षण भी कराया जा रहा है ताकि नशा या थकावट जैसे पहलुओं को परखा जा सके।
जहां एक ओर गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, वहीं यह घटना एक चेतावनी की तरह है कि ट्रैफिक सुरक्षा में जरा सी चूक भी बड़े खतरे का रूप ले सकती है।
टाटा मोटर्स जैसे संस्थान के आस-पास सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की जरूरत अब और भी स्पष्ट हो चुकी है।
यह हादसा भले ही छोटा हो, लेकिन इसकी गूंज बड़ी होनी चाहिए – ताकि भविष्य में किसी की जान पर बन न आए।
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