Jamshedpur Tiger Alert : दलमा में बाघ की वापसी! ट्रैप कैमरे में कैद हुई सनसनीखेज तस्वीरें!
जमशेदपुर के दलमा जंगल में बाघ की वापसी! ट्रैप कैमरे में कैद हुईं चौंकाने वाली तस्वीरें। वन विभाग सतर्क, आम लोगों को दी गई चेतावनी। जानिए पूरी खबर।

क्या जमशेदपुर के दलमा जंगल में बाघ की वापसी हो चुकी है? अब तक सिर्फ पैरों के निशान दिख रहे थे, लेकिन इस बार ट्रैप कैमरे ने इस रहस्य से पर्दा उठा दिया है! आखिर कैसे हुआ बाघ की मौजूदगी का खुलासा, और क्या इसका खतरा बढ़ सकता है? आइए, जानते हैं पूरी कहानी!
बाघ की मौजूदगी की पुष्टि – ट्रैप कैमरे में तीन तस्वीरें कैद!
दलमा वन्यजीव अभयारण्य में पिछले कुछ समय से बाघ की मौजूदगी को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन अब वन विभाग ने आधिकारिक रूप से पुष्टि कर दी है कि दलमा के जंगलों में एक बाघ घूम रहा है। वन विभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों में तीन अलग-अलग एंगल से इसकी तस्वीरें कैद हुई हैं। यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और स्थानीय लोगों में सनसनी मच गई है।
अब तक सिर्फ मिलते थे पैरों के निशान, अब मिला पुख्ता सबूत!
अब तक दलमा में बाघ के सिर्फ पंजों के निशान ही देखे जा रहे थे, जिससे उसकी मौजूदगी को लेकर संदेह बना हुआ था। लेकिन अब तस्वीरों ने सारे संदेह खत्म कर दिए। बाघ की तस्वीरें आने के बाद वन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है।
दलमा में बाघ कब से है? जानें इसकी लोकेशन हिस्ट्री
बाघ की यह पुष्टि 31 दिसंबर के बाद से उसकी गतिविधियों को ट्रैक करने के बाद हुई है। इस दौरान यह बाघ चांडिल, चौका, घाटशिला, पुरुलिया और आसपास के जंगलों में देखा गया था। अब यह फिर से दलमा के कोर एरिया में लौट आया है। यह सफर दिखाता है कि यह बाघ इलाके में सक्रिय है और बार-बार अपनी जगह बदल रहा है।
बाघ की मौजूदगी क्यों है खास? जानिए दलमा के इतिहास से
दलमा वन्यजीव अभयारण्य झारखंड का एक प्रमुख जंगल है, जो खासतौर पर हाथियों के लिए जाना जाता है। लेकिन बाघों की मौजूदगी यहां बेहद कम रही है। पिछली बार 2015 में दलमा में बाघ देखे जाने की खबर आई थी, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला था। अब लगभग एक दशक बाद, ट्रैप कैमरों ने बाघ के फिर से लौटने का सबूत दे दिया है।
वन विभाग सतर्क, आम लोगों को दी गई चेतावनी!
बाघ की मौजूदगी की पुष्टि होते ही वन विभाग ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
रात में जंगल के पास न जाएं।
बाघ के बारे में कोई भी संदिग्ध गतिविधि तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
फसल या मवेशियों की सुरक्षा के लिए विशेष सावधानी बरतें।
बाघ को देखने की कोशिश न करें, बल्कि दूर से ही सतर्क रहें।
क्या दलमा अब बाघों का नया ठिकाना बनने जा रहा है?
दलमा में बाघ का दिखना इस ओर इशारा करता है कि अब यह इलाका बाघों के लिए अनुकूल हो सकता है।
वन विभाग के मुताबिक, बाघ के लिए दलमा में पर्याप्त शिकार मौजूद है।
बाघों के संरक्षण के लिए हाल ही में सरकार द्वारा कई नए कदम उठाए गए हैं।
दलमा के जंगल प्राकृतिक रूप से घने और सुरक्षित हैं, जो बाघों को आकर्षित कर सकते हैं।
आगे क्या होगा?
अब वन विभाग इस बाघ की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। अधिकारियों के मुताबिक, अगर बाघ ज्यादा समय तक दलमा में रुकता है, तो इसे लेकर विशेष रणनीति बनाई जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह बाघ दलमा में स्थायी रूप से रहता है या फिर किसी और इलाके की ओर बढ़ जाता है।
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