SaraiKela Retirement – प्रधान लिपिक दीपक मिश्रा को दी गई भावभीनी विदाई, 27 साल का सराहनीय कार्यकाल पूरा
सरायकेला सिविल कोर्ट में प्रधान लिपिक दीपक कुमार मिश्रा को 27 वर्षों की सेवा के बाद भावभीनी विदाई। न्यायाधीशों और कर्मियों ने पुष्प गुच्छ और उपहार भेंट किए।
सरायकेला: सिविल कोर्ट सरायकेला में शुक्रवार को एक भावभीनी विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधान लिपिक दीपक कुमार मिश्रा को उनकी 27 वर्षों की सफल सेवा के बाद सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। दीपक मिश्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और कड़ी मेहनत का परिचय देते हुए एक उदाहरणीय कार्यकाल पूरा किया।
न्यायाधीशों और कर्मियों ने किया सम्मानित
विदाई समारोह में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर सिंह, कुटुंब न्यायालय के प्रधान जज वीरेश कुमार और प्रथम सत्र न्यायाधीश चौधरी अहसान मोईज सहित अन्य न्यायिक अधिकारियों और न्यायालय कर्मियों ने भाग लिया। सभी ने पुष्प गुच्छ और उपहार भेंट कर दीपक कुमार मिश्रा को सम्मानित किया और उनके सुखमय एवं मंगलमय भविष्य की कामना की।
27 वर्षों का बेदाग और प्रेरणादायक कार्यकाल
दीपक कुमार मिश्रा ने न्याय मंडल में सहायक पद से शुरुआत की और अपनी कड़ी मेहनत और कार्य के प्रति समर्पण के कारण प्रधान लिपिक के पद तक पहुंचे। 27 वर्षों के इस शानदार करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण न्यायिक कार्यों का निष्पादन किया और कर्तव्य पालन में कोई कमी नहीं छोड़ी। उनकी ईमानदारी और समर्पण की सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।
सेवा का हर पल रहा प्रेरणादायक
कार्यक्रम के दौरान दीपक मिश्रा ने सिविल कोर्ट सरायकेला में बिताए अपने 27 सालों को याद किया। उन्होंने कहा,
"यह सफर मेरे लिए बेहद यादगार और सीखों से भरा रहा। मैंने हमेशा न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा बनाए रखने का प्रयास किया।"
सिविल कोर्ट का गौरवशाली इतिहास
सरायकेला सिविल कोर्ट का इतिहास न्यायिक मर्यादाओं और कर्तव्यनिष्ठा से जुड़ा रहा है। यह कोर्ट 1960 के दशक से अपनी न्यायिक सेवाओं के लिए जाना जाता है। दीपक मिश्रा जैसे कर्मियों ने इस गरिमा को और ऊंचा किया है।
विदाई के दौरान भावुक माहौल
विदाई समारोह के दौरान माहौल भावुक हो गया, जब दीपक मिश्रा ने अपने सहकर्मियों और अधिकारियों के साथ बिताए पलों को याद किया। न्यायिक अधिकारियों ने उनकी ईमानदारी और समर्पण की सराहना की।
क्या बोले प्रधान जिला न्यायाधीश?
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर सिंह ने कहा,
"दीपक जी का कार्यकाल नए कर्मियों के लिए प्रेरणा है। उनकी ईमानदारी और मेहनत न्यायालय के उच्च मानकों का उदाहरण है।"
दीपक कुमार मिश्रा की सेवानिवृत्ति सिर्फ एक विदाई समारोह नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी का प्रेरणादायक अध्याय है। उनकी सादगी और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर रहेगा।
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