Kandra Accident: पिता के साथ घर लौट रही युवती को कुचलता चला गया ट्रेलर, सड़क पर तड़पती रही ज़िंदगी
सरायकेला-खरसावां जिले के कांड्रा में ट्रेलर की टक्कर से 18 वर्षीय छात्रा गंभीर रूप से घायल, एमजीएम अस्पताल में भर्ती, आरोपी वाहन फरार।

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। चांडिल हॉस्टल से छुट्टी लेकर पिता के साथ घर लौट रही 18 वर्षीय लक्ष्मी सोय की जिंदगी उस समय थम सी गई, जब कांड्रा बाजार के समीप एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने उसे रौंद डाला। यह हादसा सुबह करीब 10 बजे हुआ, जब युवती नाश्ता करने के लिए सड़क किनारे रुकी थी।
नाश्ते के दौरान टूटी खुशियां
लक्ष्मी सोय, जो खरसावां के मदुरा साई गांव की निवासी है, अपने पिता के साथ हॉस्टल से घर लौट रही थी। दोनों कांड्रा बाजार पहुंचे और एक दुकान के बाहर नाश्ता करने लगे। तभी पीछे से आ रहे ट्रेलर ने नियंत्रण खोते हुए लक्ष्मी को सीधा टक्कर मार दी। पिता के सामने बेटी की चीखें गूंज उठीं और देखते ही देखते वह ज़मीन पर लहूलुहान पड़ी थी।
कमर और हाथ में गंभीर चोटें
स्थानीय लोगों की मदद से घायल लक्ष्मी को तुरंत एमजीएम अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर बताया है। कमर और हाथ में गहरी चोटें आई हैं, और फिलहाल वह डॉक्टरों की निगरानी में है। बताया जा रहा है कि यदि कुछ सेकंड की भी देरी होती तो हादसा जानलेवा हो सकता था।
फरार हो गया मौत का ट्रेलर
हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई, लेकिन जिस ट्रेलर ने हादसे को अंजाम दिया, वह मौके से फरार हो गया। यह पहली बार नहीं है जब कांड्रा बाजार जैसे व्यस्त इलाके में भारी वाहन बेकाबू होकर हादसा कर भाग निकला हो। कई बार प्रशासन को इस तरह की लापरवाह ट्रैफिक व्यवस्था के लिए चेतावनी दी गई है, लेकिन परिणाम सिफर है।
इतिहास में दोहराई गई लापरवाही
कांड्रा और उसके आस-पास के इलाकों में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। 2021 में इसी क्षेत्र में एक ट्रक ने बाइक सवार दो युवकों को कुचल दिया था, जिसमें एक की मौके पर मौत हो गई थी। बावजूद इसके, सड़क सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। न तो स्पीड ब्रेकर हैं, न कोई ट्रैफिक पुलिस की स्थायी तैनाती।
बाजार के बीच से गुजरते हैं भारी वाहन
कांड्रा बाजार एक घनी आबादी वाला इलाका है, जहां रोजाना हजारों लोग खरीदारी और यात्रा के लिए पहुंचते हैं। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण भारी ट्रेलर और ट्रक इसी सड़क से गुजरते हैं, जो आम जनता की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं।
स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा
घटना के बाद लोगों ने प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जताया। उनका कहना है कि हर बार हादसे के बाद थोड़ी देर के लिए ट्रैफिक कंट्रोल होता है और फिर वही लापरवाही लौट आती है। वे मांग कर रहे हैं कि बाजार के भीतर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगे और सड़क सुरक्षा के लिए स्थायी चौकी बनाई जाए।
न्याय की मांग और सवालों के घेरे में व्यवस्था
लक्ष्मी सोय की हालत गंभीर है, लेकिन उसका परिवार और स्थानीय लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक निर्दोष लोग इस तरह ट्रैफिक लापरवाही की भेंट चढ़ते रहेंगे? फरार ट्रेलर की पहचान और गिरफ्तारी अब प्रशासन की अग्नि परीक्षा है।
कांड्रा बाजार में हुई इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि सड़क सुरक्षा केवल सरकारी कागजों तक सीमित रह गई है। जब तक ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक लक्ष्मी जैसी न जाने कितनी ज़िंदगियाँ इस लापरवाही की कीमत चुकाती रहेंगी।
क्या प्रशासन अब जागेगा या अगली बार फिर कोई मासूम हादसे का शिकार होगा?
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