Jamshedpur Demand: 10 साल से तैयार स्कूल, फिर भी नहीं हो रही पढ़ाई! आखिर क्यों?

जमशेदपुर के पटमदा अंचल में 10 साल पहले बना मॉडल इंग्लिश स्कूल आज भी बंद! विधायक मंगल कालिंदी ने विधानसभा में उठाई आवाज, जानिए क्या है पूरा मामला।

Feb 25, 2025 - 19:42
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Jamshedpur Demand: 10 साल से तैयार स्कूल, फिर भी नहीं हो रही पढ़ाई! आखिर क्यों?
Jamshedpur Demand: 10 साल से तैयार स्कूल, फिर भी नहीं हो रही पढ़ाई! आखिर क्यों?

जमशेदपुर: झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है! पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा अंचल में स्थित बामनी मॉडल इंग्लिश उच्च विद्यालय का भवन पूरे 10 साल पहले बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन आज तक वहां पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी। इस मुद्दे को विधायक मंगल कालिंदी ने झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में जोरदार तरीके से उठाया और सरकार से स्कूल को तुरंत शुरू करने की मांग की

लेकिन सवाल यह उठता है कि जब स्कूल की बिल्डिंग एक दशक पहले ही पूरी हो गई थी, तो आज तक वहां कक्षाएं क्यों शुरू नहीं हुईं? आखिर छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है?

10 साल से सूना पड़ा स्कूल, बच्चे कहां जाएं?

बामनी में बने इस मॉडल इंग्लिश उच्च विद्यालय को पटमदा क्षेत्र के छात्रों के लिए एक बड़ा शिक्षा केंद्र माना जा रहा था। स्कूल के लिए शानदार बिल्डिंग तैयार की गई, लेकिन अब यह इमारत महज एक शोपीस बनकर रह गई है

छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए यह विद्यालय एक आदर्श स्कूल के रूप में तैयार किया गया था, जहां इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई होनी थी। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण स्कूल का उपयोग ही नहीं हो सका। इस वजह से सैकड़ों छात्र-छात्राओं को मजबूरी में दूसरे स्कूलों की ओर रुख करना पड़ रहा है या फिर शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है।

विधायक मंगल कालिंदी ने उठाई आवाज!

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में विधायक मंगल कालिंदी ने इस गंभीर मुद्दे को उठाया और सरकार से तुरंत विद्यालय को शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि –

"बामनी स्थित मॉडल इंग्लिश उच्च विद्यालय का भवन 10 वर्षों से तैयार है, लेकिन अब तक वहां पढ़ाई शुरू नहीं हुई है। इससे क्षेत्र के छात्रों को भारी परेशानी हो रही है। लोकहित और छात्रहित को देखते हुए मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस विद्यालय को जल्द से जल्द शुरू किया जाए।"

क्या है स्कूल बंद होने की असली वजह?

इस स्कूल में पढ़ाई शुरू न होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं –

प्रशासनिक लापरवाही: सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से उचित ध्यान नहीं दिया गया।
स्टाफ की कमी: संभवतः शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई।
नीतिगत अड़चनें: सरकार की ओर से स्कूल संचालन को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
अनदेखी: क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारियों की उदासीनता के चलते यह मामला अनदेखा रह गया।

इतिहास: झारखंड में शिक्षा व्यवस्था की चुनौतियां

झारखंड में सरकारी स्कूलों की स्थिति हमेशा से मिश्रित रही है। एक तरफ कई गांवों में स्कूलों की भारी कमी है, तो दूसरी तरफ पहले से बने स्कूलों का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। 2011 में झारखंड सरकार ने राज्यभर में मॉडल इंग्लिश स्कूल खोलने की योजना बनाई थी, जिससे सरकारी स्कूलों में भी इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई हो सके।

लेकिन आज, 2025 में भी यह योजना अधूरी ही दिखती है। बामनी स्कूल का बंद रहना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

अब आगे क्या होगा?

विधायक द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही इस विद्यालय को शुरू करने की दिशा में कदम उठाएगी

 अगर सरकार जल्द कोई कदम नहीं उठाती, तो यह मुद्दा और बड़ा हो सकता है।
 स्थानीय लोग भी इस स्कूल को शुरू करने की मांग तेज कर सकते हैं।
 अगर स्कूल चालू होता है, तो सैकड़ों छात्रों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिलेगा।

बामनी मॉडल इंग्लिश उच्च विद्यालय झारखंड की शिक्षा व्यवस्था की हकीकत को बयां कर रहा है। 10 साल से बनी बिल्डिंग में आज तक कोई क्लास नहीं लगी, जिससे छात्रों और अभिभावकों को भारी निराशा हो रही है।

अब देखना होगा कि क्या सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर स्कूल खोलने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगी, या फिर यह मुद्दा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।