Saraikela खुलासा: फर्जी पुलिस बनकर घूम रहे थे अपराधी, बोलेरो से मिले चौंकाने वाले सबूत
सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर में फर्जी पुलिस बनकर लोगों से वसूली कर रहे गिरोह का भंडाफोड़, बोलेरो गाड़ी से मिले दस्तावेजों ने जेल में बंद विक्की नंदी और फरार आरोपी बिट्टू-गौतम की साजिश का किया पर्दाफाश।

सरायकेला-खरसावां, झारखंड: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर में एक बोलेरो गाड़ी की रात में हुई चेकिंग ने एक फर्जी पुलिस गिरोह की परतें खोल दी हैं। ये घटना न केवल स्थानीय पुलिस की सतर्कता का प्रमाण बनी, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का भंडाफोड़ भी किया।
इस मामले में पुलिस ने फर्जी पुलिस बनकर लोगों को डराने और अवैध वसूली करने वाले गैंग के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं में केस दर्ज किया है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि हत्या के एक मामले में पहले से जेल में बंद विक्की नंदी है।
रात की गश्ती बनी खुलासे की चाबी
4 अप्रैल की रात आदित्यपुर पुलिस टीम जब ऑटो क्लस्टर ट्रैफिक पोस्ट के पास गश्त कर रही थी, तभी एक बिना नंबर प्लेट की बोलेरो पुलिस को संदेहास्पद लगी। गाड़ी की काली फिल्म चढ़ी खिड़कियों और उस पर बड़े अक्षरों में लिखा "पुलिस" शब्द ने पुलिसकर्मियों की सतर्कता बढ़ा दी।
थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि जब गश्ती दल ने वाहन को रोकने का इशारा किया, तो वह तेज गति से भागने लगा। पीछा करने के बाद गाड़ी को पकड़ लिया गया, लेकिन उसमें सवार दो युवक वाहन छोड़कर भाग निकले।
बोलेरो बनी रहस्य की चाबी, खुली कई परतें
गाड़ी की तलाशी के दौरान जो बरामद हुआ, उसने पुलिस को भी चौंका दिया। बोलेरो से जो दस्तावेज मिले, वे किसी आम वाहन से नहीं, बल्कि एक संगठित गैंग की सक्रियता को दर्शाते हैं:
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एक काले रंग का वॉकी-टॉकी और उसका चार्जर
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ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, पैन कार्ड
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दो अलग-अलग वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड
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18 से 20 क्रेडिट/डेबिट कार्ड
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एयरगन के छर्रे
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और सीट के नीचे छिपाया गया असली नंबर प्लेट
ये सभी दस्तावेज दो नामों से जुड़े पाए गए—कुणाल उर्फ बिट्टू नंदी और विक्की नंदी।
पहले से जेल में बंद विक्की नंदी की नई साजिश?
विक्की नंदी का नाम पहले से हत्या के एक केस में जेल में दर्ज है, लेकिन अब जो दस्तावेज मिले हैं, वे बताते हैं कि बाहर उसका नेटवर्क अभी भी सक्रिय है। बोलेरो से जुड़े सुरागों के आधार पर उसके बड़े भाई बिट्टू और सहयोगी गौतम कुमार के खिलाफ IPC की धाराएं 319(2), 318(4), 308(5), 336(3), 336(4), 340(2), 341(1), 341(2), 342(2) और 3(5) के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस का मानना है कि ये गैंग फर्जी पुलिस बनकर सड़क पर आम लोगों को रोकता और उनसे धन वसूल करता था।
इतिहास की झलक: बोलेरो और वर्दी का फर्जीवाड़ा
झारखंड और खासकर औद्योगिक इलाकों में वर्दी का डर दिखाकर अपराध करने के कुछ पुराने मामले भी सामने आते रहे हैं। इससे पहले भी कुछ मामलों में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लूट या ठगी की कोशिशें होती रही हैं, लेकिन इस तरह की विस्तृत योजना और दस्तावेजी सबूतों का पकड़ा जाना पहली बार है।
अब तक क्या हुआ? आगे क्या प्लान है?
फिलहाल बिट्टू और गौतम फरार हैं और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। वहीं, बोलेरो और उससे मिले दस्तावेजों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर विशेष टीम बनाई गई है, ताकि साजिश की जड़ तक पहुंचा जा सके।
पुलिस की सतर्कता से टली बड़ी साजिश
आदित्यपुर पुलिस की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई ने एक ऐसी साजिश को सामने लाया है, जो अगर समय रहते न पकड़ी जाती तो सैकड़ों लोगों के लिए मुसीबत बन सकती थी। यह मामला न सिर्फ एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि फर्जी पहचान और पुलिस जैसे प्रतीकों का दुरुपयोग कितना खतरनाक हो सकता है।
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