West Singhbhum Operation: नक्सलियों के बड़े कैंप पर पुलिस का धावा, भारी हथियार बरामद!

पश्चिम सिंहभूम पुलिस ने सारंडा जंगल में बड़ा ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों के दो कैंप ध्वस्त कर दिए। भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद, जानिए पूरा मामला!

Feb 25, 2025 - 19:37
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West Singhbhum Operation: नक्सलियों के बड़े कैंप पर पुलिस का धावा, भारी हथियार बरामद!
West Singhbhum Operation: नक्सलियों के बड़े कैंप पर पुलिस का धावा, भारी हथियार बरामद!

पश्चिम सिंहभूम: झारखंड के कुख्यात सारंडा जंगल में पुलिस और सीआरपीएफ ने एक बड़े सर्च ऑपरेशन के तहत नक्सलियों के दो गुप्त कैंपों को ध्वस्त कर दिया है। इस कार्रवाई में भारी मात्रा में हथियार, गोलाबारूद और नक्सलियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले दैनिक उपयोग के सामान बरामद किए गए हैं। यह ऑपरेशन टोंटो थाना क्षेत्र के सरजामबुरु, तुम्बपाहाका, पूर्ति टोला और जिम्कीइकीर के आसपास जंगल और पहाड़ों में चलाया गया। पुलिस को इस ऑपरेशन में भारी सफलता मिली है, जिससे इलाके में नक्सल गतिविधियों पर एक बड़ा प्रहार हुआ है।

कैसे हुआ ऑपरेशन और क्या मिली सफलता?

पश्चिम सिंहभूम पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली टोंटो थाना क्षेत्र के जंगलों में सक्रिय हैं और वहां उन्होंने अपने कैंप स्थापित कर रखे हैं। इसके बाद पुलिस और सीआरपीएफ की विभिन्न कंपनियों ने मिलकर बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

लगातार कई घंटों तक चले इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के दो ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इन कैंपों से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।

बरामद हथियारों की लिस्ट चौंकाने वाली!

इस ऑपरेशन में नक्सलियों के बड़े हथियार भंडार का खुलासा हुआ। पुलिस ने कैंप से –

एम16 राइफल
पांच .303 बोल्ट एक्शन राइफल
तीन 315 बोर की राइफल
फैक्ट्री निर्मित एक एयरगन
दस मैगजीन
करीब एक हजार से अधिक कारतूस
वायरलेस सेट और बैटरियां
नक्सली वर्दी व अन्य सामान

बरामद किए गए हथियारों से साफ जाहिर है कि नक्सली इस क्षेत्र में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से उनका बड़ा प्लान ध्वस्त हो गया।

कौन-कौन से नक्सली थे इलाके में सक्रिय?

सुरक्षा एजेंसियों को पहले से जानकारी थी कि इस इलाके में शीर्ष नक्सली नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछू, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया और अश्विनी जैसे खूंखार नक्सली सक्रिय हैं। माना जा रहा है कि ये सभी इसी कैंप के जरिए अपने संगठन को मजबूत करने और नए लड़ाकों को भर्ती करने की योजना बना रहे थे। लेकिन इस ऑपरेशन से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया।

इतिहास: सारंडा जंगल क्यों है नक्सलियों का गढ़?

सारंडा जंगल झारखंड का सबसे बड़ा और घना जंगल है, जो पश्चिम सिंहभूम जिले में स्थित है। यह इलाका नक्सलियों के लिए हमेशा से एक सुरक्षित ठिकाना रहा है। 2000 के दशक में नक्सलियों ने इस जंगल को अपना गढ़ बना लिया था और यहां कई बड़े हमलों को अंजाम दिया था।

2011 में भी "ऑपरेशन ग्रीन हंट" के तहत सुरक्षाबलों ने इसी क्षेत्र में एक बड़े नक्सली कैंप को तबाह किया था, लेकिन समय के साथ नक्सली फिर से यहां मजबूत होते गए। अब, एक बार फिर पुलिस ने उनके ठिकानों पर जोरदार प्रहार किया है, जिससे नक्सली संगठनों में हड़कंप मच गया है।

पुलिस की अगली रणनीति क्या होगी?

इस ऑपरेशन के बाद पश्चिम सिंहभूम पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और गश्त तेज कर दी है। पुलिस का मानना है कि इस कार्रवाई के बाद नक्सली या तो भागने की कोशिश करेंगे या फिर किसी बड़े हमले की योजना बना सकते हैं।

इलाके के ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को देने के निर्देश दिए गए हैं।
सुरक्षा बलों ने जंगल के अंदर और ऑपरेशन तेज करने की योजना बनाई है, जिससे नक्सलियों की कमर पूरी तरह तोड़ी जा सके।

क्या यह ऑपरेशन नक्सलियों के लिए अंतिम झटका होगा?

यह ऑपरेशन निश्चित रूप से नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। पश्चिम सिंहभूम जैसे इलाकों में नक्सली बार-बार अपने नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बार पुलिस की कड़ी रणनीति से उनके लिए वापसी करना मुश्किल होगा।

पश्चिम सिंहभूम पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि झारखंड में नक्सलियों का अंत नजदीक आ रहा है। भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी और उनके कैंपों के नष्ट होने से पुलिस की पकड़ मजबूत हुई है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में पुलिस इस ऑपरेशन को और कैसे आगे बढ़ाती है और क्या यह नक्सलियों के सफाए की शुरुआत बन पाएगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।