Jamshedpur Violation: स्कूलों में धड़ल्ले से बिक रही किताबें, नियमों की उड़ रही धज्जियां!

जमशेदपुर के निजी स्कूलों पर लगे गंभीर आरोप! शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद स्कूल परिसर में किताबों की बिक्री जारी। अभिभावकों ने की सख्त कार्रवाई की मांग! पढ़ें पूरी खबर।

Apr 4, 2025 - 18:08
Apr 4, 2025 - 18:08
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Jamshedpur Violation: स्कूलों में धड़ल्ले से बिक रही किताबें, नियमों की उड़ रही धज्जियां!
Jamshedpur Violation: स्कूलों में धड़ल्ले से बिक रही किताबें, नियमों की उड़ रही धज्जियां!

जमशेदपुर: शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले निजी स्कूलों पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 के उल्लंघन के मामले में जमशेदपुर के कुछ नामी स्कूलों पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगा है। सेंट मैरी स्कूल, चिन्मया स्कूल और जुस्को स्कूल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों पर स्कूल परिसर में किताबों की बिक्री जारी रखने का आरोप लगाया गया है, जबकि सरकार ने इसे सख्ती से प्रतिबंधित किया हुआ है।

स्कूलों पर क्यों उठे सवाल?

जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार ने उपायुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखकर इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि,

  • झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम 2017 की धारा 7(A)(3) के तहत स्कूल परिसर का उपयोग केवल शिक्षा के लिए किया जाना चाहिए।

  • कोई भी स्कूल छात्रों को किसी विशेष विक्रेता से किताबें, वर्दी या अन्य सामग्री खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

  • फिर भी कई स्कूल इस नियम को दरकिनार कर किताबों की बिक्री कर रहे हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आदेश?

जिला शिक्षा अधीक्षक ने पहले ही आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया था कि,
किसी भी स्कूल परिसर का व्यावसायिक उपयोग नहीं होगा।
स्कूल परिसर में किताबें, वर्दी या जूते बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कोई भी स्कूल छात्रों या अभिभावकों को किसी विशेष विक्रेता से किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

फिर भी जारी है किताबों की बिक्री, क्यों चुप है प्रशासन?

शहर के कई स्कूल इन नियमों का उल्लंघन कर स्कूल परिसर को व्यावसायिक केंद्र में बदल चुके हैं। कई अभिभावकों ने शिकायत की है कि स्कूल केवल उन्हीं किताबों को मान्यता देते हैं, जो उन्हीं के परिसर में बिकती हैं। इससे छात्रों के अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

क्या है अभिभावकों की मांग?

जमशेदपुर अभिभावक संघ ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।
स्कूलों पर लगे जुर्माना
स्कूल परिसर में व्यावसायिक गतिविधियों पर लगे रोक
इस नियम की अनदेखी करने वाले स्कूल प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई हो

क्या जमशेदपुर में पहली बार उठा है यह मुद्दा?

यह पहली बार नहीं है जब निजी स्कूलों पर शिक्षा के नाम पर व्यापार करने के आरोप लगे हों।
2019 में भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जब स्कूलों को नोटिस जारी किया गया था।
2022 में सरकार ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी स्कूल किताबें और अन्य सामग्री बेचने के लिए बाध्य नहीं करेगा।
फिर भी स्कूलों ने अपने परिसर में किताबें बेचने का तरीका निकाल लिया।

अब सवाल उठता है:

क्या प्रशासन इन स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करेगा?
क्या अभिभावकों की आवाज़ दबा दी जाएगी?
या फिर शिक्षा का नाम लेकर स्कूल अपने व्यावसायिक हितों को ऐसे ही आगे बढ़ाते रहेंगे?

शिक्षा विभाग के सख्त आदेश के बावजूद अगर स्कूल परिसर में धड़ल्ले से किताबों की बिक्री हो रही है, तो यह गंभीर लापरवाही है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है!

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।