Jamshedpur Miracle: ट्रेन में गूंजी किलकारी, सफर के बीच मां बनी महिला!
जमशेदपुर के टाटानगर स्टेशन पर आनंद विहार-हल्दिया एक्सप्रेस में महिला ने बच्चे को जन्म दिया। रेलवे की त्वरित मदद से मां और बच्चा सुरक्षित। जानिए पूरी खबर।

जमशेदपुर: सफर के दौरान यात्रियों को कई तरह के अनुभव होते हैं, लेकिन आनंद विहार-हल्दिया एक्सप्रेस में जो हुआ, वह किसी चमत्कार से कम नहीं था। बुधवार देर शाम ट्रेन के स्लीपर कोच में सफर कर रही एक महिला यात्री ने अचानक बच्चे को जन्म दिया।
चलती ट्रेन में बच्चे का जन्म होना दुर्लभ घटनाओं में से एक माना जाता है। रेलवे की सतर्कता और मेडिकल टीम की त्वरित कार्रवाई से मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
आखिर कैसे हुआ यह सब?
घटना टाटानगर रेलवे स्टेशन पर हुई, जब आनंद विहार-हल्दिया एक्सप्रेस स्टेशन पर रुकी थी। पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना की रहने वाली रुक्साना नामक महिला आनंद विहार से हल्दिया जा रही थीं। अचानक उन्हें प्रसव पीड़ा हुई और कुछ ही देर में उन्होंने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
ट्रेन में महिला को समय पर सहायता नहीं मिलती तो स्थिति बिगड़ सकती थी।
स्टेशन मास्टर ने तत्काल आरपीएफ और रेलवे डॉक्टरों को बुलाया।
महिला जवान और डॉक्टरों ने स्थिति को संभाला और सुरक्षित प्रसव करवाया।
रेलवे ने निभाई बड़ी जिम्मेदारी
रेलवे अस्पताल की टीम पूरी तैयारी के साथ प्लेटफॉर्म पर पहुंची। डॉक्टरों ने महिला और नवजात की स्वास्थ्य जांच की और उन्हें यात्रा जारी रखने की अनुमति दे दी। रुक्साना ने रेलवे कर्मियों और आरपीएफ जवानों की त्वरित मदद के लिए धन्यवाद दिया।
यह घटना बताती है कि भारतीय रेलवे न सिर्फ सफर कराती है, बल्कि जरूरत पड़ने पर जान भी बचाती है!
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
रेलवे मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि चलती ट्रेन में बच्चे का जन्म होना बहुत जोखिम भरा होता है। कई मामलों में सही चिकित्सा सहायता समय पर न मिलने के कारण मां और बच्चे की जान को खतरा हो सकता है।
2019 में भी ऐसी ही एक घटना घटी थी, जब मुंबई से वाराणसी जा रही ट्रेन में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया था।
2022 में ओडिशा के पुरी-नई दिल्ली एक्सप्रेस में भी महिला यात्री ने सफर के दौरान बच्चे को जन्म दिया था।
अब सवाल यह उठता है...
क्या भारतीय रेलवे को ऐसे आपातकालीन मामलों के लिए हर ट्रेन में मेडिकल सुविधा देनी चाहिए?
क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को देखते हुए रेलवे मेडिकल टीम को हर बड़े स्टेशन पर तैनात किया जाएगा?
यात्रियों की प्रतिक्रियाएं
इस खबर को सुनकर ट्रेन में मौजूद अन्य यात्री भी हैरान रह गए। कई लोगों ने इसे भगवान का चमत्कार बताया तो कुछ ने इसे रेलवे कर्मचारियों की सतर्कता का नतीजा माना।
"हमने सुना था कि ट्रेन में बच्चे जन्म लेते हैं, लेकिन अपनी आंखों से देखने का मौका पहली बार मिला!" - एक यात्री
"भारतीय रेलवे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनकी प्राथमिकता सिर्फ यात्रा नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी है।" - दूसरे यात्री
क्या कहते हैं रेलवे अधिकारी?
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, अगर ट्रेन में किसी को मेडिकल इमरजेंसी होती है, तो तुरंत स्टेशन मास्टर को सूचना देनी चाहिए।
रेलवे स्टेशन पर मेडिकल टीम हमेशा तैयार रहती है।
आरपीएफ जवान जरूरतमंद यात्रियों की मदद करने के लिए हर समय उपलब्ध रहते हैं।
चलती ट्रेन में बच्चे का जन्म होना एक असाधारण घटना है। यह सिर्फ एक महिला की बहादुरी की कहानी नहीं, बल्कि रेलवे की सतर्कता और यात्रियों की मानवीय संवेदनाओं का भी उदाहरण है।
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