Jamshedpur Protest: टाटा स्टील के अप्रेंटिस कर्मचारियों ने किया जोरदार हंगामा, जानिए पूरा मामला!

टाटा स्टील के अप्रेंटिस कर्मचारियों का फूटा गुस्सा! कंपनी ने किया वादा तोड़कर नई कंपनी में भेजने का फैसला, जमशेदपुर में बड़ा आंदोलन, जानिए पूरा मामला।

Feb 25, 2025 - 19:46
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Jamshedpur Protest: टाटा स्टील के अप्रेंटिस कर्मचारियों ने किया जोरदार हंगामा, जानिए पूरा मामला!
Jamshedpur Protest: टाटा स्टील के अप्रेंटिस कर्मचारियों ने किया जोरदार हंगामा, जानिए पूरा मामला!

जमशेदपुर: टाटा स्टील के 2022 सर्कल सेकेंड बैच के ट्रेड अप्रेंटिस कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका! जिन्हें टाटा स्टील में नौकरी मिलने की उम्मीद थी, वे अब खुद को एक नई कंपनी टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज (TSTS) में भेजे जाने से सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए हैं।

गुस्साए कर्मचारियों ने बिष्टुपुर गोलचक्कर पर स्थित जमशेदजी टाटा की प्रतिमा के सामने जोरदार आंदोलन किया और टाटा स्टील के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे किए गए वादों को तोड़ा गया है और अब उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

लेकिन सवाल यह उठता है कि जब पहले के बैच के कर्मचारियों को टाटा स्टील में नौकरी मिली थी, तो अब 2022 बैच के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है?

अप्रेंटिस कर्मचारियों की नाराजगी क्यों?

 अप्रेंटिस कर्मचारियों का कहना है कि जब भर्ती के लिए आवेदन निकला था, तब इसमें लिखा गया था कि उन्हें टाटा स्टील या उसकी किसी सहायक कंपनी में नौकरी दी जाएगी
 लेकिन अब उन्हें टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज (TSTS) में भेजा जा रहा है, जो पहले से तय शर्तों के खिलाफ है
 सबसे बड़ा झटका यह है कि इस नई कंपनी में मिलने वाली सुविधाएं टाटा स्टील की तुलना में बेहद कम हैं।

नई कंपनी में नौकरी की शर्तें, कर्मचारी क्यों नाराज?

महीने की सैलरी केवल ₹9500 – टाटा स्टील की तुलना में बेहद कम।
कोई कंपनी आवास नहीं मिलेगा – कर्मचारियों को खुद इंतजाम करना होगा।
मेडिकल सुविधा केवल ESI तक सीमित – टाटा स्टील की उन्नत चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
पहले के बैच को टाटा स्टील में रखा गया, लेकिन इस बैच को बाहर किया जा रहा है

कई कर्मचारियों ने तो नौकरी के लालच में अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी थी, लेकिन अब वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

यूनियन पर भी उठे सवाल!

आक्रोशित कर्मचारियों ने टाटा स्टील की अधिकृत यूनियन टाटा वर्कर्स यूनियन के कार्यालय में भी हंगामा किया और यूनियन पर अनदेखी का आरोप लगाया।

 कर्मचारियों का कहना है कि वे टाटा स्टील के कर्मचारियों के पुत्र-पुत्री हैं, लेकिन यूनियन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है।
 यूनियन के नेता उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है।

इतिहास: टाटा स्टील की अप्रेंटिस भर्ती और वादे

टाटा स्टील 1907 में जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित की गई थी और यह भारत की सबसे पुरानी और विश्वसनीय कंपनियों में से एक मानी जाती है।

टाटा स्टील में अप्रेंटिस प्रोग्राम हमेशा से युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर रहा है
पहले के बैच के कर्मचारियों को सीधे टाटा स्टील में नौकरी दी गई थी, जिससे युवाओं में इस प्रोग्राम के प्रति आकर्षण बढ़ा।
लेकिन अब नई कंपनी में ट्रांसफर की नीति से कर्मचारियों का भरोसा टूट रहा है और वे आंदोलन करने पर मजबूर हो गए हैं।

अब आगे क्या होगा?

टाटा स्टील द्वारा TSTS में जॉइनिंग लेटर जारी किए जाने के बाद कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।

 अगर प्रबंधन ने जल्द कोई समाधान नहीं निकाला, तो आंदोलन और तेज हो सकता है
 यूनियन और कंपनी प्रबंधन पर बड़ा दबाव बनने की संभावना है।
 अगर सरकार या उच्च अधिकारी दखल देते हैं, तो शायद कर्मचारियों को न्याय मिल सके

टाटा स्टील में अप्रेंटिसशिप करने वाले युवाओं को इस फैसले से बड़ा झटका लगा है। जब उन्हें टाटा स्टील में नौकरी मिलने की उम्मीद थी, तब उन्हें एक अलग कंपनी में भेजकर सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है

अब देखना होगा कि कंपनी प्रबंधन इस विरोध को कैसे संभालता है और क्या कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार किया जाएगा? या फिर ये युवा अपने हक के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।