Murli Public School Meeting: मुरली पब्लिक स्कूल ने अभिभावकों को किया जागरूक, बच्चों की सुरक्षा से लेकर शिक्षा तक बनी चर्चा का केंद्र
जमशेदपुर के मुरली पब्लिक स्कूल में आयोजित अभिभावक-शिक्षक बैठक में शिक्षा व्यवस्था, अनुशासन, पोषण और विद्यार्थियों के समग्र विकास पर गंभीर चर्चा हुई। जानिए क्या-क्या बदलेगा इस सत्र से।

जमशेदपुर के बागुनहातु स्थित मुरली पब्लिक स्कूल में शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को एक बेहद अहम शिक्षक-अभिभावक बैठक का आयोजन हुआ। यह बैठक न सिर्फ नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत का प्रतीक थी, बल्कि इसने शिक्षा व्यवस्था में सुधार की एक नई शुरुआत को भी जन्म दिया।
बैठक की शुरुआत शिक्षिका छवी शर्मा द्वारा अभिभावकों का स्वागत करते हुए की गई, जहाँ उन्होंने विभिन्न विषयों के शिक्षकों से उनका परिचय करवाया। यह पहल सिर्फ परिचय तक सीमित नहीं थी—यह एक ऐसा संवाद मंच बना जहाँ शिक्षकों और अभिभावकों के बीच विश्वास की नींव रखी गई।
इसके बाद प्रधानाचार्या डॉ. नूतन रानी ने मंच संभालते हुए विद्यालय के उद्देश्यों, बच्चों के समग्र विकास और अभिभावकों की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनका संदेश साफ था—"स्कूल और घर दोनों को मिलकर विद्यार्थियों का भविष्य गढ़ना होगा।"
क्या-क्या बदलेगा इस सत्र से?
बैठक में कुछ बेहद अहम बिंदु रखे गए, जिनका सीधा असर छात्रों की शिक्षा, अनुशासन और स्वास्थ्य पर पड़ेगा:
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यूनिफॉर्म और स्वच्छता पर विशेष ध्यान:
छात्र-छात्राएं स्कूल यूनिफॉर्म में साफ-सुथरे आएं, यह अभिभावकों की जिम्मेदारी होगी। -
अनावश्यक वस्तुएं स्कूल में वर्जित:
मोबाइल, खिलौने, नुकीली वस्तुएं या कोई अन्य गैर-शैक्षणिक सामान स्कूल में लाना सख्त मना है। -
सही किताब-कॉपी का प्रयोग:
टाइमटेबल के अनुसार ही किताबें और कॉपी लानी होंगी, उस पर कवर और नेम-प्लेट अनिवार्य होगा। -
जंक फूड पर रोक:
टिफिन में चिप्स, पिज्जा, मैगी जैसी चीजें नहीं चलेगी। घर का बना हेल्दी खाना ही भेजें। -
75% उपस्थिति अनिवार्य:
शिक्षा के प्रति नियमितता लाना आवश्यक है, इसलिए न्यूनतम उपस्थिति सीमा तय कर दी गई है। -
स्कूली शिक्षक से ट्यूशन प्रतिबंधित:
सहमति से यह निर्णय लिया गया कि कोई भी छात्र अपने ही शिक्षक से ट्यूशन नहीं पढ़ेगा, जिससे सभी विद्यार्थियों को समान दृष्टिकोण मिले।
सिर्फ स्कूल नहीं, एक भविष्य की योजना!
बैठक में Murli Group of Institutions के अन्य संस्थानों की भी जानकारी दी गई, जिसमें शामिल थे:
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Murli Paramedical & Research College:
ड्रेसर, डीएमएलटी और ओटी जैसे पेशेवर कोर्सों के माध्यम से मेडिकल क्षेत्र में युवाओं को तैयार करना। -
Jharkhand Open University:
BBA, BCA, Masters in Commerce, Diploma in Management, Legal Awareness और Rural Development जैसे प्रोग्राम्स की विस्तृत जानकारी दी गई। यह पहल उन विद्यार्थियों के लिए एक सुनहरा मौका है जो नियमित डिग्री से आगे बढ़ना चाहते हैं।
अभिभावकों ने क्या कहा?
बैठक में शशिकला देवी, नमिता बेरा, प्रियंका तिवारी, मिताली नमाता, मालती साहू जैसी कई जागरूक माताओं ने भाग लिया और सुझाव भी दिए। कई ने इस प्रकार की बैठकों को हर तिमाही करने की मांग रखी।
नए युग की ओर कदम
अंत में विजया बोस द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह बैठक समाप्त हुई, लेकिन यह सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं था—यह एक नई सोच, नए नजरिए और समर्पित शिक्षा पद्धति की शुरुआत थी।
जमशेदपुर के मुरली पब्लिक स्कूल ने यह साबित कर दिया कि जब अभिभावक और शिक्षक एक साथ खड़े हों, तो शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहती—वो एक परिवर्तन बन जाती है।
अगर आप भी जमशेदपुर के शिक्षा सुधार की इस लहर का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो मुरली ग्रुप की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं या अगली अभिभावक बैठक में जरूर शामिल हों।
शिक्षा सिर्फ पढ़ाई नहीं, समझदारी की शुरुआत है।
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