Kenduadih Protest: हाइवा की चपेट में आकर ड्राइवर की मौत, शव लेकर परिजन ने किया साइडिंग जाम

केंदुआडीह में बीसीसीएल साइट पर हाइवा की चपेट में आकर चालक मो. सिराज की मौत ने इलाके में कोहराम मचा दिया। मुआवजे को लेकर कई क्षेत्रों में कोयला ट्रांसपोर्टिंग ठप कर दी गई थी, जिसे 15 लाख रुपये मुआवजे के बाद शांत कराया गया।

May 8, 2025 - 10:08
May 8, 2025 - 10:08
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Kenduadih Protest: हाइवा की चपेट में आकर ड्राइवर की मौत, शव लेकर परिजन ने किया साइडिंग जाम
Kenduadih Protest: हाइवा की चपेट में आकर ड्राइवर की मौत, शव लेकर परिजन ने किया साइडिंग जाम

धनबाद के कोयला खनन क्षेत्रों में हादसे कोई नई बात नहीं, लेकिन जब ऐसी घटनाएं श्रमिकों की जान लेकर जाती हैं, तब गुस्सा और आक्रोश उभरना स्वाभाविक है। केंदुआडीह थाना क्षेत्र स्थित बीसीसीएल के बीएनआर साइडिंग में बुधवार को कुछ ऐसा ही हुआ, जिसने पूरे इलाके में हलचल मचा दी।

करीब साढ़े ग्यारह बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ। हाइवा (JH10U/5213) की चपेट में आने से जीटीएस ट्रांसपोर्ट कंपनी के अनुभवी चालक मो. सिराज (62 वर्ष) की जान चली गई। वो टिपला क्षेत्र में साइड टु साइड वाहन चला रहे थे और वाहन खड़ा कर किसी बैरियर को दुरुस्त करने में लगे थे। तभी अचानक हाइवा फिसल कर गड्ढे में जा गिरी और मो. सिराज उसकी चपेट में आ गए।

हादसे की वजह बना ढलान और लापरवाही?

स्थानीय मजदूरों के अनुसार, सीएचपी क्षेत्र में अक्सर लोडिंग और टिपिंग के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है। मो. सिराज भी पत्थर का सहारा लगाकर हाइवा खड़ा कर रहे थे, तभी वाहन खिसक गया। उन्हें पहले कुस्तौर क्षेत्रीय अस्पताल और फिर एसएनएमएमसीएच ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद आंदोलन: मुआवजे की मांग पर हंगामा

जैसे ही मौत की खबर फैली, बीसीकेयू समर्थित मजदूरों ने मोर्चा संभाल लिया। बीएनआर साइडिंग में पीआरजेपी कंपनी की कोयला लोडिंग बंद कर दी गई। रघुनाथपुर, एनजीकेसी, एना, धनसार, अलकुशा व बस्ताकोला जैसे क्षेत्रों से कोयला ट्रांसपोर्टिंग पूरी तरह ठप कर दिया गया।

हंगामे के बीच परिजन शव के साथ साइडिंग पहुंचे। मौके पर पुटकी सीओ विकास आनंद और केंदुआडीह थाना प्रभारी प्रमोद पांडेय ने हालात को संभालने की कोशिश की। आंदोलनकारी एक ही मांग पर अड़े थे—मुआवजा।

15 लाख का मुआवजा और आंदोलन का अंत

देर शाम कांग्रेस नेता जलेश्वर महतो, बीसीकेयू नेता राजेंद्र पासवान व अन्य प्रतिनिधियों की मध्यस्थता से जीटीएस कंपनी प्रबंधन और मृतक के परिजनों के बीच समझौता हुआ। कंपनी की ओर से मो. सिराज की पत्नी को 15 लाख रुपये का चेक व अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार रुपये नकद दिए गए।

इतना मुआवजा कई बार कोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद भी नहीं मिलता, लेकिन यहां जनदबाव और एकता ने काम किया।

मो. सिराज: 40 वर्षों की सेवा और एक दर्दनाक अंत

मो. सिराज को लोग एक ईमानदार और अनुभवी चालक के रूप में जानते थे। उन्होंने वर्षों तक बीसीसीएल के अलग-अलग साइटों पर सेवा दी थी। परिवार में उनकी पत्नी मस्तूरी खातून, तीन बेटे—मो. रियाज, मो. ईयाज, मो. अरमान और तीन बेटियां—सबीना, शहनाज, रानी हैं।

उनकी मौत से एक परिवार बेसहारा हो गया, लेकिन मजदूरों की एकता ने कम से कम उनके परिजनों को एक सम्मानजनक सहायता दिलाने का काम किया।

 क्या इस बार भी भुला दी जाएगी ये मौत?

धनबाद की खदानें और साइडिंग क्षेत्र ऐसे हादसों की कहानियों से भरे पड़े हैं। लेकिन हर बार कुछ दिन बाद सब सामान्य हो जाता है। सवाल यह है कि क्या इस बार भी मो. सिराज की मौत केवल एक "औद्योगिक हादसा" बनकर रह जाएगी? या इससे सुरक्षा मानकों को लेकर कोई स्थायी सुधार देखने को मिलेगा?

केंदुआडीह का यह बुधवार फिर साबित कर गया—कोयले की चमक के पीछे मजदूरों का लहू बहता है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।