Jharia Loot: दिनदहाड़े 3 लाख की छिनतई या खुद की साजिश? बेटी ने पिता पर ही लगाया शक!
झरिया में बीसीसीएलकर्मी से दिनदहाड़े तीन लाख रुपये की छिनतई की खबर ने सनसनी फैला दी है। मगर कहानी में नया मोड़ तब आया जब उसकी बेटी ने पिता पर ही पैसे गायब करने का आरोप लगा दिया। पढ़िए पूरी खबर।

झरिया के फुलारीबाग इंदिरा चौक पर बुधवार को उस वक्त सनसनी फैल गई जब बीसीसीएल के कर्मचारी दिलीप बाउरी से दिनदहाड़े तीन लाख रुपये से भरा थैला बाइक सवार अपराधियों ने झपट लिया और मौके से फरार हो गए। यह घटना उस वक्त हुई जब दिलीप पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) की झरिया शाखा से पैसे निकालकर पैदल घर लौट रहे थे।
लेकिन इस घटना में जितना सस्पेंस पैसों के लुट जाने में नहीं है, उससे कहीं ज्यादा ड्रामा शुरू हुआ पीड़ित की बेटी के बयान से, जिसने कहानी की पूरी दिशा ही बदल दी।
सड़क पर लूट या घर में चाल?
दिलीप बाउरी ने दावा किया कि वह जैसे ही बैंक से निकलकर पैदल घर की ओर बढ़े, तभी बाइक पर सवार दो नकाबपोश अपराधी उनका थैला झपट कर फरार हो गए। उन्होंने आसपास के लोगों को आवाज भी दी, यहां तक कि एक 'टाइगर मोबाइल' जवान भी वहां से गुजर रहा था, मगर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
घटना की जानकारी मिलते ही झरिया थाना प्रभारी शशि रंजन कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू की। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी, वाहन चेकिंग की जा रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
बेटी ने खोली 'पुरानी फाइल'
घटना का असली मोड़ तब आया जब दिलीप बाउरी की बेटी निशा कुमारी और दामाद थाने पहुंचे। निशा ने पुलिस के सामने चौंकाने वाला बयान दिया – “मुझे लगता है मेरे पापा ने ही पैसे गायब किए हैं।”
उसने बताया कि 13 मई को उसकी छोटी बहन डोली की शादी है और यह पैसा उसी के इंतजाम के लिए निकाला गया था। लेकिन यह पहली बार नहीं है। निशा का कहना है कि जब उसकी शादी हुई थी, तब भी पिता ने बैंक से 12 लाख रुपये निकाले थे, जिनमें से 6 लाख अचानक गायब हो गए थे। उस वक्त परिवार ने मान लिया कि चोरी हो गई होगी, लेकिन अब उसे शक है कि पिता खुद ही पैसे छुपा रहे हैं।
पुलिस को भी है शक
झरिया इंस्पेक्टर शशि रंजन ने बताया कि भुक्तभोगी बार-बार अपना बयान बदल रहा है, जिससे शक और गहराता जा रहा है। कभी वह कहता है कि लूट बाइक से हुई, कभी कहता है अपराधी पैदल थे।
मामला अब दो राहों पर
एक तरफ जहां पुलिस यह मानकर चल रही है कि यह सामान्य लूट का मामला नहीं, बल्कि एक पारिवारिक फाइनेंशियल विवाद हो सकता है, वहीं दूसरी ओर दिलीप बाउरी के पड़ोसी और सहकर्मी भी इस मामले को लेकर भ्रम में हैं।
क्या वाकई में लूट हुई थी?
या यह सारा खेल पैसों को छुपाने का था?
क्या दिलीप बाउरी बेटी की शादी से पहले पैसे बचा रहे थे या कुछ और चल रहा था?
इतिहास भी कहता है…
झरिया जैसे इलाके में कोयला क्षेत्र के आस-पास लूट की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। नकद लेन-देन ज्यादा होने के कारण अक्सर अपराधी ऐसे मौकों की ताक में रहते हैं। लेकिन जब कहानी में परिवार खुद शक करने लगे, तो मामला आम नहीं रह जाता।
आगे क्या?
फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज और बयान के आधार पर जांच कर रही है। बेटी के बयान के बाद पुलिस अब पारिवारिक संबंधों और पुराने ट्रांजैक्शनों की भी जांच करेगी।
असली कहानी क्या है, यह तो आने वाले दिनों में साफ़ होगा। मगर फिलहाल झरिया में ये केस लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है।
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