Binoid Bihari Drive: नगर निगम का बुलडोजर चलाते हुए सड़क से हटाई 99 दुकानें, विवादों ने बढ़ाई जटिलता!
झारखंड के बिनोद बिहारी चौक से वेडिंग वेल्स तक नगर निगम का अतिक्रमण हटाओ अभियान, 99 फुटपाथ दुकानों पर चला बुलडोजर, दुकानदारों ने लगाया आरोप। जानें पूरी सच्चाई।

झारखंड के धनबाद में बुधवार को नगर निगम ने बिनोद बिहारी चौक से झारखंड मोड़ व वेडिंग वेल्स तक एक जबरदस्त अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस अभियान के तहत सड़क किनारे अवैध रूप से स्थापित 99 फुटपाथ दुकानों को बुलडोजर से हटाया गया, जिससे क्षेत्र में हलचल मच गई।
नगर निगम का यह कदम एक बड़ा संदेश देने के उद्देश्य से था कि अवैध अतिक्रमण को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। अभियान में सिटी मैनेजर रजनीश लाल, विशाल सिन्हा और फूड इंस्पेक्टर अनिल कुमार की टीम ने नेतृत्व किया।
दुकानदारों का विरोध, आरोप-प्रत्यारोप का खेल
अतिक्रमण हटाने के दौरान कुछ दुकानदारों ने एक व्यक्ति पर आरोप लगाए कि उसने बाबूडीह से पैसा लेकर दुकानदारों से दुकान लगाने की अनुमति दी थी। इन आरोपों ने अभियान को और जटिल बना दिया है। दुकानदारों का कहना था कि उन्हें नगर निगम की ओर से किसी प्रकार का नोटिस नहीं मिला था, और अब अचानक बुलडोजर चलाकर उनकी दुकानें तोड़ी जा रही हैं।
फूड इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि सड़क के किनारे और नाले पर अवैध रूप से फल, सब्जियों का गोदाम, मछली का बाजार और गुमटी लगाई गई थीं। कुछ दिन पहले इन दुकानदारों को मुनादी कराई गई थी, लेकिन फिर भी उन्हें हटाने में कई दुकानदारों ने आना-कानी की।
सड़क पर अतिक्रमण: झारखंड के विकास में रुकावट?
झारखंड में सड़क के किनारे अतिक्रमण करना एक आम प्रथा बन चुकी है। यह केवल व्यापारियों के लिए एक तरीके का काले धंधे जैसा बन चुका है, बल्कि इससे आम लोगों को भी दिक्कतें आती हैं। अक्सर देखा गया है कि लोग सड़कों पर अवैध कब्जे करके सार्वजनिक सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं।
इतिहास में कई बार झारखंड सरकार ने ऐसे अतिक्रमणों को हटाने की कोशिश की है, लेकिन कुछ खास प्रभावी नतीजे नहीं मिले। पहले भी कई अभियान चलाए गए थे, जिनमें मार्केट एरिया और सड़क किनारे दुकानदारों को हटाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन ज्यादातर मामलों में स्थानीय दबंगों और नेताओं के दबाव के कारण काम नहीं हो पाया।
क्या बदलाव आएगा?
नगर निगम का यह अभियान एक सख्त कदम है, और इससे यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि अब सड़क किनारे होने वाले अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सड़क पर यातायात और पैदल चलने वालों के लिए जगह बढ़ेगी, साथ ही शहर की सुंदरता भी बढ़ेगी।
हालांकि, इस कदम के विरोध में भी कई लोग हैं, जिनका मानना है कि बिना उचित नोटिस दिए दुकानदारों से यह कार्रवाई करना उचित नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या नगर निगम सही तरीके से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा पाएगा, या फिर यह अभियान भी पिछली योजनाओं की तरह ही ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
नगर निगम की बिडिंग प्रक्रिया: नौ सैरातों का ऑनलाइन बंदोबस्ती
नगर निगम ने 13 मई को नौ सैरातों और पार्किंग की ऑनलाइन बिडिंग प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। एमएसटीसी लिमिटेड के पोर्टल पर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक यह बिडिंग प्रक्रिया चलेगी। वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए यह बिडिंग की जाएगी, और इसके लिए पहले ही 8 सैरातों की बिडिंग हो चुकी है।
यह बिडिंग प्रक्रिया नगर निगम के नये प्रोजेक्ट्स और विकास कार्यों के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, क्योंकि इससे शहर में आने वाले दिनों में सार्वजनिक स्थलों की व्यवस्था बेहतर हो सकती है।
अतिक्रमण और पार्किंग: दोनों का संबंध
जहां एक ओर नगर निगम सड़क किनारे अतिक्रमण हटाने के अभियान में जुटा है, वहीं दूसरी ओर सैरातों और पार्किंग की बिडिंग प्रक्रिया यह दिखाती है कि शहर के पार्किंग और सार्वजनिक स्थानों की कमी को लेकर नगर निगम सख्त कदम उठा रहा है।
धनबाद में बढ़ते यातायात और पार्किंग की समस्या को देखते हुए यह बिडिंग प्रक्रिया और अतिक्रमण हटाने के अभियान महत्वपूर्ण हैं। इससे आने वाले समय में नगर निगम यातायात व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।
नगर निगम का अभियान और उसकी चुनौतियाँ
बिनोद बिहारी चौक से झारखंड मोड़ तक नगर निगम द्वारा चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि विकास की राह में अवैध कब्जे बड़ी रुकावट बन सकते हैं। हालांकि, इस अभियान के साथ जुड़े विवाद और आरोपों ने इसे और जटिल बना दिया है। अब देखना यह होगा कि क्या नगर निगम अपनी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू कर पाएगा, या फिर यह अभियान भी पिछली कोशिशों की तरह खत्म हो जाएगा।
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