Jamshedpur crime : किशोरी के साथ बलात्कार के आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
जमशेदपुर के सोनारी थाना पुलिस ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में यशवंत कुमार स्वासी को गिरफ्तार किया। पीड़िता की मां ने आरोपी के खिलाफ धमकी और शोषण का आरोप लगाया। पूरी खबर पढ़ें।

जमशेदपुर के सोनारी थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पुलिस ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में यशवंत कुमार स्वासी नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह मामला जनवरी 2025 से अप्रैल 2025 के बीच का बताया जा रहा है, जिसमें आरोपी ने पीड़िता को बहला-फुसलाकर शारीरिक शोषण किया और उसे डरा-धमकाकर चुप रहने के लिए मजबूर किया।
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता की मां ने सोनारी थाना पुलिस में 6 मई को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यशवंत कुमार स्वासी, जो कैलाशनगर का निवासी है, उनकी बेटी को बार-बार अपने घर ले जाता था और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाता था। इस दौरान वह लड़की को धमकाता था, जिसके कारण वह लंबे समय तक इस बारे में किसी को बता नहीं पाई।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता की मेडिकल जांच एमजीएम अस्पताल में कराई गई, जिसके बाद आरोपी को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जमशेदपुर में बढ़ते अपराध और सुरक्षा चुनौतियाँ
यह घटना जमशेदपुर में महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। पिछले कुछ वर्षों में शहर में ऐसे मामले बढ़े हैं, जिसमें नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटनाएं सामने आई हैं। स्थानीय नागरिकों और महिला संगठनों ने पुलिस प्रशासन से मजबूत कार्रवाई और सख्त कानूनी प्रक्रिया की मांग की है।
कानूनी प्रावधान और आगे की कार्रवाई
इस मामले में आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार) और POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। POCSO एक्ट के तहत नाबालिग के साथ यौन अपराध करने वाले आरोपियों को सख्त सजा का प्रावधान है। पुलिस जांच को और गहराई से आगे बढ़ा रही है ताकि आरोपी को सजा मिल सके।
समाज की जिम्मेदारी क्या है?
ऐसे मामलों में समाज की भूमिका भी अहम हो जाती है। अक्सर पीड़िताएं डर या सामाजिक कलंक के कारण अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायत नहीं कर पातीं। इसलिए, जरूरी है कि लोग ऐसे मामलों में पीड़ितों का साथ दें और उन्हें न्याय दिलाने में मदद करें। साथ ही, माता-पिता को भी अपने बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करनी चाहिए ताकि वे किसी भी अनुचित घटना की जानकारी तुरंत दे सकें।
जमशेदपुर का यह मामला एक बार फिर समाज के सामने यह सवाल खड़ा करता है कि क्या हम महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह सक्षम हैं? पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता और कानून का सख्ती से पालन जरूरी है। आशा है कि इस मामले में न्याय तेजी से मिलेगा और पीड़िता को न्याय मिलेगा।
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