Jamshedpur Accident: ईंट चुराने पहुंचा युवक, गिरती दीवार ने ले ली जान की कीमत

जमशेदपुर के बर्मामाइंस में ध्वस्तीकरण के दौरान ईंट चुराने पहुंचे युवक पर गिर गई दीवार, गंभीर रूप से घायल, प्रशासनिक लापरवाही उजागर।

May 2, 2025 - 14:02
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Jamshedpur Accident: ईंट चुराने पहुंचा युवक, गिरती दीवार ने ले ली जान की कीमत
Jamshedpur Accident: ईंट चुराने पहुंचा युवक, गिरती दीवार ने ले ली जान की कीमत

शुक्रवार की सुबह बर्मामाइंस क्षेत्र में एक पुराने टिस्को क्वार्टर के ध्वस्तीकरण के दौरान एक चौंकाने वाला हादसा हुआ, जिसने न सिर्फ एक युवक की जान जोखिम में डाल दी, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए। हादसे में घायल हुआ युवक ईंटें चुराने की नीयत से वहां पहुंचा था, लेकिन अनजाने में एक खतरनाक दीवार का शिकार बन गया।

ईंटों की लालच में पहुंचा मौत के मुहाने
स्थानीय लोगों के मुताबिक, मोहम्मद हिदायत नाम का युवक उस समय ध्वस्त की जा रही इमारत के पास पहुंचा, जब काम लगभग पूरा हो चुका था। लेकिन जैसे ही उसने गिराई गई इमारत से ईंटें इकट्ठा करनी शुरू की, अचानक एक असंतुलित दीवार भरभरा कर उसके ऊपर गिर गई। वहां मौजूद लोगों के लिए यह दृश्य किसी सदमे से कम नहीं था।

स्थानीय लोगों की मदद से बची जान
हादसे के तुरंत बाद मोहल्ले के लोगों ने तत्परता दिखाते हुए घायल हिदायत को टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजन उसे बिष्टुपुर स्थित स्टील सिटी अस्पताल ले गए। डॉक्टरों के अनुसार, युवक की हालत स्थिर है लेकिन उसे गहरी अंदरूनी चोटें आई हैं।

प्रशासनिक लापरवाही या सुरक्षा की अनदेखी?
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे शहर में ध्वस्तीकरण जैसे कार्य पर्याप्त सुरक्षा मानकों के तहत किए जा रहे हैं? पुराने टिस्को क्वार्टरों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया कई दिनों से चल रही थी, लेकिन मौके पर न तो सुरक्षा घेरे लगे थे, न ही वहां आम नागरिकों की एंट्री पर रोक थी। स्थानीय लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की कि क्षेत्र में कोई स्पष्ट चेतावनी चिन्ह या बैरिकेडिंग नहीं थी।

इतिहास में भी दोहराए गए ऐसे हादसे
यह पहली बार नहीं है जब जमशेदपुर में किसी ध्वस्तीकरण कार्य के दौरान हादसा हुआ हो। पहले भी करंजा और मानगो क्षेत्रों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां बिना सुरक्षा उपायों के इमारतों को गिराया गया और निर्दोष लोग घायल हुए। परंतु इन घटनाओं से प्रशासन ने कोई बड़ा सबक नहीं लिया।

गैरकानूनी ईंट उठाने का चलन भी बन रहा खतरा
ध्वस्तीकरण के बाद टूटे मलबे से ईंटें या अन्य सामान चुराना एक आम चलन बन चुका है। यह घटना उसी प्रवृत्ति का एक गंभीर उदाहरण है। कई बार स्थानीय लोग आर्थिक जरूरतों के कारण टूटे घरों से सामान निकालते हैं, लेकिन ऐसा करना न केवल गैरकानूनी होता है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकता है।

क्या सीखेगा प्रशासन इस बार?
इस हादसे के बाद स्थानीय नागरिकों में गुस्सा है और उन्होंने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए हर ध्वस्तीकरण स्थल पर सुरक्षा घेरा, चेतावनी बोर्ड और निगरानी की व्यवस्था अनिवार्य होनी चाहिए।


बर्मामाइंस में हुए इस हादसे ने न सिर्फ एक युवक को जिंदगी और मौत के बीच लाकर खड़ा कर दिया, बल्कि नगर प्रशासन की तैयारियों पर भी बड़ा सवाल उठाया है। यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है—हमारे शहर की सुरक्षा व्यवस्था में छेद कितना गहरा हो चुका है।

क्या प्रशासन अब जागेगा या अगली बार कोई और इसकी कीमत चुकाएगा?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।