Jamshedpur Pollution: बढ़ते AQI लेवल से खतरे में सांसें, हवा में ‘साढ़े तीन सिगरेट’ का धुआं

जमशेदपुर की हवा खतरनाक स्तर पर, AQI 250 के पार। बढ़ता वायु प्रदूषण सांस की बीमारियों का कारण। जानें, कैसे हवा में फैला जहर आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।

Nov 21, 2024 - 10:01
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Jamshedpur Pollution: बढ़ते AQI लेवल से खतरे में सांसें, हवा में ‘साढ़े तीन सिगरेट’ का धुआं
Jamshedpur Pollution: बढ़ते AQI लेवल से खतरे में सांसें, हवा में ‘साढ़े तीन सिगरेट’ का धुआं

जमशेदपुर: कभी ‘क्लीन सिटी, ग्रीन सिटी’ के नाम से मशहूर जमशेदपुर आज वायु प्रदूषण के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है। बुधवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 250 के पार पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर की हवा सांस लेने वाले हर व्यक्ति को रोजाना साढ़े तीन सिगरेट के बराबर धुआं अंदर ले जाने पर मजबूर कर रही है।

AQI लेवल कैसे बिगड़ा?

19 नवंबर की शाम तक जमशेदपुर का AQI 47 था, जो "अच्छी" श्रेणी में आता है। लेकिन अगले 24 घंटों में यह 250 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। यह स्थिति विशेष रूप से वाहनों के धुएं और ठंड के मौसम में प्रदूषित कणों के वातावरण में रुकने के कारण हुई।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जमशेदपुर की वर्तमान स्थिति वायु प्रदूषण से जूझ रहे दिल्ली जैसे शहरों की ओर इशारा करती है। इस स्तर की दूषित हवा से लोगों में सांस संबंधी बीमारियां, हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ सकता है।

एक प्रदूषण अधिकारी ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन और आम जनता को मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि नियमित वाहनों की चेकिंग, औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण, और अधिक पेड़ लगाने से हालात सुधर सकते हैं।

कैसे प्रभावित होती है सेहत?

AQI का 250 के पार जाना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इस स्तर पर वायु में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे महीन कण होते हैं, जो सीधे फेफड़ों में जाकर गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस दूषित हवा में सांस लेने का मतलब है कि हर व्यक्ति को साढ़े तीन सिगरेट का धुआं रोजाना मिल रहा है। इसका सीधा असर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की समस्या से पीड़ित लोगों पर पड़ता है।

जमशेदपुर का प्रदूषण: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

जमशेदपुर, जो कभी अपनी साफ-सुथरी सड़कों और हरियाली के लिए जाना जाता था, अब औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण प्रदूषण के चपेट में आ गया है। टाटा स्टील प्लांट और भारी वाहनों की गतिविधियों ने इस स्थिति को और गंभीर बना दिया है।

एक्यूआई लेवल पर नजर डालें

19 नवंबर की शाम को AQI लेवल 47 था, जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए 20 नवंबर को दोपहर 3 बजे 250 के पार पहुंच गया। यह आंकड़ा जमशेदपुर के तेजी से बिगड़ते हालात को दर्शाता है।

AQI डेटा (19-20 नवंबर):

  • 19 नवंबर, शाम 5 बजे: 47
  • 20 नवंबर, दोपहर 3 बजे: 250

प्रदूषण अधिकारी भी चौंके

कोल्हान के प्रदूषण अधिकारी रामप्रवेश कुमार ने जब AQI डेटा चेक किया, तो वह खुद हैरान रह गए। उनका कहना था कि जमशेदपुर का AQI आमतौर पर बेहतर होता है, लेकिन वाहनों के धुएं और ठंड के कारण यह खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।

समाधान की जरूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि जमशेदपुर को इस गंभीर स्थिति से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।

  • वाहनों के उत्सर्जन पर रोकथाम।
  • शहर में हरियाली बढ़ाने के लिए अधिक पेड़ लगाना।
  • औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले धुएं पर नियंत्रण।

क्या कहता है भविष्य?

अगर जमशेदपुर में वायु प्रदूषण की यही स्थिति बनी रही, तो यह शहर जल्द ही दिल्ली जैसी जहरीली हवा का शिकार हो सकता है। प्रशासन और नागरिकों को अब मिलकर काम करना होगा ताकि जमशेदपुर फिर से ‘क्लीन सिटी’ के नाम को सार्थक कर सके।

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