Hazaribagh Accident: भीषण सड़क हादसे में 4 की मौत, दर्जनों घायल, बस पलटने से मची चीख-पुकार
हजारीबाग के बरकठ्ठा में बड़ा सड़क हादसा। कोलकाता से बिहार जा रही बस पलटी, 4 लोगों की मौत, दर्जनों घायल। जानें कैसे हुआ हादसा और राहत कार्य की स्थिति।
हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले के बरकठ्ठा में गुरुवार सुबह भीषण सड़क हादसे ने कई परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया। कोलकाता से बिहार जा रही अद्यांत यात्री बस के पलटने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और राहत कार्य तुरंत शुरू किया गया।
कैसे हुआ हादसा?
यह दर्दनाक घटना गोरहर थाना क्षेत्र के जीटी रोड पर सुबह करीब 7:30 बजे हुई। बस नंबर WB 76 A 1548 अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में बस में सवार तीन लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
ग्रामीणों ने दिखाया साहस
घटना के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीण और पुलिस मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने बस की खिड़कियां और दरवाजे तोड़कर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला। राहत और बचाव कार्य में स्थानीय लोगों की मदद ने घायलों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई।
घायलों का इलाज जारी
हादसे में घायल सभी लोगों को बरकठ्ठा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इनमें से कई की हालत गंभीर है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग सदर अस्पताल और रांची रेफर किया जा सकता है।
हादसे के पीछे का कारण
जानकारी के मुताबिक, बस चालक ने अचानक नियंत्रण खो दिया, जिससे बस सड़क किनारे पलट गई। हालांकि, हादसे का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। शुरुआती जांच में तेज रफ्तार और सर्दियों में सड़क पर फिसलन को संभावित वजह माना जा रहा है।
सड़क हादसे: झारखंड का काला सच
झारखंड में सड़क दुर्घटनाएं नई बात नहीं हैं। जीटी रोड, जो देश की सबसे व्यस्त राजमार्गों में से एक है, यहां आए दिन हादसों का गवाह बनती है।
- 2019 में: झारखंड में सड़क हादसों में करीब 4000 लोगों की जान गई।
- 2022 में: राज्य में 4500 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं दर्ज हुईं।
विशेषज्ञों का कहना है कि खराब सड़कें, तेज रफ्तार और यातायात नियमों की अनदेखी इन हादसों के पीछे की मुख्य वजह हैं।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि जीटी रोड पर पुलिस और प्रशासन की लापरवाही इन हादसों का बड़ा कारण है। क्षेत्र में नियमित रूप से यातायात नियंत्रण की कमी और सड़क सुरक्षा उपायों का अभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
राहत कार्य जारी
गोरहर थाना प्रभारी अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने घटनास्थल पर तुरंत कार्रवाई की। राहत कार्य में पुलिस के साथ-साथ स्थानीय लोगों का सहयोग काबिल-ए-तारीफ रहा।
मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका
इस हादसे में अभी तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। लेकिन कई घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
जरूरी है सड़क सुरक्षा पर ध्यान
इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है।
- वाहन चालकों के लिए जागरूकता अभियान।
- सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों की निगरानी।
- सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन।
हजारीबाग का यह हादसा न केवल चार लोगों की जान लेकर गया, बल्कि दर्जनों परिवारों को दर्द और आंसुओं में छोड़ गया। जरूरत है कि प्रशासन और जनता मिलकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दें ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके।
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