Garhwa Ration Scam : सरकारी गोदाम से 94 लाख का राशन गबन! गढ़वा पुलिस ने मुख्य आरोपी जनसेवक दीपक कुमार चंचल को दबोचा!
झारखंड के गढ़वा जिले में राज्य खाद्य निगम (SFC) के गोदाम से 94 लाख रुपये से अधिक के राशन गबन के मुख्य आरोपी सहायक गोदाम प्रबंधक सह जनसेवक दीपक कुमार चंचल को पुलिस ने जोबरइया स्थित उनके नए आवास से गिरफ्तार कर लिया है। जांच में 2765.84 क्विंटल अनाज कम पाया गया था। आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
गरीबों के लिए भेजा गया राशन जब सरकारी गोदामों से ही गायब हो जाए, तो भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हो चुकी हैं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। झारखंड के पलामू प्रमंडल अंतर्गत गढ़वा जिले में सामने आए राज्य खाद्य निगम (SFC) के गोदाम से 94 लाख रुपये से अधिक के विशाल राशन गबन के मामले में पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। लंबे समय से फरार चल रहे मामले के मुख्य आरोपी और जिम्मेदार अधिकारी सहायक गोदाम प्रबंधक सह जनसेवक दीपक कुमार चंचल को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद अब इस बात की उम्मीद जगी है कि इस घोटाले के पीछे छिपे अन्य बड़े चेहरों का खुलासा भी हो सकता है।
कैसे गायब हुआ 2765 क्विंटल से ज्यादा अनाज?
मामले की गंभीरता का पता इस बात से चलता है कि सीओ यशवंत नायक ने न्यायालय में दायर अपने दावे में स्पष्ट कहा है कि गोदाम से गायब हुए 2765.84 क्विंटल चावल की कीमत 34 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से कुल 94 लाख 3 हजार रुपये है। इतनी बड़ी मात्रा में सरकारी अनाज का गायब हो जाना सिर्फ गबन नहीं, बल्कि एक बड़ा साजिश का संकेत है।
मेराल थाना प्रभारी विष्णुकांत के अनुसार, यह मामला 4 मार्च को मेराल के अंचल अधिकारी (सीओ) सह प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी यशवंत नायक द्वारा दर्ज कराया गया था। प्राथमिकी में सीधा आरोप एजीएम सह जनसेवक दीपक कुमार चंचल पर लगाया गया था।
प्रभार बदलने के दौरान खुला घोटाला
इस बड़े घोटाले का खुलासा तब हुआ जब मेराल के सरकारी गोदाम का प्रभार अदला-बदली के दौरान दूसरे अधिकारी को सौंपा जा रहा था। जांच में सामने आया कि गोदाम में करीब 3450 क्विंटल अनाज कम था। तत्कालीन जिला आपूर्ति पदाधिकारी राम गोपाल पांडेय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 21 फरवरी को खुद गहन जांच की। उनकी जांच में 2765.84 क्विंटल अनाज गायब होने की पुष्टि हुई, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने तत्काल तत्कालीन उपायुक्त (डीसी) शेखर जमुआर को दी।
डीसी के निर्देश पर ही यह गंभीर मामला दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के बाद से ही दीपक कुमार चंचल लगातार फरार चल रहे थे। पुलिस को लंबे समय से उनकी तलाश थी। आखिरकार, गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गुरुवार को उन्हें गढ़वा के जोबरइया स्थित उनके नए आवास से पकड़ लिया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस को अब उम्मीद है कि पूछताछ में इस गबन के पूरे नेटवर्क का खुलासा होगा।
आपकी राय में, झारखंड में सरकारी राशन गोदामों से इस तरह के बड़े गबन को रोकने और अनाज की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन को कौन से दो सबसे हाई-टेक और सख्त कदम उठाने चाहिए?
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