Jamshedpur Jail: टाटा स्टील प्लांट में 100 किलो कॉपर की चोरी नाकाम! सुरक्षाकर्मियों ने अलसुबह दबोचा चोर, जुगसलाई का मोहम्मद शमशाद गिरफ्तार! करीब 60 हजार के माल के साथ कैसे सुरंग तक पहुंच गया चोर?
टाटा स्टील, जमशेदपुर प्लांट के सुरक्षाकर्मियों ने गुरुवार सुबह चोरी की एक बड़ी घटना को नाकाम करते हुए जुगसलाई के मोहम्मद शमशाद को गिरफ्तार किया है। उसके पास से करीब 100 किलो कॉपर (तांबा), जिसकी कीमत 60 हजार रुपये है, बरामद हुआ। वह कंपनी परिसर से माल बाहर ले जाना चाहता था। पुलिस आगे की पूछताछ कर रही है।
टाटा स्टील, जमशेदपुर का यह प्लांट सिर्फ स्टील उत्पादन के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी कड़ी और आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी जाना जाता है। लेकिन कथित चोरों के लिए, प्लांट के अंदर से बहुमूल्य धातुएं, जैसे कि कॉपर (तांबा) चोरी करना, हमेशा एक बड़ी चुनौती बनी रही है। गुरुवार की अलसुबह टाटा स्टील के सुरक्षाकर्मियों ने एक बार फिर से अपनी तत्परता का परिचय देते हुए चोरी की एक बड़ी घटना को नाकाम कर दिया। करीब 100 किलो वजन के कॉपर के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिसका संबंध जमशेदपुर के जुगसलाई इलाके से है।
अलसुबह सुरंग के पास से धराया चोर
यह घटना गुरुवार सुबह करीब 5 बजकर 55 मिनट की है, जब प्लांट के अंदर सुरक्षाकर्मी अपनी नियमित गश्त कर रहे थे। चोरी की यह वारदात कंपनी के आईबीएमडी ऑफिस के पास स्थित एक पुराने 33 केवी के सुरंग के पास हुई। सुरक्षाकर्मियों ने जुगसलाई महतो पाड़ा रोड निवासी मोहम्मद शमशाद को उस समय रंगे हाथों पकड़ा, जब वह चोरी के माल को कंपनी परिसर से बाहर ले जाने की फिराक में था।
चोर के पास से लगभग 100 किलो वजन का कॉपर (तांबा) बरामद हुआ है, जिसकी कीमत खुले बाजार में करीब 60 हजार रुपये बताई जा रही है। सवाल यह उठता है कि सुरक्षा के इतने कड़े इंतजामों के बावजूद, यह व्यक्ति इतना बड़ा वजन लेकर सुरंग तक पहुंचने में कैसे कामयाब हो गया? यह घटना प्लांट की अंदरूनी सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक की ओर इशारा करती है।
रोज चोरी करने की आदत: क्या यह कोई गैंग है?
गिरफ्तारी के बाद मोहम्मद शमशाद ने सुरक्षाकर्मियों को बताया कि वह कंपनी के भीतर अक्सर चोरी करने के इरादे से जाता था। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों की तत्परता के कारण वह पहले कामयाब नहीं हो पा रहा था। इस बार उसने सोचा था कि वह कोई 'बड़ा हाथ' मारेगा, लेकिन उसकी यह योजना नाकाम हो गई। उसके पास से चोरी करने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को भी बरामद किया गया है।
मोहम्मद शमशाद के अकेले इस बड़ी चोरी को अंजाम देने के दावे पर पुलिस को संदेह है। यह संभव है कि यह किसी बड़े अंतरराज्यीय मेटल चोरी के गैंग का हिस्सा हो, जो झारखंड और ओडिशा के औद्योगिक इलाकों को निशाना बनाता है।
सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत मोहम्मद शमशाद को बिष्टुपुर पुलिस के हवाले कर दिया है। बिष्टुपुर पुलिस अब उससे गहन पूछताछ कर रही है ताकि पता चल सके कि क्या चोरी के इस नेटवर्क में प्लांट के अंदर का कोई व्यक्ति भी शामिल है। यह पूछताछ चोरी के इस नेटवर्क की जड़ों को बेनकाब करने में मदद कर सकती है।
आपकी राय में, टाटा स्टील जैसे विशाल प्लांट में अंदरूनी चोरी को रोकने और कर्मचारियों के संदिग्ध आवागमन पर नजर रखने के लिए सुरक्षा विभाग को कौन से दो सबसे हाई-टेक और सख्त कदम उठाने चाहिए?
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