सावन में शिव मंदिर बारिडीह में सत्यनारायण पूजा: आस्था, श्रद्धा और मनोकामनाओं की पूर्ति का पर्व

जमशेदपुर के शिव मंदिर बारिडीह बस्ती में सावन के महीने में महिलाओं द्वारा आयोजित सत्यनारायण पूजा का महत्व, विधि और आस्था की अद्भुत कथा। जानिए कैसे यह पूजा मनोकामनाओं को पूरा करती है।

Aug 16, 2024 - 16:22
Aug 16, 2024 - 16:32
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सावन में शिव मंदिर बारिडीह में सत्यनारायण पूजा: आस्था, श्रद्धा और मनोकामनाओं की पूर्ति का पर्व
सावन में शिव मंदिर बारिडीह में सत्यनारायण पूजा: आस्था, श्रद्धा और मनोकामनाओं की पूर्ति का पर्व

सावन के पवित्र महीने में आस्था और श्रद्धा का संगम जमशेदपुर के शिव मंदिर बारिडीह बस्ती के हरी मैदान के पास देखा गया, जहां महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ सत्यनारायण पूजा का आयोजन किया। इस अनूठे आयोजन में कॉलोनी की लगभग 15-20 महिलाओं ने बड़े ही उत्साह और भक्ति के साथ हिस्सा लिया।

पूजा के बाद प्रसाद का वितरण हुआ, जिसमें केले, लड्डू, सेव, नारियल और शीतल प्रसाद का भोग स्वरूप वितरण किया गया। इस शीतल प्रसाद का सावन महीने में विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु की कृपा पाने का एक साधन माना जाता है। महिलाओं का मानना है कि इस पूजा से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भगवान विष्णु, जिनका एक रूप शालीग्राम के रूप में पूजा जाता है, उनकी कृपा बनी रहती है।

पूजा की विधि:

सुबह की ताजगी और शुद्धता के साथ इस पूजा की शुरुआत होती है। महिलाएं सबसे पहले स्नान कर मंदिर और घर की सफाई करती हैं। फिर पूजा की चौकी (आसन) को पीले कपड़े से सजाया जाता है, जिस पर शालीग्राम भगवान को रखा जाता है। केले के पत्ते के साथ भगवान को बांधा जाता है, हल्दी और चंदन से तिलक किया जाता है, और पीले गेंदा के फूलों की माला चढ़ाई जाती है। देसी घी का दिया शालीग्राम भगवान के पास जलाया जाता है, जिससे पूजा की पवित्रता और भक्ति और बढ़ जाती है।

आस्था और श्रद्धा का संगम:

कॉलोनी की महिलाओं ने इस पूजा के आयोजन में अपनी गहरी आस्था दिखाई। नीलम, रीना, बेबी, किरण, रेखा, आरती, सकुंतला, सीमा, शोभा, दीपा, उर्मिला, ममता और अन्य गण्यमान्य महिलाएं इस आयोजन में मुख्य रूप से उपस्थित थीं।

उन्होंने बताया कि यह पूजा न केवल भगवान विष्णु की कृपा पाने का साधन है, बल्कि सभी महिलाओं को एकजुट कर उन्हें भक्ति और आस्था के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है।

इस पावन अवसर पर, महिलाओं ने मिलकर भगवान विष्णु की आराधना की और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि की कामना की। पूजा के अंत में प्रसाद ग्रहण कर सभी ने भगवान विष्णु के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की और अगले साल फिर से इस आयोजन की प्रतीक्षा की।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।