Raipur Alert: छत्तीसगढ़ के पांच जिलों में शीतलहर का खतरा, ठंड से अब तक दो मौतें
Chhattisgarh में सर्दी का कहर: सरगुजा समेत 5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी। ठंड से दो लोगों की मौत। जानें मौसम का हाल और बचाव के उपाय।
Raipur, Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में सर्दी का सितम बढ़ता जा रहा है। सरगुजा समेत पांच जिलों में मौसम विभाग ने शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। ठंड के कारण अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है। पहली मौत सरगुजा जिले के अंबिकापुर में और दूसरी बिलासपुर जिले में हुई। दोनों मामलों में ठंड के कारण हाइपोथर्मिया का शिकार हुए लोग अपनी जान गंवा बैठे।
ठंड का बढ़ता असर: जानलेवा साबित हो रही सर्दी
अंबिकापुर में शुक्रवार को एक व्यक्ति की ठंड से मौत हो गई। जिला प्रशासन के मुताबिक, मृतक नशे की हालत में दुकान के सामने सो गया था। ठंड के कारण वह हाइपोथर्मिया का शिकार हो गया। वहीं, बिलासपुर में रेलवे स्टेशन के पास खुले आसमान के नीचे सो रहे एक अधेड़ भिखारी की भी ठंड से जान चली गई। शुक्रवार दोपहर में उसकी लाश ठंड से अकड़ी हुई हालत में मिली।
मौसम विभाग का अलर्ट: सर्दी का प्रकोप और बढ़ेगा
मौसम विभाग ने सरगुजा, बलरामपुर, कोरिया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और सूरजपुर जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण अगले 24 घंटों में ठंड और बढ़ने की संभावना है। सरगुजा और बस्तर संभाग के जिलों में सोमवार से सर्दी और ज्यादा तेज हो सकती है।
पिछले रिकॉर्ड से ज्यादा सर्दी की उम्मीद
मौसम वैज्ञानिक ए.एम. भट्ट ने बताया कि इस बार सर्दी पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा कड़ाके की पड़ने की संभावना है। नवंबर में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे जाने का सिलसिला लंबे समय बाद देखा जा रहा है। 2014 में 17 और 18 नवंबर को न्यूनतम तापमान क्रमशः 9.9 और 9.6 डिग्री दर्ज हुआ था। इस साल भी ठंड ने नवंबर के मध्य से ही अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।
प्रदेश में सबसे ठंडा मैनपाट और सबसे गर्म दुर्ग
छत्तीसगढ़ में मैनपाट 6 डिग्री सेल्सियस के साथ राज्य का सबसे ठंडा इलाका रहा, जबकि दुर्ग 30.4 डिग्री के तापमान के साथ सबसे गर्म जगह रहा। मौसम विभाग का कहना है कि रायपुर का तापमान महीने के अंत तक 14 डिग्री तक पहुंच सकता है। सरगुजा संभाग में लगातार कड़ाके की ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है।
ठंड से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी
सर्दी के बढ़ते कहर के बीच प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। खुले आसमान के नीचे सोने वाले गरीब और बेघर लोगों के लिए विशेष इंतजाम करने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है। जिला प्रशासन ने रैन बसेरों और ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाने के निर्देश दिए हैं।
इतिहास में सर्दी का ऐसा कहर
छत्तीसगढ़ में सर्दी का असर पिछले कुछ सालों में तेज होता जा रहा है। सरगुजा और बस्तर जैसे इलाकों में हर साल दिसंबर और जनवरी के महीने में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक गिरने की घटनाएं सामने आती हैं। 2014 और 2019 में भी राज्य के कई हिस्सों में शीतलहर के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ था।
जरूरतमंदों के लिए मदद का आह्वान
ठंड के कारण दो लोगों की मौत ने समाज और प्रशासन दोनों को जिम्मेदारी निभाने की ओर इशारा किया है। रैन बसेरों और गर्म कपड़ों की व्यवस्था से गरीबों की जान बचाई जा सकती है। इसके साथ ही, लोगों को सर्दी के दौरान नशे से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जा रही है।
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