भिलाई इस्पात संयंत्र के राजभाषा पखवाड़ा समापन पर बरसे पुरस्कार, हिंदी की उन्नति का उत्सव!

भिलाई इस्पात संयंत्र में वार्षिक पुरस्कार वितरण और राजभाषा पखवाड़ा का समापन समारोह आयोजित हुआ। जानें इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में कैसे हिंदी के प्रति उन्नति के प्रयास हुए और किसे मिले विशेष सम्मान।

Oct 5, 2024 - 21:19
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भिलाई इस्पात संयंत्र के राजभाषा पखवाड़ा समापन पर बरसे पुरस्कार, हिंदी की उन्नति का उत्सव!
भिलाई इस्पात संयंत्र के राजभाषा पखवाड़ा समापन पर बरसे पुरस्कार, हिंदी की उन्नति का उत्सव!

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) में 4 अक्टूबर 2024 को राजभाषा पखवाड़ा का समापन और वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह भव्य रूप से संपन्न हुआ। यह आयोजन संयंत्र के मानव संसाधन विकास केन्द्र में हुआ, जहां हिंदी के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ, राजभाषा पखवाड़ा के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया।

इस समारोह के मुख्य अतिथि कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार थे। उनके साथ मंच पर अन्य प्रमुख अधिकारियों में कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) श्री एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) डॉ. अशोक कुमार पंडा, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (माइंस) श्री बी. के. गिरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. एम. रविन्द्रनाथ और कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (रावघाट) श्री अरुण कुमार भी शामिल थे।

हिंदी को मिला बढ़ावा, विजेताओं का हुआ सम्मान

कार्यक्रम की शुरुआत में, मुख्य अतिथि श्री अंजनी कुमार ने भिलाई इस्पात संयंत्र की हिंदी को लेकर प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "भिलाई इस्पात संयंत्र हिंदी के प्रचार-प्रसार में हमेशा अग्रणी रहा है और राष्ट्रीय दायित्वों की पूर्ति के लिए लगातार प्रयासरत है। इस राजभाषा पखवाड़ा के दौरान हमने देखा कि संयंत्र के कर्मचारियों में हिंदी के प्रति आकर्षण और समर्पण लगातार बढ़ रहा है।"

उन्होंने सभी विजेताओं को बधाई देते हुए यह भी कहा कि, "आप सभी का यह कर्तव्य है कि अपने कार्यक्षेत्र में हिंदी के प्रति अनुराग बढ़ाएं और कार्यालयीन कार्यों में हिंदी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करें।"

प्रतियोगिताओं में दिखी नई ऊर्जा

इस वर्ष राजभाषा पखवाड़ा के दौरान आयोजित ऑनलाइन क्विज़, निबंध लेखन, तात्कालिक कविता लेखन, चित्र देखकर कहानी लिखना और भाषण प्रतियोगिताओं में अभूतपूर्व भागीदारी देखने को मिली। इन प्रतियोगिताओं में बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो यह दर्शाता है कि हिंदी के प्रति कर्मचारियों का रुझान लगातार बढ़ रहा है।

महाप्रबंधक (संपर्क एवं प्रशासन, जनसंपर्क एवं प्रभारी राजभाषा) श्री सौमिक डे ने बताया कि, "भिलाई इस्पात संयंत्र ने हिंदी में कार्यालयीन कार्य करने की दिशा में बेहतरीन प्रगति की है। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से संयंत्र का उद्देश्य हिंदी को संस्थान की मुख्य भाषा के रूप में स्थापित करना है।"

विशेष पुरस्कारों की घोषणा

समारोह के दौरान ‘निदेशक प्रभारी, राजभाषा वैजयंती’ के अंतर्गत खदान क्षेत्र में ‘राजहरा लौह अयस्क समूह’ को, संकार्य क्षेत्र में ‘मटेरियल्स रिकवरी डिपार्टमेंट’ को और गैर संकार्य क्षेत्र में ‘नगर सेवाएं’ विभाग को पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही, सर्वश्रेष्ठ हिंदी समन्वय अधिकारी का खिताब सहायक महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा) सुश्री स्मिता जैन को प्रदान किया गया।

भविष्य की राह

राजभाषा पखवाड़ा का यह समापन समारोह न केवल हिंदी के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि भिलाई इस्पात संयंत्र अपने कर्मचारियों को हिंदी के प्रति जागरूक और समर्पित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। संयंत्र के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में इस दिशा में और भी योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिससे हिंदी का उपयोग और भी व्यापक हो सके।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।