Putin arrives in Delhi : यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन पहली बार भारत पहुंचे, मोदी ने गले लगाकर किया स्वागत
दिल्ली में दुनिया की नज़र! रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार राष्ट्रपति पुतिन भारत दौरे पर। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर हवाई अड्डे पर किया स्वागत। 30 घंटे के दौरे में क्या है रक्षा और व्यापार का मुख्य एजेंडा और कैसे अमेरिका के 50% शुल्क पर होगा असर, पढ़ें पूरी खबर।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर 2025 – यूक्रेन-रूस युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर स्वयं उपस्थित रहकर उनका जोरदार स्वागत किया। दोनों शीर्ष नेताओं ने गले मिलकर अपनी गहरी दोस्ती और मजबूत संबंधों का संदेश दिया।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
पुतिन के इस दौरे से पहले ही रूस के कई महत्वपूर्ण मंत्री, जिनमें उप-प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु शामिल हैं, दिल्ली पहुंच चुके थे। इस दौरे का मकसद दोनों देशों के बीच समग्र द्विपक्षीय रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को विस्तार देना है। सुरक्षा के मद्देनजर पूरी राजधानी में कड़े इंतजाम किए गए हैं।
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30 घंटे का दौरा: रूसी राष्ट्रपति पुतिन करीब 30 घंटे तक भारत में रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी आज रात उनके सम्मान में एक निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। पिछले साल पुतिन ने भी अपनी रूस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का इसी तरह आतिथ्य किया था।
अमेरिका से तनाव के बीच शिखर वार्ता
पुतिन की यह यात्रा एक ऐसे समय पर हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच के संबंध पिछले दो दशकों में शायद सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। दरअसल, अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाया है, जिसमें रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण लगाया गया 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है।
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वार्ता का एजेंडा: शुक्रवार को होने वाली 23वीं भारत-रूस शिखर वार्ता में रक्षा सहयोग बढ़ाने, द्विपक्षीय व्यापार को बाहरी दबावों से बचाने, और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर के क्षेत्र में संभावित सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
यूक्रेन संघर्ष और भारत का रुख
इस शिखर सम्मेलन में यूक्रेन संघर्ष एक प्रमुख मुद्दा रहेगा, जिससे पश्चिमी देशों की पैनी निगाह इस वार्ता पर टिकी हुई है। पुतिन संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन संघर्ष समाप्त करने के अमेरिकी प्रयासों से अवगत कराएंगे। भारत ने हमेशा कहा है कि युद्ध का समाधान केवल संवाद और कूटनीति से होकर गुजरता है।
समझौते और समापन: शिखर वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इनमें भारतीय श्रमिकों के रूस में आवागमन को सुगम बनाने और रक्षा सहयोग पर साजो-सामान संबंधी सहयोग का समझौता शामिल है। पुतिन अगले दिन राजघाट भी जाएंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके लिए राजकीय भोज की मेजबानी करेंगी। पुतिन शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे भारत से रवाना होंगे।
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