Vice President Election 2025: जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी बनाम सीपी राधाकृष्णन - एक रोचक मुकाबला

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी और सीपी राधाकृष्णन के बीच कांटे की टक्कर। जानिए दोनों उम्मीदवारों का प्रोफाइल, जीत की संभावनाएं और इस मुकाबले का महत्व।

Aug 19, 2025 - 14:46
Aug 19, 2025 - 15:00
 0
Vice President Election 2025: जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी बनाम सीपी राधाकृष्णन - एक रोचक मुकाबला
Vice President Election 2025: जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी बनाम सीपी राधाकृष्णन - एक रोचक मुकाबला

नई दिल्ली, 19 अगस्त 2025 भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए सियासी मंच तैयार हो चुका है। विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि सत्तारूढ़ एनडीए ने महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है। यह चुनाव 9 सितंबर 2025 को होगा, और दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। आइए, दोनों उम्मीदवारों के प्रोफाइल, उनके जीतने की संभावनाओं और इस मुकाबले के महत्व पर नजर डालते हैं।

जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी:

निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों का प्रतीकजन्म और शिक्षा:

जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव में एक कृषक परिवार में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से 1971 में कानून में स्नातक (LL.B) की डिग्री हासिल की।

न्यायिक करियर:

  • 1971: आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन।
  • 1988-1990: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में कार्य।
  • 1993: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार।
  • 1995: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त।
  • 2005: गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
  • 2007-2011: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और सामाजिक मामलों पर निष्पक्ष और दूरगामी फैसले सुनाए।
  • 2013: गोवा के पहले लोकायुक्त नियुक्त, लेकिन सात महीने बाद निजी कारणों से इस्तीफा।

प्रतिष्ठा:
जस्टिस रेड्डी को उनकी निष्पक्षता, संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता और संवेदनशील न्यायिक शैली के लिए जाना जाता है। उनके फैसले सामाजिक न्याय और गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रख्यात रहे हैं। विपक्ष ने उन्हें एक गैर-राजनीतिक, सम्मानित और स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवार के रूप में पेश किया है।

सीपी राधाकृष्णन:

संगठनात्मक कौशल और राजनीतिक अनुभव का मिश्रण

जन्म और पृष्ठभूमि:

चंद्रपुरम पोन्नुसामी (सीपी) राधाकृष्णन तमिलनाडु के एक अनुभवी भाजपा नेता हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में हुआ, और वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से लंबे समय से जुड़े रहे हैं।

राजनीतिक और प्रशासनिक करियर:

  • 1998-2004: कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद।
  • 2016-2020: तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष।
  • 2023-2024: झारखंड के राज्यपाल, साथ ही तेलंगाना और पुदुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार।
  • 2024-वर्तमान: महाराष्ट्र के राज्यपाल।
  • राधाकृष्णन ने दक्षिण भारत में भाजपा की पैठ बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर तमिलनाडु में जहां पार्टी को मजबूत करने के लिए उन्होंने संगठनात्मक कार्य किए।

प्रतिष्ठा:
राधाकृष्णन को एक सरल, सहज और संगठनात्मक कौशल वाला नेता माना जाता है। उनकी RSS पृष्ठभूमि और दक्षिण भारत में भाजपा की रणनीति को मजबूत करने की क्षमता उन्हें एनडीए का मजबूत उम्मीदवार बनाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जनसेवा और सादगी की प्रशंसा की है।

दोनों उम्मीदवारों की तुलना

पहलू
जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी
सीपी राधाकृष्णन
पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, गैर-राजनीतिक
अनुभवी भाजपा नेता, RSS से जुड़े
क्षेत्र
आंध्र प्रदेश
तमिलनाडु
अनुभव
न्यायपालिका में 40+ वर्ष, गोवा के लोकायुक्त
राजनीति में 40+ वर्ष, राज्यपाल के रूप में कार्य
छवि
निष्पक्ष, संवैधानिक मूल्यों के प्रति समर्पित
संगठनात्मक और वैचारिक, जनसेवा में सक्रिय
समर्थन
इंडिया गठबंधन (कांग्रेस, TMC, AAP, आदि)
एनडीए (BJP, सहयोगी दल)
ताकत
स्वच्छ छवि, कानूनी विशेषज्ञता
राजनीतिक अनुभव, NDA की मजबूत संगठनात्मक शक्ति

समानताएं:

  • दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं, जो इस चुनाव को 'दक्षिण बनाम दक्षिण' की जंग बनाता है।
  • दोनों की उम्र 70 वर्ष से अधिक है, और दोनों अपने-अपने क्षेत्रों में सम्मानित हैं।

अंतर:

  • रेड्डी की ताकत उनकी गैर-राजनीतिक और निष्पक्ष छवि है, जो विपक्ष को एकजुट करने में मदद करती है।
  • राधाकृष्णन की ताकत उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि और एनडीए की मजबूत संसदीय संख्या है।

जीतने की संभावनाएं और कारण

जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी:

  • ताकत:
    • उनकी स्वच्छ और गैर-राजनीतिक छवि विपक्ष के लिए एक मजबूत नैतिक आधार प्रदान करती है।
    • विपक्षी गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, TMC, AAP और अन्य दल शामिल हैं, ने उनके नाम पर सर्वसम्मति जताई है, जो एकता का संदेश देता है।
    • उनकी कानूनी विशेषज्ञता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की प्रतिबद्धता उन्हें उन सांसदों के लिए आकर्षक बनाती है जो गैर-राजनीतिक उम्मीदवार को प्राथमिकता देते हैं।
  • चुनौतियां:
    • संसद में इंडिया गठबंधन की संख्या एनडीए की तुलना में कम है। उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान सांसदों और राज्यसभा सदस्यों द्वारा किया जाता है, जहां एनडीए की स्थिति मजबूत है।
    • कुछ विपक्षी दलों, जैसे TMC, ने शुरू में गैर-राजनीतिक उम्मीदवार पर जोर दिया, लेकिन अब उनकी एकजुटता की परीक्षा होगी।
  • जीतने की संभावना: मध्यम। उनकी जीत इस बात पर निर्भर करेगी कि विपक्ष कितना एकजुट रहता है और क्या वे कुछ तटस्थ सांसदों का समर्थन हासिल कर पाते हैं।

सीपी राधाकृष्णन:

  • ताकत:
    • एनडीए की संसद में मजबूत संख्या (लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत) उनकी जीत की संभावना को बढ़ाती है।
    • राधाकृष्णन की RSS और भाजपा से गहरी निष्ठा उन्हें गठबंधन के सभी दलों का मजबूत समर्थन दिलाती है।
    • उनकी राजनीतिक अनुभव और दक्षिण भारत में भाजपा की रणनीति को मजबूत करने की क्षमता उन्हें एक रणनीतिक पसंद बनाती है।
    • पीएम मोदी और राजनाथ सिंह ने सभी दलों से सर्वसम्मति की अपील की है, जो उनके पक्ष में माहौल बना सकती है।
  • चुनौतियां:
    • विपक्ष की ओर से गैर-राजनीतिक उम्मीदवार उतारने से कुछ तटस्थ सांसद रेड्डी की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
    • दक्षिण भारत में भाजपा की सीमित पैठ (विशेष रूप से तमिलनाडु में) उनकी उम्मीदवारी को क्षेत्रीय स्तर पर कमजोर कर सकती है।

  • जीतने की संभावना: उच्च। एनडीए की संसदीय ताकत और संगठनात्मक एकता के कारण राधाकृष्णन की जीत की संभावना अधिक है।

क्यों है यह मुकाबला महत्वपूर्ण?

यह उपराष्ट्रपति चुनाव केवल एक संवैधानिक पद की पूर्ति नहीं है, बल्कि यह एक वैचारिक लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे "संवैधानिक मूल्यों की रक्षा" की लड़ाई करार दिया है। वहीं, एनडीए इसे सर्वसम्मति और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में पेश कर रहा है। दोनों उम्मीदवारों का दक्षिण भारत से होना इस बात का संकेत है कि दोनों गठबंधन दक्षिणी राज्यों में अपनी राजनीतिक पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow