UPI Revolution: UPI में क्रांतिकारी बदलाव! PIN भूलने की टेंशन खत्म, अब चेहरे और फिंगरप्रिंट से होगी पेमेंट, धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम!
UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर! आज (8 अक्टूबर 2025) से UPI ट्रांजैक्शन में PIN की जगह चेहरे की पहचान (Face Recognition) और फिंगरप्रिंट (Fingerprint) से पेमेंट ऑथेंटिकेट किया जा सकेगा। यह आधार-आधारित बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन धोखाधड़ी को कम करेगा और पेमेंट को तेज़ बनाएगा।
डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में भारत ने एक और बड़ी छलांग लगाई है! UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) अब अपने यूजर्स को एक नया और बेहतरीन एक्सपीरियंस देने के लिए तैयार है। सूत्रों और रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आज 8 अक्टूबर 2025 से UPI ट्रांजैक्शन में एक क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत की जा सकती है। अब UPI पेमेंट के दौरान PIN भूलने पर घबराने की कोई जरूरत नहीं होगी, क्योंकि चेहरे की पहचान और फिंगरप्रिंट की मदद से आसानी से लेनदेन किया जा सकेगा।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा शुरू की जा रही यह नई सुविधा लाखों UPI उपयोगकर्ताओं के लिए लेनदेन को तेज, आसान और अधिक सुरक्षित बनाने में मददगार साबित होगी। यह नया फीचर मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में प्रदर्शित होने की संभावना है।
PIN की विदाई: बायोमेट्रिक का नया दौर
इस नए बदलाव के बाद UPI पेमेंट करने में PIN डालने की जरूरत खत्म हो जाएगी। यूजर्स अब सीधे फेस रिकग्निशन (चेहरे की पहचान) या फिंगरप्रिंट के जरिए पेमेंट को ऑथेंटिकेट कर सकेंगे।
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आधार डेटा का इस्तेमाल: UPI ट्रांजैक्शन को मंजूरी देने के लिए आधार सिस्टम में स्टोर किए गए बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हालिया गाइडलाइंस के तहत संभव हुआ है।
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किसके लिए फायदेमंद: यह नई सुविधा खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी, जो पेमेंट करते समय अक्सर PIN भूल जाते हैं या जिन्हें टाइप करने में दिक्कत होती है। इससे वक्त की बचत होगी और पेमेंट चुटकियों में हो जाएगा।
धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम: एक सुरक्षा क्रांति
बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को UPI में शामिल करना डिजिटल पेमेंट की दुनिया में एक बड़ा और सुरक्षा-केंद्रित बदलाव माना जा रहा है।
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चोरी का डर खत्म: एक्सपर्ट्स का मानना है कि बायोमेट्रिक के इस्तेमाल से UPI लेनदेन से जुड़ी धोखाधड़ी में काफी कमी आ सकती है। पारंपरिक PIN को आसानी से शेयर या चुराया जा सकता है, लेकिन इसके विपरीत उंगलियों के निशान या चेहरे की पहचान की नकल कर पाना लगभग असंभव है।
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सुरक्षित लेनदेन: यह कदम करोड़ों यूजर्स के लिए लेन-देन को पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित बना देगा और इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लग सकेगी।
हालांकि विशेषज्ञ यह चेतावनी भी देते हैं कि गोपनीयता सुरक्षा और सिस्टम की पूरी तैयारी इस क्रांतिकारी बदलाव की सफलता की कुंजी होगी। कुल मिलाकर, UPI का यह नया अवतार डिजिटल भुगतान को सरलता और सुरक्षा के नए स्तर पर ले जाने के लिए तैयार है।
आपकी राय में, UPI में PIN के बजाय बायोमेट्रिक का इस्तेमाल करने से लेन-देन की गति में कितना सुधार होने की संभावना है?
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