Worlds Largest Shivling Bihar News 2025: तमिलनाडु से 210 टन का 33 फुट विशाल शिवलिंग रवाना, 20 दिन की सड़क यात्रा पर—पूर्वी चंपारण के विराट रामायण मंदिर में नया साल पर होगा प्राण-प्रतिष्ठा, धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बूस्ट
World's Largest Shivling Bihar News 2025: महाबलीपुरम से 33 फुट ऊंचा 210 टन शिवलिंग रवाना, 10 साल की मेहनत—3 करोड़ लागत। पूर्वी चंपारण विराट रामायण मंदिर में स्थापना। World's Largest Shivling Bihar News 2025
Patna, Bihar | 26 November 2025 – बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में चकिया-केसरीया रोड पर बन रहे दुनिया के सबसे बड़े रामायण मंदिर—विराट रामायण मंदिर—के लिए एक ऐतिहासिक पल आ गया है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम से देश का सबसे विशाल एकल-चट्टान का ग्रेनाइट शिवलिंग—33 फुट ऊंचा और 210 मीट्रिक टन वजनी—अपनी लंबी सड़क यात्रा पर रवाना हो चुका है। 96 पहियों वाले विशेष ट्रक पर लादा गया यह भव्य शिवलिंग करीब 20-25 दिनों में बिहार पहुंचेगा, जहां नए साल की शुरुआत में इसकी भव्य प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इसकी स्थापना के बाद यह किसी भी भारतीय मंदिर में स्थापित सबसे बड़ा शिवलिंग बन जाएगा, जो मंदिर को धार्मिक और पर्यटन का वैश्विक केंद्र बना देगा।
इस शिवलिंग को तैयार करने में दक्षिण भारत के कारीगरों ने 10 साल की कड़ी मेहनत झोंकी है। महाबलीपुरम के पट्टिकाडु इलाके में एक ही विशाल काले ग्रेनाइट पत्थर से तराशा गया यह शिवलिंग करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से बना है। रवाना होने से पहले ग्रामीणों और कारीगरों ने विधिवत पूजा-अर्चना की, जिसमें भजन-कीर्तन और आरती का आयोजन हुआ। निर्माण कंपनी के संस्थापक विनायक वेंकटरामन ने बताया, "यह न केवल आकार में विशाल है, बल्कि इसकी नक्काशी और संतुलन में भी अनूठा है। यात्रा के दौरान कई शहरों में विशेष प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जहां भक्त दर्शन कर सकेंगे।" रूट में होसुर, हैदराबाद, नागपुर, जबलपुर, प्रयागराज, छपरा जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं, और पूरे मार्ग पर भक्तों के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं।
विशाल वजन को देखते हुए विशेष इंजीनियरिंग का सहारा लिया गया है। 12 किलोमीटर लंबे सड़क और पुलों पर मरम्मत कार्य चल रहा है ताकि ट्रक का भार सहन हो सके। महावीर मंदिर न्यास समिति के इंजीनियर नंदन कुमार सिंह ने कहा, "यह शिवलिंग मंदिर का मुख्य आकर्षण बनेगा। हम 2025 के अंत तक पूरा प्रोजेक्ट पूरा करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।" न्यास के सचिव सयान कुणाल ने जोर देकर कहा कि यह मंदिर आंग्कोर वाट से भी ऊंचा और विशाल होगा, जो बिहार को धार्मिक पर्यटन का हब बना देगा।
विराट रामायण मंदिर: भव्यता का प्रतीक चकिया के कैथवालिया-बाहुara गांवों में फैला यह मंदिर पटना से महज 120 किलोमीटर दूर है। कुल 51 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होने वाला यह परिसर 1080 फीट लंबा, 540 फीट चौड़ा और 123 मीटर (लगभग 405 फीट) ऊंचा होगा। यहां 18 प्रमुख शिखर (सबसे ऊंचा 270 फीट) और 22 छोटे मंदिर बनाए जा रहे हैं, जिनकी दीवारों और द्वारों पर रामायण की कथाओं की नक्काशी होगी। मंदिर में 20,000 लोगों की क्षमता वाला सभागार भी होगा। जून 2023 में नींव रखी गई थी, और अभी तक प्रवेश द्वार, सिंह द्वार, गणेश स्थल, नंदी स्थल, शिवलिंग क्षेत्र और गर्भगृह की नींव तैयार हो चुकी है। कुल लागत 500 करोड़ रुपये है, जिसका पूरा फंडिंग महावीर मंदिर ट्रस्ट कर रहा है। टाटा कंपनी निर्माण कार्य संभाल रही है।
यह प्रोजेक्ट आचार्य किशोर कुणाल का सपना है, जो पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव रह चुके हैं। कुणाल ने कहा था, "यह मंदिर रामायण की विरासत को जीवंत करेगा और बिहार को वैश्विक धार्मिक मानचित्र पर स्थापित करेगा।" निर्माण में रामनाथस्वामी और मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिरों से प्रेरणा ली गई है। एक बार पूरा होने पर यह अयोध्या राम मंदिर से भी बड़ा होगा, और लाखों पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई बिहार पहले से ही बौद्ध और जैन तीर्थों के लिए जाना जाता है, लेकिन विराट रामायण मंदिर के साथ हिंदू धार्मिक पर्यटन को अपार बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह न केवल आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। यात्रा के दौरान भक्तों की भारी भीड़ की उम्मीद है, और स्थापना समारोह फरवरी 2026 में महाशिवरात्रि पर हो सकता है। यह शिवलिंग न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि वास्तुकला का चमत्कार भी है।
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