जीवन पथ
जीवन की दुर्गम राहों पर,
राही तुझ को चलना होगा ।
सर्दी, गर्मी, वर्षा आतप
मौसम से नहीं डरना होगा ।।
यह वक्त एक सा रहा नहीं
कितने ही बड़े राजाओं का ।
हिम्मत, साहस से बढ़ते हैं,
मर्दन कर पथ बाधाओं का ।।
बाधाओं से न हो निराश ,
जीवन में परीक्षा होती है ।
हर मुश्किल क्षण के साथ-साथ
शुभ पल की प्रतीक्षा होती है ।।
सरिता की लहरों का संदेश,
प्रति पल आगे बढ़ते जाओ ।
संकट में धीरज धारण कर,
तुम अपना पराक्रम दिखलाओ ।।
उत्साह , उर्जा, बल, बुद्धि
बाधाओं के फेरे तोड़ेगी ।
राही तू मत होना निराश ,
अब विजय द्वार तेरे होगी ।।
जो अटक रहा सोई अटका ,
आगे ही तुम्हें बढ़ना होगा ।।1।।
सुख दुख के बादल आते हैं,
तुम उनसे मत विचलित होना ।
हरदम आगे बढ़ते जाओ,
पाओगे सफलता का सोना ।|
जीवन में हार नहीं मानो,
जगपालन हार का ध्यान करों ।
फिर अपने लक्ष्य में जुट जाओं,
तुम कभी नहीं मन म्लान करो ।।
बढ़ते हैं वीर बहादुर ही,
विपरीत वक्त की धारा में ।
हम खुद के सहायक स्वयं बने,
नौका पहुंचेगी किनारा में ।।
क्या सदा अंधेरा रहता है ,
जब नव प्रभात होने को है ।
जीवन तो है पाने के लिए,
निज लक्ष्य नहीं है खोने को ।।
रे मन तू क्यों होता उदास,
यह रूकने का है समय नहीं ।
हंसते ही हुए बढ़ना सीखो,
सचमुच जीने का लक्ष्य यही ।।
खुशियाँ फैलाये मिल हम सब,
नव जीवन की अमराई में ।
हर घर आंगन खुशहाल रहे ,
हो प्यार हर भाई-भाई में, ।।
मीठे अमृत के साथ साथ ,
'शिव' गरल कंठ धरना होगा ।।2।।
शिवनाथ सिंह 'शिव'