रतन टाटा का निधन: भारतीय उद्योग जगत की एक युगांतकारी शख्सियत का अंत

देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा का निधन 86 वर्ष की उम्र में हुआ। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने ऊंचाइयों को छुआ। जानें उनके जीवन और उनके योगदान से जुड़े अहम पहलू।

Oct 10, 2024 - 00:06
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रतन टाटा का निधन: भारतीय उद्योग जगत की एक युगांतकारी शख्सियत का अंत
रतन टाटा का निधन: भारतीय उद्योग जगत की एक युगांतकारी शख्सियत का अंत

देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का आज 86 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। उम्र से जुड़ी बीमारियों के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। टाटा समूह ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि यह न केवल समूह के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। रतन टाटा की सादगी, ईमानदारी और व्यावसायिक नैतिकता ने उन्हें एक मिसाल बना दिया था।

रतन टाटा का नेतृत्व और योगदान

1991 में रतन टाटा ने टाटा समूह का नेतृत्व संभाला और अपने कार्यकाल के दौरान समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके मार्गदर्शन में टाटा समूह ने 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और 1996 में टाटा इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों की स्थापना की, जिसने समूह को वैश्विक मंच पर खड़ा कर दिया। 2012 तक वे इस पद पर बने रहे और इसके बाद टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन के रूप में काम कर रहे थे, जो कि सर रतन टाटा और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट्स सहित अन्य सहयोगी ट्रस्टों का संचालन करता है।

मानवता की मिसाल: रतन टाटा

रतन टाटा को केवल एक सफल उद्योगपति के रूप में नहीं, बल्कि एक विनम्र और परोपकारी व्यक्ति के रूप में भी याद किया जाएगा। उनके जीवन से जुड़े कई किस्से उनकी सादगी और दूसरों की मदद करने की प्रवृत्ति को दर्शाते हैं। चाहे वह प्राकृतिक आपदाओं के समय मदद हो या कर्मचारियों की सुरक्षा, रतन टाटा ने हमेशा मानवीयता को प्राथमिकता दी। यही कारण है कि वे न केवल व्यावसायिक जगत में, बल्कि आम जनता के बीच भी एक प्रिय शख्सियत रहे।

व्यावसायिक बुलंदियों का सफर

टाटा समूह का नेतृत्व संभालने के बाद रतन टाटा ने उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाई। उनके कार्यकाल में समूह ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं, जैसे कि जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने भारतीय उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इसके लिए उन्हें पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) जैसे राष्ट्रीय सम्मान से भी नवाजा गया।

देश के प्रति रतन टाटा का योगदान

रतन टाटा का देश की प्रगति में योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने न केवल टाटा समूह को नई दिशा दी, बल्कि देश के विकास में भी अपनी अहम भूमिका निभाई। वे हमेशा अपने कर्मचारियों और समाज के लिए प्रतिबद्ध रहे। उनका नाम हमेशा एक सच्चे और नैतिक नेतृत्वकर्ता के रूप में लिया जाएगा।

अंतिम विदाई

रतन टाटा का निधन भारतीय उद्योग जगत के एक युग का अंत है। उनके जाने से देश ने एक सच्चा मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत खो दिया है। उनकी विरासत और उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग सदैव याद रखा जाएगा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।