Jamshedpur Jail : गोलमुरी निवासी दशरथ शुक्ला पिस्तौल समेत बुंडू से गिरफ्तार, जिसके लिए करता था काम, उसी हरेराम सिंह और बेटे पर चलवाई गोली!
जमशेदपुर पुलिस ने कारोबारी हरेराम सिंह और उनके बेटे पर गोलीबारी करवाने के मुख्य आरोपी दशरथ शुक्ला को बुंडू से हथियारों सहित गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दशरथ शुक्ला कभी हरेराम सिंह के लिए ही काम करता था और भाजपा का कार्यकर्ता भी बताया जाता है। पुलिस जल्द ही मामले का खुलासा करेगी, फिलहाल तीन अन्य आरोपियों के साथ गोलीबारी के मामले में चार से पांच हथियार बरामद हुए हैं।
जमशेदपुर में हुई कारोबारी हरेराम सिंह और उनके बेटे पर गोलीबारी की घटना ने शहर के कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे, लेकिन पुलिस की जांच में जो सनसनीखेज खुलासा हुआ है, वह किसी को भी हैरान कर देने वाला है। गोलीबारी का मास्टरमाइंड कोई बाहरी नहीं, बल्कि वही व्यक्ति निकला जो पीड़ित कारोबारी के लिए कभी काम करता था। पुलिस ने गोलमुरी निवासी इस विश्वासघाती आरोपी दशरथ शुक्ला को बुंडू से पिस्तौल समेत अन्य हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
अपराधी का दोहरा चरित्र: मालिक पर ही चलाई गोली
दशरथ शुक्ला का चरित्र पुलिस के लिए एक पहेली बन चुका था। वह एक तरफ कारोबारी हरेराम सिंह के लिए काम करता था, तो दूसरी तरफ उसका नाम जमशेदपुर के दुर्दांत अपराधियों के नाम पर धमकी दिलवाने में भी शामिल था। इसके अलावा, दशरथ शुक्ला का नाम कई आपराधिक मामलों में दर्ज है और वह पहले भी जेल जा चुका है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि वह खुद को भाजपा का कार्यकर्ता भी बताता है।
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साजिश का पर्दाफाश: गोलीबारी की घटना की जांच में पता चला कि दशरथ शुक्ला की भूमिका अत्यंत संदिग्ध थी। उसने न सिर्फ हमले के लिए भाड़े के अपराधियों की मदद की, बल्कि हमले से पहले पूरे इलाके की रेकी भी की और गोलीबारी की साजिश को अंजाम दिया। पुलिस की जांच में गोलीबारी का कारण किसी व्यक्तिगत रंजिश या अवैध लेवी से जुड़ा हो सकता है।
बुंडू से गिरफ्तारी: पुलिस जल्द करेगी बड़ा खुलासा
गोलीबारी की घटना के बाद से ही दशरथ शुक्ला पुलिस की नजरों से ओझल था। सूचना के आधार पर जमशेदपुर पुलिस की टीम ने दबिश दी और उसे बुंडू के पास से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से पिस्तौल समेत अन्य हथियार भी बरामद किए गए हैं। पुलिस अब उसे जमशेदपुर लाकर गहन पूछताछ कर रही है ताकि इस पूरे षड्यंत्र के पीछे के सभी तारों को जोड़ा जा सके।
इस मामले में दशरथ शुक्ला के अलावा तीन और लोगों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने इस पूरे गिरोह के पास से करीब चार से पांच हथियार बरामद किए हैं। जमशेदपुर के वरीय पुलिस पदाधिकारी जल्द ही एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर पूरे मामले का खुलासा करेंगे, जिसके बाद पता चलेगा कि एक विश्वस्त कर्मचारी ने अपने मालिक पर ही हमला क्यों करवाया।
आपकी राय में, जमशेदपुर में अपराधी गिरोहों को भाड़े के अपराधी और हथियार की आपूर्ति को रोकने के लिए पुलिस को कौन से दो सबसे प्रभावी और निवारक कदम उठाने चाहिए?
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