Jamshedpur Tragedy : सुंदरनगर फाटक के पास दर्दनाक हादसा, 58 वर्षीय पूर्व बस चालक की मौके पर ही मौत, परिवार में क्यों मचा है कोहराम?
जमशेदपुर के सुंदरनगर थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह ट्रेन दुर्घटना में जोद्रागोडा निवासी 58 वर्षीय शंभु लोहार की मौके पर ही मौत हो गई। शौच के लिए जाते समय वह रेल लाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट में आ गए। एक साल पहले तक बस चालक रहे मृतक पर ही परिवार का गुजारा निर्भर था, जिससे पूरा परिवार सदमे में है।
जमशेदपुर में सुंदरनगर थाना क्षेत्र के जोद्रागोडा निवासी एक गरीब परिवार पर गुरुवार सुबह काल बनकर एक भीषण ट्रेन दुर्घटना टूटी। 58 वर्षीय शंभु लोहार रोज की तरह शौच के लिए घर से बाहर निकले थे, लेकिन शायद उन्हें मालूम नहीं था कि वह आज जीवन और मृत्यु की अंतिम रेखा पार करने जा रहे हैं। इस दर्दनाक हादसे ने न सिर्फ एक व्यक्ति की जान ली, बल्कि एक पूरे परिवार के गुजारे पर गहरा संकट पैदा कर दिया है।
सुबह 4:30 बजे हादसा: रेल लाइन पार करते समय काल ने दबोचा
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह दर्दनाक हादसा गुरुवार सुबह करीब 4:30 बजे हुआ। शंभु लोहार सुंदरनगर फाटक पार करने के बाद पोल नंबर 253/87 के पास रेल लाइन पार कर रहे थे, जब वह अचानक तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसा इतना भयानक था कि शंभु लोहार की मौके पर ही मौत हो गई। आसपास मौजूद लोगों ने तत्काल परिजनों को सूचना दी, जिन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर यह विचलित करने वाली स्थिति देखी और स्तब्ध रह गए।
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प्रशासनिक कार्रवाई: परिजनों ने तुरंत सुंदरनगर थाना पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुँचकर शव को कब्जे में लिया। आवश्यक पंचनामा की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
परिवार का गुजारा: बीमारी के कारण छूटा काम, अब आय का कोई साधन नहीं
इस दर्दनाक दुर्घटना ने शंभु लोहार के परिवार में कोहराम मचा दिया है। बहू लक्ष्मी लोहार ने बताया कि शंभु लोहार के चार बच्चे हैं। करीब एक वर्ष पहले तक वह सुंदरनगर से साकची रूट पर मिनी बस चालक का कार्य करते थे। लेकिन लगातार स्वास्थ्य खराब रहने के कारण पिछले कई महीनों से वह घर पर ही थे और कोई काम नहीं कर पा रहे थे।
सबसे बड़ा संकट यह है कि यह पूरा परिवार मुख्य रूप से शंभु लोहार की कमाई पर ही निर्भर था। अचानक हुई इस दुर्घटना ने न सिर्फ एक जीवन को समाप्त कर दिया, बल्कि परिवार की आर्थिक रीढ़ को भी तोड़ दिया है, जिससे पूरा परिवार गहरे सदमे और आर्थिक असुरक्षा के संकट में डूब गया है।
आपकी राय में, रेलवे लाइन के करीब रहने वाले गरीब परिवेश के लोगों को इस तरह के ट्रेन हादसों से बचाने और सुरक्षित शौच की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और रेलवे को कौन से दो सबसे अनिवार्य और निवारक कदम उठाने चाहिए?
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