Adityapur Attack : दिंदली बस्ती में एक परिवार पर असामाजिक तत्वों का खौफनाक कहर, खिड़की पर पटाखे फोड़ने के विरोध पर जान से मारने की धमकी और तोड़फोड़!
सरायकेला के आदित्यपुर थाना अंतर्गत दिंदली बस्ती में एक परिवार के घर और दुकान पर असामाजिक तत्वों ने बीती रात जमकर उत्पात मचाया। पीड़ित सुमन मिश्रा ने खिड़की पर पटाखे फोड़ने का विरोध किया तो गुंडों ने गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी, साथ ही दुकान में तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
झारखंड में त्यौहारों के माहौल के बीच कुछ इलाकों में असामाजिक तत्वों का उत्पात और गुंडागर्दी भी अपने चरम पर है। सरायकेला जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र के दिंदली बस्ती में बीती रात जो घटना हुई, वह सिर्फ एक मामूली झगड़ा नहीं थी, बल्कि यह क्षेत्र के कुछ गुंडों के सरेआम कहर और कानून के प्रति उनके खुले चुनौती को दर्शाती है। एक परिवार के घर और उनकी जीविका के साधन दुकान पर हमला करके पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया गया है।
पटाखे फोड़ने से शुरू हुआ उत्पात: जान से मारने की धमकी
पीड़ित सुमन मिश्रा ने बताया कि रात करीब 9:15 बजे जब वह अपने घर पर थे, तभी बस्ती के कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर उनके घर की खिड़की पर पटाखे फोड़ने की कोशिश की। यह सिर्फ एक शरारत नहीं, बल्कि इलाके में दहशत पैदा करने की एक कोशिश थी।
जब सुमन मिश्रा ने इसका विरोध किया, तो मामला तुरंत बिगड़ गया। असामाजिक तत्वों ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को गाली-गलौज करनी शुरू कर दी और जान से मारने की धमकियां भी दीं। विरोध को और बढ़ता देखकर सुमन मिश्रा के बड़े पुत्र सुदर्शन मिश्रा जब उन्हें रोकने के लिए आगे आए, तो उनके साथ भी न सिर्फ अभद्र व्यवहार किया गया, बल्कि उन्हें भी जान से मारने की खुली धमकी दी गई।
दुकान में तोड़फोड़: जीविकोपार्जन का साधन बना निशाना
यह उत्पात सिर्फ घर की दहलीज तक ही सीमित नहीं रहा। गुंडों ने परिवार की दुकान में भी जमकर तोड़-फोड़ की। यह दुकान मिश्रा परिवार के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन है। दुकान में तोड़फोड़ करके अपराधियों ने सिर्फ संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि परिवार की रोजी-रोटी और उनके भविष्य पर भी हमला किया।
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पूरा परिवार भयभीत: सुमन मिश्रा के परिवार ने बताया कि इस घटना से वे अत्यंत भयभीत हैं। सरेआम घर पर हमला और जान से मारने की धमकियों ने उन्हें सदमे में डाल दिया है। उन्होंने आदित्यपुर पुलिस से तुरंत कार्रवाई करने और उनकी जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है।
आदित्यपुर थाना प्रभारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। स्थानीय लोगों की मांग है कि ऐसे असामाजिक तत्वों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए ताकि बस्ती में शांति और सुरक्षा बहाल हो सके।
आपकी राय में, सरायकेला समेत अन्य शहरी बस्तियों में असामाजिक तत्वों के बढ़ते आतंक और गुंडागर्दी को रोकने तथा पीड़ितों को सुरक्षा दिलाने के लिए स्थानीय पुलिस को कौन से दो सबसे प्रभावी और निवारक कदम उठाने चाहिए?
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