Jamshedpur Vigilance: निरीक्षण ने बढ़ाई हलचल! घाटशिला उपचुनाव के लिए को-ऑपरेटिव कॉलेज में प्रेक्षकों ने परखी '3-स्तरीय सुरक्षा', स्ट्रांग रूम में चप्पे-चप्पे पर CCTV निगरानी

घाटशिला (अ.ज.जा.) विधानसभा उप निर्वाचन 2025 के मद्देनजर सामान्य प्रेक्षक, पुलिस प्रेक्षक और जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने को-ऑपरेटिव कॉलेज स्थित डिस्पैच सेंटर, स्ट्रांग रूम और मतगणना केंद्र का निरीक्षण किया। प्रेक्षकों ने सुरक्षा के लिए '3-स्तरीय सुरक्षा' की कड़ाई से निगरानी करने और CCTV मॉनिटरिंग में कोई लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं।

Oct 22, 2025 - 20:37
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Jamshedpur Vigilance: निरीक्षण ने बढ़ाई हलचल! घाटशिला उपचुनाव के लिए को-ऑपरेटिव कॉलेज में प्रेक्षकों ने परखी '3-स्तरीय सुरक्षा', स्ट्रांग रूम में चप्पे-चप्पे पर CCTV निगरानी
Jamshedpur Vigilance: निरीक्षण ने बढ़ाई हलचल! घाटशिला उपचुनाव के लिए को-ऑपरेटिव कॉलेज में प्रेक्षकों ने परखी '3-स्तरीय सुरक्षा', स्ट्रांग रूम में चप्पे-चप्पे पर CCTV निगरानी

पूर्वी सिंहभूम जिले में होने जा रहे 45-घाटशिला (अ.ज.जा.) विधानसभा उप निर्वाचन, 2025 की तैयारियों को लेकर बुधवार को एक बड़ी हलचल देखने को मिली। चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नियुक्त सामान्य प्रेक्षक श्रीमती राखी विश्वास, पुलिस प्रेक्षक श्री गजराव भूपल और जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री कर्ण सत्यार्थी ने मतदान सामग्री वितरण और मतगणना के प्रमुख केंद्र को-ऑपरेटिव कॉलेज का विस्तृत निरीक्षण किया।

इस निरीक्षण ने न सिर्फ अधिकारियों को चौकन्ना कर दिया, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि निर्वाचन आयोग इस उपचुनाव में सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। विशेष रूप से ईवीएम की सुरक्षा वाले स्ट्रांग रूम और मतगणना केंद्रों की बारीकियों को परखा गया, ताकि चुनाव परिणाम को लेकर किसी भी तरह के सवाल न उठें।

स्ट्रांग रूम पर सबसे ज्यादा फोकस: कड़ी चेतावनी जारी

निरीक्षण के दौरान प्रेक्षकों ने को-ऑपरेटिव कॉलेज में स्थित डिस्पैच सेंटर और मतगणना केंद्र के भौतिक प्रबंधों को गहनता से देखा। लेकिन सबसे अधिक जोर स्ट्रांग रूम की सुरक्षा पर था, जहां मतदान के बाद ईवीएम मशीनें रखी जाती हैं। इसकी व्यवस्था को लेकर निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष अवलोकन किया गया:

  1. 3-स्तरीय सुरक्षा: स्ट्रांग रूम की तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति।

  2. तकनीकी निगरानी: सीसीटीवी कैमरा निगरानी प्रणाली की सतत कार्यक्षमता।

  3. आपातकालीन प्रबंध: विद्युत आपूर्ति और अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता और तैयारी।

  4. प्रवेश नियंत्रण: स्ट्रांग रूम में प्रवेश नियंत्रण और अधिकृत कर्मियों की सूचियों का सत्यापन।

प्रेक्षकों ने सख्त निर्देश दिया कि स्ट्रांग रूम क्रियाशील होते ही उसकी चौबीसों घंटे सुरक्षा में 'किसी भी प्रकार की लापरवाही' न बरती जाए। यह चेतावनी पिछले चुनावों में हुई कुछ छोटी मोटी चूकों की पृष्ठभूमि में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

चुनाव आयोग के नियमों का सख्ती से पालन

प्रेक्षकों ने स्पष्ट किया कि सभी मतगणना टेबल की व्यवस्था, ईवीएम की सुरक्षित अभिरक्षा और मतगणना कर्मियों का प्रशिक्षण निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होना चाहिए। डिस्पैच और काउंटिंग दिवस के लिए सुचारू संचालन हेतु संबंधित अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री कर्ण सत्यार्थी ने इस बात पर जोर दिया कि प्रशासन पूरी तत्परता से चुनाव प्रक्रिया के सफल आयोजन में जुटा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि चुनाव के प्रत्येक चरण में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा रही है। यह निरीक्षण घाटशिला उपचुनाव को अत्यंत सफल और विवाद मुक्त बनाने की प्रशासनिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है।

आपकी राय में, भारत में उपचुनावों के दौरान स्ट्रांग रूम की 3-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को निर्वाचन आयोग क्यों इतना अनिवार्य मानता है और इसकी सीसीटीवी निगरानी में कोई लापरवाही क्यों नहीं बर्दाश्त की जाती? कोई दो प्रमुख कारण बताएं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।