Graduate College: मानवाधिकार दिवस का आयोजन, छात्रों को दिए महत्वपूर्ण संदेश
ग्रेजुएट महाविद्यालय में मानवाधिकार दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन, जिसमें छात्रों को अधिकारों और कर्तव्यों के महत्व पर जागरूक किया गया।
ग्रेजुएट महाविद्यालय। आज 10 दिसंबर को पूरे विश्व में मानवाधिकार दिवस के अवसर पर ग्रेजुएट महाविद्यालय में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राजनीति विज्ञान और शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से आयोजित किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. वीणा सिंह प्रियदर्शी थीं, जिन्होंने अपने सम्बोधन में मानवाधिकार और कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्राचार्या ने दिया प्रेरणादायक संदेश
डॉ. वीणा सिंह प्रियदर्शी ने अपने वक्तव्य में कहा कि मानवाधिकार केवल प्राप्ति का अधिकार नहीं है, बल्कि यह एक कर्तव्य भी है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे न केवल अपने अधिकारों को समझें बल्कि दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान करें। उन्होंने संविधान की रक्षा के महत्व पर बल दिया और कहा, "जब हम एक-दूसरे का सहयोग करेंगे और अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे, तभी राम राज्य का सपना सच हो पाएगा।"
राजनीति विज्ञान विभाग का योगदान
कार्यक्रम के दौरान राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार सिंह ने मानवाधिकार दिवस के महत्व और इसके इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे मानवाधिकार का विचार विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं, जैसे कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1948 में घोषित मानवाधिकार घोषणा पत्र, से विकसित हुआ। यह घोषणा पत्र आज भी मानवाधिकार की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है।
एनएसएस छात्राओं का नुक्कड़ नाटक
कार्यक्रम में एनएसएस छात्राओं ने एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि समाज में अपने और दूसरों के अधिकारों की रक्षा कैसे की जाती है। यह नाटक छात्रों को एक सशक्त संदेश देने में सफल रहा कि मानवाधिकार केवल कानून का विषय नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
मंच का संचालन डॉ. निशा कुमारी कोनगारी ने किया, जबकि बी.एड. विभाग के प्रमुख डॉ. विशेश्वर यादव ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल छात्रों में जागरूकता बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं।
उपस्थित गणमान्य लोग
इस अवसर पर महाविद्यालय की कई प्रमुख शिक्षिकाएं और शिक्षक भी मौजूद रहे। इनमें डॉ. सुनीता, डॉ. अनामिका, डॉ. सुशीला हंसदा, डॉ. संगीता, डॉ. सुलेखा, डॉ. निशा, डॉ. अपराजिता, डॉ. पूनम, डॉ. श्वेता, डॉ. जया, दीपिका कुजूर, डॉ. मीनू वर्मा, प्रो. इंदू सिंहा, और प्रो. प्रीति शामिल थे। उनका उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ी।
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