Nashik Violence: जब दरगाह हटाने पहुंची टीम पर बरसे पत्थर, 21 पुलिसकर्मी घायल, जानिए पूरी कहानी

नाशिक में एक अवैध दरगाह को हटाने की कार्रवाई के दौरान भड़की हिंसा में 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हाईकोर्ट के आदेश पर हुई इस कार्रवाई में भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। स्थिति अब नियंत्रण में है।

Apr 16, 2025 - 15:28
Apr 16, 2025 - 15:30
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Nashik Violence: जब दरगाह हटाने पहुंची टीम पर बरसे पत्थर, 21 पुलिसकर्मी घायल, जानिए पूरी कहानी
Nashik Violence: जब दरगाह हटाने पहुंची टीम पर बरसे पत्थर, 21 पुलिसकर्मी घायल, जानिए पूरी कहानी

महाराष्ट्र के नाशिक शहर में बीती रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब Satpeer Baba Dargah को हटाने पहुंचे प्रशासनिक अमले पर भीड़ ने पथराव कर दिया। इस हिंसा में 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए और तीन पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। यह कार्रवाई बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के तहत की जा रही थी, लेकिन हालात अचानक बिगड़ गए और पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना मंगलवार रात करीब 11:30 बजे की है, जब दरगाह ट्रस्टी अदालत के आदेशानुसार खुद ही अवैध संरचना को हटाने के लिए मौके पर पहुंचे थे। नाशिक के कट्ठे गली क्षेत्र में स्थित यह दरगाह पहले से ही विवादों में थी। प्रशासन की ओर से फरवरी में इस क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था, लेकिन स्थानीय नेताओं और नागरिकों की मांग थी कि पूरी दरगाह भी हटाई जाए क्योंकि वह भी कथित रूप से अवैध निर्माण था।

जब ट्रस्ट ने मंगलवार रात को संरचना हटाने का प्रयास शुरू किया, तभी उस क्षेत्र में उस्मानिया चौक के पास भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस और मुस्लिम नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी। बात इतनी बिगड़ गई कि भीड़ ने पत्थरबाज़ी शुरू कर दी और माहौल हिंसक हो गया।

कैसे बेकाबू हुई भीड़?

नाशिक पुलिस आयुक्त संदीप कर्णिक के अनुसार, हिंसा को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। तीन पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और 21 पुलिसकर्मी चोटिल हुए। भीड़ ने ट्रस्टियों और मध्यस्थों पर भी हमला किया।

पुलिस उपायुक्त किरणकुमार चव्हाण ने बताया कि घटनास्थल से 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है और 57 मोटरसाइकिलें जब्त की गई हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

सुबह फिर से हुई कार्रवाई

बुधवार सुबह करीब 6 बजे, नाशिक महानगरपालिका (NMC) की टीम एक बार फिर मौके पर पहुंची। 50 से अधिक कर्मचारी, 4 जेसीबी मशीन, 6 ट्रक और 2 डंपर की सहायता से Satpeer Baba Dargah को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई पूरी तरह से हाईकोर्ट के आदेश के तहत की गई थी।

फरवरी में भी हुआ था विरोध

गौरतलब है कि फरवरी 2025 में भी NMC ने इसी क्षेत्र में कई अवैध ढांचों को हटाया था, लेकिन उस समय दरगाह को नहीं छुआ गया था। उस समय नाशिक सेंट्रल की विधायक देव्यानी फरणदे ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि “अभियान अधूरा है, जब तक दरगाह नहीं हटती, तब तक अभियान अधूरा ही माना जाएगा।”

इस बयान के बाद से ही इस स्थल को लेकर तनाव बना हुआ था, और यह हिंसक विरोध उसी का नतीजा माना जा रहा है।

अब आगे क्या?

पुलिस का कहना है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही है और अन्य उपद्रवियों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज का सहारा लिया जा रहा है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को शांत बनाए रखने के लिए इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है।

Nashik में दरगाह पर चला बुलडोजर सिर्फ एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि स्थानीय राजनीति, धार्मिक भावनाओं और कानूनी आदेशों के बीच फंसी एक संवेदनशील कहानी बन चुकी है। हालांकि पुलिस ने अब हालात पर काबू पा लिया है, लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है — क्या हर अतिक्रमण पर इतना भारी विरोध होगा? क्या अदालतों के आदेशों का सम्मान भविष्य में भी इसी तरह होगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।