Jamshedpur River Cleaning :टुसू परब और मकर संक्रांति पर स्वच्छता की मांग: सांसद बिद्युत महतो ने उपायुक्त को लिखा पत्र

सांसद बिद्युत बरण महतो ने टुसू परब और मकर संक्रांति के लिए पूर्वी सिंहभूम के नदी घाटों और जलाशयों की सफाई के लिए उपायुक्त से तत्काल कदम उठाने की मांग की।

Jan 12, 2025 - 10:38
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Jamshedpur River Cleaning :टुसू परब और मकर संक्रांति पर स्वच्छता की मांग: सांसद बिद्युत महतो ने उपायुक्त को लिखा पत्र
Jamshedpur River Cleaning :टुसू परब और मकर संक्रांति पर स्वच्छता की मांग: सांसद बिद्युत महतो ने उपायुक्त को लिखा पत्र

जमशेदपुर, 11 जनवरी 2025। झारखंड के सांसद बिद्युत बरण महतो ने आगामी टुसू परब और मकर संक्रांति पर्व के मद्देनजर पूर्वी सिंहभूम जिले के नदी घाटों और जलाशयों की साफ-सफाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। सांसद महतो ने जिले के उपायुक्त को एक पत्र लिखकर सोनारी दुमुहानी, बारीडीह, बरौदा घाट, कदमा भूईयाडीह जैसे प्रमुख घाटों और ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों की स्वच्छता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

टुसू परब और मकर संक्रांति: झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर

झारखंड में टुसू परब और मकर संक्रांति केवल त्योहार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा और धार्मिक आस्था का संगम है। यह पर्व खासतौर पर आदिवासी और मूलवासी समुदायों द्वारा पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

इस दिन लोग नदी घाटों और तालाबों में पवित्र स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। ऐसे में घाटों और जलाशयों की स्वच्छता इन पर्वों की पवित्रता और परंपरा को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सांसद बिद्युत महतो का स्वच्छता अभियान पर जोर

सांसद महतो ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि इन पवित्र पर्वों के दौरान स्वच्छ और सुरक्षित घाटों की आवश्यकता सर्वोपरि है। उन्होंने उपायुक्त से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि:

  • सभी नदी घाटों और तालाबों की तत्काल सफाई हो।
  • मेला स्थानों और स्नान स्थलों पर पर्याप्त स्वच्छता व्यवस्था हो।
  • नगर निकायों और प्रखंड विकास अधिकारियों को समुचित दिशा-निर्देश दिए जाएं।

प्रमुख घाट और स्वच्छता की प्राथमिकता

सांसद ने विशेष रूप से सोनारी दुमुहानी, बारीडीह, बरौदा घाट, कदमा भूईयाडीह जैसे नदी घाटों को सूचीबद्ध किया है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु स्नान करने और त्योहार मनाने के लिए आते हैं। इन स्थलों की गंदगी न केवल धार्मिक अनुभव को प्रभावित करती है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न कर सकती हैं।

ग्रामीण तालाबों का महत्व:
ग्रामीण क्षेत्रों के तालाब और जलाशय टुसू और मकर संक्रांति की रस्मों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनकी स्वच्छता के बिना पर्व की पवित्रता अधूरी मानी जाती है।

नगर निकायों और प्रशासन की भूमिका

सांसद महतो ने प्रशासनिक अधिकारियों से इस विषय को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।

  • नगर निकायों और प्रखंड अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे त्वरित कार्यवाही करें।
  • स्थानीय स्तर पर जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया गया है ताकि घाटों और तालाबों की साफ-सफाई को सतत बनाए रखा जा सके।

टुसू परब और मकर संक्रांति का इतिहास

टुसू परब, झारखंड का पारंपरिक पर्व, खासकर आदिवासी समाज में खेती और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने के लिए मनाया जाता है।

  • मकर संक्रांति, सूर्य देवता को समर्पित पर्व है, जिसमें नए फसल की शुरुआत का जश्न मनाया जाता है।
  • इन त्योहारों पर नदी घाटों और तालाबों का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व बढ़ जाता है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।