Jamshedpur Saraswati Puja: दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी को मिला खास न्योता, झामुमो युवा नेता प्रहलाद लोहरा ने की अनोखी पहल
31 फीट ऊंची सरस्वती प्रतिमा के भव्य पूजन के लिए दिशोम गुरु शिबू सोरेन को झामुमो युवा नेता प्रहलाद लोहरा ने सादर आमंत्रित किया। जानें इस आयोजन की खासियत और ऐतिहासिक महत्व।
रांची, 11 जनवरी 2025। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो सुप्रीमो दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन जी को 31 फीट की विशाल सरस्वती प्रतिमा के भव्य पूजन के लिए विशेष आमंत्रण दिया गया है। यह अनोखा आयोजन सरस्वती पूजा कमेटी द्वारा किया जा रहा है, जिसमें पूरे क्षेत्र की जनता की भागीदारी की उम्मीद है।
भव्य आयोजन और दिशोम गुरु का योगदान
दिशोम गुरु शिबू सोरेन, जिन्हें झारखंड की राजनीति में एक आदर्श व्यक्तित्व और आदिवासी समाज के रक्षक के रूप में देखा जाता है, को इस भव्य आयोजन के लिए आमंत्रित करना कमेटी के सदस्यों के लिए गर्व की बात है। कमेटी के मुख्य संरक्षक प्रहलाद लोहरा ने कहा, "शिबू सोरेन जी का आशीर्वाद और उपस्थिति हमारे आयोजन को ऐतिहासिक बनाएगी।"
सरस्वती पूजा कमेटी की विशेष तैयारी:
इस बार 31 फीट ऊंची सरस्वती प्रतिमा बनाकर कमेटी ने झारखंड में एक नई परंपरा की शुरुआत की है। इस आयोजन में न केवल धार्मिक आस्था जुड़ी है, बल्कि यह समाज में शांति, शिक्षा और संस्कृति के प्रचार का माध्यम भी है।
झारखंड में सरस्वती पूजा का इतिहास
झारखंड में सरस्वती पूजा का अपना अनूठा महत्व है। आदिवासी समाज में भी शिक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए सरस्वती पूजा को बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। 31 फीट ऊंची सरस्वती प्रतिमा का यह आयोजन झारखंड में अब तक का सबसे ऊंचा माना जा रहा है, जो स्थानीय जनता के लिए गर्व की बात है।
शिबू सोरेन और उनकी विरासत:
दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जीवन झारखंड के आदिवासी समाज के उत्थान और उनके अधिकारों की लड़ाई में समर्पित रहा है। उनकी उपस्थिति न केवल कमेटी के लिए बल्कि पूरे झारखंड के लिए इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाएगी।
आमंत्रण और बधाई का भावपूर्ण दृश्य
शनिवार को शिबू सोरेन जी के आवास पर कमेटी के सभी सदस्य पहुंचे। कमेटी ने न केवल गुरु जी को सादर आमंत्रित किया, बल्कि उनके जन्मदिवस के शुभ अवसर पर बधाई भी दी।
आमंत्रण देने वालों में प्रमुख रूप से शामिल थे:
- प्रहलाद लोहरा (मुख्य संरक्षक)
- अभिषेक प्रधान
- पवन लोहरा
- मनोज लोहरा
- राहुल नाग
- इंद्रजीत लोहरा
- शिवचरण लोहरा
- सेंटी पोल
पूरे क्षेत्र में आयोजन की चर्चा
यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे क्षेत्रीय एकता का प्रतीक भी माना जा रहा है। आयोजन में हजारों भक्तों की उपस्थिति की उम्मीद है, और कमेटी इस बात को सुनिश्चित कर रही है कि हर पहलू को भव्य बनाया जाए।
विशेष आकर्षण:
- 31 फीट ऊंची सरस्वती प्रतिमा
- भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम
- स्थानीय और राष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति
- सामूहिक भंडारा और प्रसाद वितरण
झारखंड की जनता की भावनाएं
झारखंड की जनता के लिए सरस्वती पूजा न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। इस आयोजन ने लोगों के बीच उत्साह भर दिया है, और हर कोई दिशोम गुरु की उपस्थिति को लेकर उत्साहित है।
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