Chakulia Crisis: पागल कुत्ते का दो दिन तक भयानक आतंक! चाकुलिया नगर पंचायत में दीपावली की खुशियों के बीच 25 से ज्यादा लोगों को काटकर किया घायल

झारखंड के चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र में एक पागल कुत्ते ने दो दिनों तक जमकर आतंक मचाया। दीपावली के दिन समेत कुल मिलाकर उसने दो दर्जन से अधिक लोगों, जिनमें कई बच्चे शामिल हैं, को काटकर घायल कर दिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार को कुत्ते को पीटकर मार डाला। दो गंभीर घायलों को इलाज के लिए झाड़ग्राम रेफर किया गया है।

Oct 21, 2025 - 19:16
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Chakulia Crisis: पागल कुत्ते का दो दिन तक भयानक आतंक! चाकुलिया नगर पंचायत में दीपावली की खुशियों के बीच 25 से ज्यादा लोगों को काटकर किया घायल
Chakulia Crisis: पागल कुत्ते का दो दिन तक भयानक आतंक! चाकुलिया नगर पंचायत में दीपावली की खुशियों के बीच 25 से ज्यादा लोगों को काटकर किया घायल

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र में बीते दो दिन से एक पागल कुत्ते ने भयानक आतंक मचा रखा था। दीपावली की खुशियों के बीच कुत्ते के इस अचानक और लगातार हुए हमलों ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। इस हिंसक कुत्ते ने कई बच्चों समेत दो दर्जन से अधिक लोगों को काटकर घायल कर दिया, जिसमें बहरागोड़ा पीएचसी के प्रभारी डॉक्टर भी शामिल हैं।

आतंक का यह सिलसिला दीपावली के दिन, 20 अक्टूबर को शुरू हुआ। एक के बाद एक हमले करते हुए पागल कुत्ते ने राजेश मल्लिक, बुधनी सोरेन, शंकर मुंडा, इब्राहिम खान समेत दो दर्जन से अधिक लोगों को घायल कर दिया। घायलों को तुरंत स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन दो गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को आगे के इलाज के लिए पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम रेफर करना पड़ा।

डॉक्टर भी बना शिकार: आतंक की पराकाष्ठा

पागल कुत्ते का यह हमलावर मिजाज मंगलवार को भी जारी रहा। सुबह भी कुत्ते ने एक बच्ची समेत आठ अन्य लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। मंगलवार को चाकुलिया स्टेशन के पास हुए एक हमले में बहरागोड़ा स्थित मानुषमुड़िया पीएचसी के प्रभारी डॉ ओपी चौधरी भी घायल हो गए। डॉ चौधरी ने बताया कि वह जब स्टेशन से मानुषमुड़िया जा रहे थे, तभी कुत्ते ने उन्हें काट लिया।

  • रैबीज का खतरा: किसी डॉक्टर का खुद इस हमले का शिकार होना क्षेत्र में स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों के लिए एक बतरा संकेत है। लगातार हमलों से लोगों में गहरी दहशत फैल गई थी और उन्हें रैबीज **(Rabies) के संक्रमण का गंभीर डर सता रहा था।

आक्रोशित ग्रामीणों ने किया अंत

जब दो दिन तक कुत्ते का आतंक जारी रहा और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए, तो आक्रोशित ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। दहशत और गुस्से के माहौल में ग्रामीणों ने पागल कुत्ते को डंडों से पीट-पीटकर मार डाला। यह कदम एक तरह से आत्मरक्षा का था, क्योंकि स्थानीय प्रशासन की तरफ से इस खतरे को रोकने के लिए कोई तत्काल कार्रवाई नहीं की गई थी।

चाकुलिया में हुई यह घटना आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे और नगर निकायों द्वारा उनके नियंत्रण में दिखाई गई लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह आवश्यक है कि स्थानीय स्वास्थ्य और नगर प्रशासन रैबीज के खतरे को रोकने के लिए तत्काल टीकाकरण अभियान चलाए और घायल लोगों के इलाज को प्राथमिकता दे।

आपकी राय में, झारखंड के ग्रामीण एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में पागल और आवारा कुत्तों के हमलों को रोकने और रैबीज के खतरे को समाप्त करने के लिए स्थानीय प्रशासन और पशु कल्याण विभाग को कौन से दो सबसे प्रभावी और स्थायी कदम उठाने चाहिए?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।