आदित्यपुर में दुर्गा पूजा पंडाल का भव्य उद्घाटन, श्रेयशी सिंह ने की शुरुआत - बौद्ध धर्म की थीम ने खींची दर्शकों की भारी भीड़

आदित्यपुर में प्रवीन सेवा संस्थान और जय राम स्पॉटिंग यूथ क्लब द्वारा बनाए गए भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन भाजपा विधायक श्रेयशी सिंह ने महालया के दिन किया। बौद्ध धर्म की थीम पर बने इस पंडाल ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। जानिए आयोजन की अद्भुत कहानी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बारे में।

Oct 2, 2024 - 21:26
Oct 2, 2024 - 21:37
 0
आदित्यपुर में दुर्गा पूजा पंडाल का भव्य उद्घाटन, श्रेयशी सिंह ने की शुरुआत - बौद्ध धर्म की थीम ने खींची दर्शकों की भारी भीड़
आदित्यपुर में दुर्गा पूजा पंडाल का भव्य उद्घाटन, श्रेयशी सिंह ने की शुरुआत - बौद्ध धर्म की थीम ने खींची दर्शकों की भारी भीड़

आदित्यपुर: दुर्गा पूजा की रंगीन और भव्य शुरुआत आदित्यपुर में जय राम स्पॉटिंग यूथ क्लब और प्रवीन सिंह स्मृति सेवा संस्थान द्वारा बनाए गए पूजा पंडाल से हुई। महालया के दिन बिहार की भाजपा विधायक और ओलंपियन श्रेयशी सिंह ने इस भव्य पूजा पंडाल का उद्घाटन किया। यह पंडाल भारतीय सभ्यता, संस्कृति और बौद्ध धर्म की थीम पर आधारित है, जिसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

श्रेयशी सिंह ने किया उद्घाटन

पूजा पंडाल का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्रेयशी सिंह ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने पिता स्व. दिग्विजय सिंह और माँ पुतुल सिंह से मिले संस्कारों का ज़िक्र करते हुए कहा कि वे हमेशा बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। श्रेयशी सिंह ने ओलंपिक निशानेबाजी में देश का नाम रोशन किया है और उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक और ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। उन्होंने अपने संबोधन में बेटियों को शिक्षा और खेल में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और नारी सशक्तिकरण का संदेश दिया।

महिषासुर मर्दिनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम

उद्घाटन के बाद आयोजन में लघु नाटिका 'महिषासुर मर्दिनी' का मंचन हुआ, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इसके साथ ही पारंपरिक लोकनृत्य और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी लोगों का दिल जीत लिया। इन कार्यक्रमों में कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से भारतीय संस्कृति की विविधता और रंगीनता को बखूबी दर्शाया।

बौद्ध धर्म थीम पर आधारित पंडाल

इस वर्ष का पूजा पंडाल बौद्ध धर्म की थीम पर आधारित है। इसे मेचेदा, बंगाल से आए माँ पार्वती डेकोरेटर के कारीगरों ने अपनी कला से साकार किया है। पंडाल में म्यांमार के गोल्डेन टेम्पल की आकृति को दर्शाया गया है, जो दर्शकों को आकर्षित करने में सफल रही है। इसके अलावा पंडाल के चारों ओर बौद्ध धर्म के संदेशों को प्रसारित करने वाले पोस्टर और वॉल राइटिंग की गई है। इन संदेशों के माध्यम से बौद्ध धर्म के शांति, अहिंसा और करुणा के संदेश को फैलाने का प्रयास किया गया है।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण

फाउंडेशन ने पंडाल के चारों ओर हरियाली को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। दो माह पूर्व ही पंडाल परिसर में हरे-भरे पौधे लगाए गए थे, जो अब उस क्षेत्र को हरियाली से भर रहे हैं। यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है बल्कि दर्शकों को प्राकृतिक सुंदरता का आनंद भी प्रदान कर रहा है। इस भव्य पंडाल ने बौद्ध धर्म की थीम के माध्यम से 'सर्व-धर्म संभाव' का संदेश भी दिया है, जो भारतीय सभ्यता और सांस्कृतिक विविधता की महत्वपूर्ण पहचान है।

भीड़ को नियंत्रित करने में हुई कठिनाई

महालया अमावस्या के दिन कलश स्थापना की पूर्व संध्या पर इस पूजा पंडाल को दर्शकों के लिए खोल दिया गया था। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग इस भव्य और आकर्षक पंडाल को देखने पहुंचे। दर्शकों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन और समिति के सदस्यों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा, लेकिन इस आयोजन ने अपनी भव्यता और विविधता से सभी को प्रभावित किया।

प्रवीण सेवा संस्थान और समाज सेवा में योगदान

प्रवीण सेवा संस्थान ने समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। संस्था न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है बल्कि समाज में कई अन्य सकारात्मक प्रयासों में भी लगी रहती है। इस पूजा पंडाल का आयोजन उनके समर्पण और सेवा की भावना का एक और उदाहरण है। इस प्रकार के आयोजन से समाज में एकता और सौहार्द्र का माहौल बनता है, जो आज के समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

संस्कृति और धार्मिकता का अनोखा संगम

इस पूजा पंडाल में भारतीय सभ्यता और बौद्ध धर्म का अनोखा संगम देखने को मिला। पंडाल परिसर में गौतम बुद्ध की जीवनी को भी प्रदर्शित किया गया है, जिससे लोग भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के उन पहलुओं से रूबरू हो सकें जिन्हें अक्सर हम भूल जाते हैं। पंडाल में बुद्ध की अमृतवाणी के प्रसारण और उनके जीवन से संबंधित तथ्यों ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया।

पूजा पंडाल का महत्व और संदेश

इस आयोजन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि समाज में सभी धर्मों का सम्मान करना और उनकी शिक्षाओं को अपनाना ही सही प्रगति का मार्ग है। 'सर्व-धर्म संभाव' की भावना को बढ़ावा देने वाले इस पंडाल ने न केवल आदित्यपुर बल्कि पूरे झारखंड और बिहार में एक मिसाल कायम की है।

इस भव्य उद्घाटन और सामाजिक संदेश के साथ आदित्यपुर का यह दुर्गा पूजा पंडाल इस वर्ष का सबसे चर्चित स्थान बन गया है। श्रेयशी सिंह जैसे व्यक्तित्व के उद्घाटन और बौद्ध धर्म की थीम के साथ इस पंडाल ने दर्शकों को न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी आकर्षित किया है। इस प्रकार के आयोजन से समाज में सकारात्मकता और एकता का संदेश फैलाने में मदद मिलती है, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियाँ प्रेरित हो सकेंगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।