अंत्योदय अभियान: 216 लावारिस शवों के सामूहिक पिंडदान का आयोजन, जमशेदपुर में समाज सेवा की अनूठी मिसाल

जमशेदपुर के पार्वती शमशान घाट में अंत्योदय अभियान के तहत 216 लावारिस शवों के सामूहिक पिंडदान का आयोजन किया गया। जानिए कैसे इस अनूठी पहल ने समाज में सम्मानजनक विदाई की परंपरा को कायम रखा और शहरवासियों को सेवा में जोड़ा।

Oct 2, 2024 - 21:29
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अंत्योदय अभियान: 216 लावारिस शवों के सामूहिक पिंडदान का आयोजन, जमशेदपुर में समाज सेवा की अनूठी मिसाल
अंत्योदय अभियान: 216 लावारिस शवों के सामूहिक पिंडदान का आयोजन, जमशेदपुर में समाज सेवा की अनूठी मिसाल

अंत्योदय अभियान: लावारिस शवों के लिए सेवा और सम्मान का नया अध्याय

जमशेदपुर के पार्वती शमशान घाट में एक ऐतिहासिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण आयोजन हुआ। 'अंत्योदय एक अभियान' के तहत 216 लावारिस शवों की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक पिंडदान का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल उन लोगों के लिए सम्मानजनक विदाई का प्रतीक था जो समाज के हाशिये पर रह गए थे, बल्कि यह जमशेदपुर के नागरिकों के आपसी सहयोग और मानवता की अद्भुत मिसाल भी है। इस अवसर पर श्मशान घाट के कर्मचारियों को उनकी निशुल्क सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया, जिसमें विधि व्यवस्था डीएसपी तौकीर आलम और जुगसलाई थाना प्रभारी नित्यानंद महतो प्रमुख अतिथि थे। पार्वती शमशान घाट के सचिव डीके भट्ट भी इस समारोह में मुख्य रूप से मौजूद रहे।

अंत्योदय अभियान की शुरुआत और उद्देश्य

'अंत्योदय एक अभियान' की शुरुआत वर्ष 2022 में गणेश चतुर्थी के दिन हुई थी। जुगसलाई निवासी और पेशे से पत्रकार प्रवीण सेठी ने तत्कालीन एसएसपी प्रभात कुमार के साथ मिलकर इस अभियान की नींव रखी। इसका उद्देश्य उन लावारिस शवों को अंतिम संस्कार देना था जो समाज की उपेक्षा का शिकार हो गए थे और जिन्हें कोई सम्मानजनक विदाई देने वाला नहीं था। प्रवीण सेठी और उनके सहयोगियों ने दो वर्षों के भीतर 216 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया है, जिसमें शहर के कई लोगों का सहयोग भी शामिल है। इस अभियान ने समाज में उपेक्षित लोगों को भी सम्मान देने की परंपरा को नए सिरे से स्थापित किया है।

शहरवासियों का सहयोग और सामूहिक पिंडदान का आयोजन

इस अभियान के तहत प्रवीण सेठी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है जिसमें शहर के नागरिक शामिल हैं। इस ग्रुप के माध्यम से लोग लावारिस शवों की सूचना देते हैं और अंतिम संस्कार में आर्थिक सहयोग भी करते हैं। यह सहयोग कभी ₹1 से शुरू होता है तो कभी हजारों रुपए तक जाता है, जो यह दर्शाता है कि हर छोटी-बड़ी मदद महत्वपूर्ण है। हर साल पितृ पक्ष के अमावस्या के दिन सामूहिक पिंडदान का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी पिंडदान, कर्मचारियों का सम्मान और श्राद्ध भोज का आयोजन हुआ जिसमें 1000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। यह आयोजन एक संदेश देता है कि समाज के उपेक्षित वर्ग को भी हमारा सम्मान और सहयोग मिलना चाहिए।

श्राद्ध भोज और श्मशान घाट के कर्मचारियों का सम्मान

इस अवसर पर न केवल पिंडदान किया गया बल्कि श्मशान घाट के कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया जो इस सेवा में निरंतर योगदान दे रहे हैं। इन कर्मियों का सम्मान विधि व्यवस्था डीएसपी तौकीर आलम और जुगसलाई थाना प्रभारी नित्यानंद महतो ने किया। समाज सेवा के इस नेक कार्य में पार्वती शमशान घाट के सचिव डीके भट्ट भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इन कर्मचारियों ने लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनका सम्मान समाज के हर सदस्य को उनके योगदान की कद्र करना सिखाता है।

निशुल्क सेवा और समाजसेवा का संदेश

प्रवीण सेठी ने बताया कि जरूरत पड़ने पर लोग उनके व्हाट्सएप नंबर (9204886232, 7004813335) पर संपर्क कर इस कार्य में मदद प्राप्त कर सकते हैं। पार्वती शमशान घाट ने इस सेवा में निरंतर सहयोग दिया है, जिसमें मोक्ष वाहन और डीप फ्रीज की सुविधा भी शामिल है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन लावारिस और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निशुल्क सहायता प्रदान करना है जिन्हें समाज में नजरअंदाज किया जाता है। यह पहल समाज में सेवाभाव और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने का एक अनुकरणीय उदाहरण है।

शहरवासियों से अपील और भविष्य की योजना

प्रवीण सेठी ने जमशेदपुर के नागरिकों से अपील की कि वे इस नेक कार्य में आगे आएं और लावारिस शवों के सम्मानजनक विदाई में योगदान दें। उनका कहना है कि हर किसी का अधिकार है कि उसे सम्मानपूर्वक विदाई मिले और समाज को इस जिम्मेदारी को निभाना चाहिए। उन्होंने इस कार्य में पार्वती शमशान घाट के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे भी इस अभियान को बढ़ाने और अधिक से अधिक लोगों को इसमें जोड़ने की योजना बनाई है ताकि लावारिस शवों को सम्मानजनक विदाई देने की इस अनूठी पहल को और भी सफल बनाया जा सके।

अंत्योदय अभियान का महत्व

अंत्योदय अभियान ने जमशेदपुर में समाज सेवा का एक नया अध्याय लिखा है। यह न केवल उन लावारिस शवों के लिए है जो इस दुनिया से बिना किसी विदाई के चले गए, बल्कि उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है जो समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देना चाहते हैं। यह अभियान दिखाता है कि समाज के हर व्यक्ति का मूल्य है और हर आत्मा को शांति और सम्मान की आवश्यकता होती है। प्रवीण सेठी और उनके सहयोगियों की यह पहल मानवता का वह उज्जवल पक्ष है जो हमें एकजुट करता है और हमें सिखाता है कि सही मायनों में समाज सेवा क्या होती है।

इस अभियान के जरिए जमशेदपुर के नागरिकों ने न केवल लावारिस शवों को सम्मानजनक विदाई दी, बल्कि यह भी साबित किया कि एकता में कितनी शक्ति होती है। इस तरह के सामाजिक प्रयास न केवल हमारे शहर को, बल्कि पूरे समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाने में सहायक होते हैं। अंत्योदय अभियान ने अपने उद्देश्य और समाजसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से साबित कर दिया है कि अगर हम सभी मिलकर एक नेक कार्य में लग जाएं, तो किसी भी समस्या का समाधान संभव है।

इस अभियान में भाग लेना, केवल एक सेवा कार्य नहीं बल्कि एक आत्मा के प्रति सम्मान का प्रतीक है। जमशेदपुर ने यह साबित कर दिया है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, सेवा, सम्मान और सहयोग से हम हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं। इसलिए, आइए हम सभी इस नेक कार्य में प्रवीण सेठी और उनकी टीम के साथ कदम मिलाएं और समाज सेवा के इस आदर्श को और आगे बढ़ाएं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।