Ranchi Mystery Death: सड़क किनारे गड्ढे से निकले दो लाशें, बाइक भी गिरी मिली!
रांची-पुरुलिया रोड पर टाटीसिलवे के पास सड़क किनारे बने गड्ढे से दो अज्ञात युवकों की लाशें मिलने से सनसनी फैल गई। बाइक भी गिरी हुई पाई गई। हादसा या साजिश? पुलिस जांच में जुटी, जानिए पूरी कहानी।

झारखंड की राजधानी रांची में एक रहस्यमयी हादसे ने लोगों को हिला कर रख दिया है। रांची-पुरुलिया रोड पर टाटीसिलवे के पास नमक गोदाम के समीप, सड़क किनारे बने एक गहरे गड्ढे से दो अज्ञात युवकों के शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। यही नहीं, उसी गड्ढे में एक बाइक भी गिरी हुई मिली है।
सवाल यह उठता है कि ये मौतें हादसे की हैं या साजिश की? पुलिस जांच में जुट गई है, लेकिन अब तक मृतकों की पहचान तक नहीं हो पाई है।
क्या हुआ उस सुबह?
गुरुवार की सुबह जब स्थानीय लोग अपने रोज़मर्रा के काम पर निकले, तो उन्होंने सड़क किनारे बने एक गड्ढे में कुछ अजीब देखा। गड्ढे में दो लाशें पड़ी थीं और पास में एक बाइक भी उलटी गिरी हुई थी। सूचना मिलते ही टाटीसिलवे पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
पुलिस का कहना है कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती, मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सकता। हालांकि बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर खंगाल कर मृतकों की पहचान करने की कोशिश जारी है।
पहचान अब तक अधूरी, क्या है सच्चाई?
पुलिस और स्थानीय लोगों की कोशिशों के बावजूद अब तक दोनों मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। न उनके पास कोई पहचान पत्र था, न ही कोई ऐसा सुराग जिससे उनकी जानकारी मिल सके।
क्या वे किसी गांव से आए थे? क्या वे किसी काम से जा रहे थे? या फिर क्या यह सिर्फ एक आम दुर्घटना नहीं, बल्कि कोई गहरी साजिश है? हर सवाल रहस्य को और गहरा कर रहा है।
सड़क निर्माण बना मौत का कारण?
स्थानीय लोगों ने इस हादसे के लिए सड़क चौड़ीकरण के कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि निर्माण एजेंसियां गड्ढे तो खोद देती हैं, पर उन्हें भरती नहीं, न ही कोई चेतावनी बोर्ड या साइनबोर्ड लगाया जाता है।
"कई बार हमने शिकायत की कि इन गड्ढों की वजह से हादसे हो रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती," एक स्थानीय निवासी ने बताया। धूल भरी सड़कों पर बिना किसी सुरक्षा इंतज़ाम के चलना, खासकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
इतिहास भी गवाही दे रहा है
यह कोई पहला मामला नहीं है। रांची-पुरुलिया रोड लंबे समय से अपने अधूरे निर्माण, गड्ढों और अव्यवस्थाओं के लिए कुख्यात रही है। पिछले कुछ वर्षों में इस मार्ग पर दर्जनों दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई जानें भी जा चुकी हैं। परंतु हर बार सिर्फ खानापूर्ति होती है – और कुछ दिन बाद सबकुछ पहले जैसा।
अब आगे क्या?
फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है और बाइक नंबर के आधार पर मृतकों की पहचान की कोशिश में लगी है। उधर, स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस सड़क के हालात सुधारने के लिए सरकार कोई ठोस कदम उठाए।
क्या ये युवकों की आकस्मिक मौत थी या किसी की सोची-समझी साजिश? क्या सरकारी लापरवाही फिर से दो जिंदगियों की कीमत बन गई? जब तक जांच पूरी नहीं होती, हर सवाल अधूरा है – लेकिन अफसोस यह है कि जवाब चाहे जो भी हो, दो परिवारों ने हमेशा के लिए अपनों को खो दिया।
झारखंड की सड़कें अब सिर्फ यात्रा का ज़रिया नहीं रहीं – ये अब मौत के रास्ते बनती जा रही हैं। सरकारी लापरवाही, निर्माण कंपनियों की अनदेखी, और बुनियादी सुरक्षा की कमी ने दो युवकों की ज़िंदगी छीन ली, और पीछे छोड़ गए हैं कुछ अनुत्तरित सवाल।
क्या सरकार जागेगी?
या फिर अगली सुबह कोई और गड्ढे में पड़ा मिलेगा...?
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